पटना: बिहार के सुपौल जिले के सदर प्रखंड में बर्ड फ्लू की दस्तक (Bird Flu in Bihar) के बाद जिला प्रशासन एहतियाती कदम उठा रही है. इस दौरान एक किलोमीटर परिधि के सभी गांवों में मुर्गे, मुर्गियों के मारने का काम शुरू कर दिया गया है. पिछले 24 घंटे में 250 से अधिक मुर्गे, मुर्गियों को मार दिया गया है. दरअसल, सुपौल के सदर प्रखंड के छपकाही गांव के कुछ वार्ड में मरे मुर्गे, मुर्गियों से लिए गए सैंपलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि की गई है.
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पक्षियों को नष्ट करने का काम शुरू: बता दें कि बिहार के सुपौल जिले के सदर थाना के छपकाही गांव के कुछ वार्डों से लिए गए सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि (bird flu cases found in supaul) हुई है. पटना पशुपालन विभाग के निदेशक ने सोर्स एरिया के आसपास के इलाकों के मुर्गें-मुर्गियों को नष्ट करने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद जिले के डीएम कौशल कुमार (DM Kaushal Kumar) और एसपी डी अमर्केश के संयुक्त आदेश से रैपिड रिसपांस टीम का गठन किया गया है. जिसके बाद पशुपालन विभाग ने 1 किलोमीटर के दायरे में मुर्गे-मुर्गियों को नष्ट करने का काम शुरू कर दिया है.
250 से अधिक मुर्गे, बत्तख और हंस मारे गए: सुपौल के प्रभारी जिला पशुपालन पदाधिकारी रामाशंकर झा ने बताया कि बर्ड फ्लू की पुष्टि की रिपोर