पटना: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद अब बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) को लेकर सूबे में सियासी हलचल तेज हो गई है. विधान परिषद की 24 सीटों के साथ-साथ बोचहां विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव भी होना है. वीआईपी विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के कारण ये सीट खाली हुई है. महागठबंधन में तो इसको लेकर खींचतान चल ही रही है, एनडीए में भी अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. इस बीच जीतनराम मांझी की पार्टी ने भी 2 सीटों पर दावेदारी कर दी है.
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असल में जेडीयू 50-50 के फॉर्मूले पर सीटों का बंटवारा चाहता है. आरजेडी और कांग्रेस के कई विधान पार्षद जेडीयू में शामिल हुए थे, लेकिन खाली होने वाली 24 सीटों में से 13 सीट बीजेपी की सीटिंग है. इसलिए बीजेपी उसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. पार्टी मात्र 11 सीट जेडीयू को देना चाहती है.
जेडीयू की तरफ से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी बातचीत कर रहे हैं तो बीजेपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. जायसवाल ने अब तक की जो बातचीत हुई है, उससे केंद्रीय नेतृत्व को अवगत करा दिया है.
वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि विधान परिषद की 24 सीटों पर बीजेपी और जेडीयू के बीच तालमेल (Coordination Between BJP and JDU) हो जाएगा. पहले भी दोनों दल मिल-बैठकर सीटों पर फैसला लेते रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि दोनों दल सीटिंग सीट पर राजी हो जाएंगे.
"मुझे ऐसा लगता है कि बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर बीजेपी-जेडीयू के बीच तालमेल हो जाएगा. पहले भी दोनों दल मिल-बैठकर सीटों पर फैसला लेते रहे हैं. ऐसे में दोनों दल सीटिंग सीट पर राजी हो जाएंगे"- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार
भले ही विधान परिषद की सीटों पर अभी पेंच फंसा हुआ है लेकिन जेडीयू और बीजेपी नेताओं का कहना है कि सब कुछ शीर्ष नेतृत्व मिल बैठकर तय कर लेगा. कहीं कोई विवाद फिलहाल नहीं है.
"सीटों का बंटवार सही समय पर हो जाएगा. इसको लेकर कहीं कोई विवाद नहीं है. अभी प्रारंभिक दौर की बातचीत हुई है"- नीरज कुमार, प्रवक्ता, जेडीयू
"बीजेपी और जेडीयू के शीर्षस्थ नेतृत्व के बीच आपस में बातचीत चल रही है. कहीं कोई विवाद नहीं है. बातचीत से जो निष्कर्ष निकलेगा, उसी आधार पर फैसला होगा"- अरविंद सिंह, प्रवक्ता, बीजेपी
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वहीं, जीतनराम मांझी की पार्टी 2 सीटों पर दावेदारी कर रही है. पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान का कहना है कि हम लोगों को उम्मीद हैं कि हम लोगों को भी सीट दी जाएगी.
"हमारी पार्टी गया और सीतामढ़ी के एमएलसी निर्वाचन में अपना कैंडिडेट उतारेगी. एनडीए में अभी तक इसको लेकर सहमति नहीं बनी है, जो कहीं न कहीं चिंता का विषय है"- दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा
अभी बिहार विधान परिषद चुनाव की तिथि भी घोषित नहीं हुई है लेकिन जीत के दावे शुरू हो गए हैं. मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि हम लोग 24 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं और चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि कहीं कोई परेशानी नहीं होगी. सभी 24 सीटों पर हम लोग चुनाव जीतेंगे, एनडीए कहीं नजर नहीं आएगा.
"हम लोग 24 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं और चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो जाएगा. सभी 24 सीटों पर हम लोग चुनाव जीतेंगे और एनडीए कहीं नजर नहीं आएगा"- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी
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बता दें कि बिहार विधान परिषद की 24 सीट 16 जुलाई 2021 से ही खाली हैं. वैसे तो 4 सीट पहले से ही खाली थे. जिसमें तीन सीट विधानसभा चुनाव में विधायक बनने के कारण खाली हुई थी. वहीं, 16 जुलाई को 20 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया. मनोज कुमार, रीतलाल यादव और दिलीप राय विधानसभा चुनाव में जीते थे और इसके कारण इनकी सीट खाली हुई. जबकि 2 सदस्य हरिनारायण चौधरी और सुनील कुमार सिंह का निधन हो चुका है. शेष 19 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ, उसमें मनोरमा देवी, रीना यादव, राधाचरण साह संतोष कुमार सिंह, सलमान रागिब, राजन कुमार सिंह, सच्चिदानंद राय, टुन्न जी पांडे, बबलू गुप्ता, दिनेश प्रसाद सिंह, सुबोध कुमार, राजेश राम, दिलीप जायसवाल, संजय प्रसाद, अशोक अग्रवाल, नूतन सिंह, सुमन कुमार, आदित्य नारायण पांडे और रजनीश कुमार शामिल हैं.
विधान परिषद की 24 सीटों में से ज्यादातर बीजेपी के हैं. भोजपुर, सीतामढ़ी-शिवहर, मुंगेर-जमुई-लखीसराय के विधान पार्षद आरजेडी के समर्थन से चुनाव जीते थे, लेकिन जेडीयू में शामिल हो गए और उस पर भी जेडीयू की दावेदारी हो रही है. पटना-जेडीयू,भोजपुर-जेडीयू (आरजेडी से जेडीयू में शामिल), गया-जहानाबाद-अरवल-जेडीयू, नालंदा-जेडीयू, रोहतास-कैमूर-बीजेपी, नवादा- जेडीयू, औरंगाबाद-बीजेपी, सारण-बीजेपी, सिवान-बीजेपी, दरभंगा-बीजेपी, पूर्वी चंपारण-बीजेपी, मुजफ्फरपुर-जेडीयू, वैशाली-आरजेडी, समस्तीपुर-बीजेपी, पश्चिमी चंपारण-कांग्रेस, सीतामढ़ी-शिवहर-जेडीयू (आरजेडी से जेडीयू में शामिल), पूर्णिया-अररिया-किशनगंज-बीजेपी, भागलपुर-बांका- जेडीयू, मुंगेर-जमुई-लखीसराय -जेडीयू (आरजेडी से जेडीयू में शामिल), कटिहार-बीजेपी, सहरसा-मधेपुरा-सुपौल-बीजेपी, मधुबनी-बीजेपी, गोपालगंज-बीजेपी और बेगूसराय-खगड़िया-बीजेपी के खाते में थी.
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बिहार विधान परिषद चुनाव को लेकर अब भारत निर्वाचन आयोग को ही फैसला लेना है. 24 विधान परिषद सीटों के लिए होने वाले चुनाव में पंचायती राज संस्थाओं के 132000 मतदाता शामिल होंगे. चुनाव के लिए सभी प्रखंडों में 540 बूथों का गठन होगा. बड़े प्रखंड में 2 बूथ बनाए जा सकते हैं.
चुनाव में पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति के सदस्य और जिला परिषद सदस्य भी वोटर होंगे. वहीं शहरी निकाय से नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम के निर्वाचित सदस्यों के अलावा कंटोनमेंट बोर्ड के सदस्य भी स्थानीय निर्वाचन क्षेत्र प्राधिकार के माध्यम से निर्वाचित होने वाले सदस्यों को चुनेंगे. चुनाव आयोग अपनी तैयारी कर रहा है और जल्द ही तिथि घोषित होने की संभावना है लेकिन सीटों को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच पेंच अभी भी फंसा हुआ है, ऊपर से जीतनराम मांझी ने भी एनडीए की मुश्किल फिलहाल बढ़ा दी है.
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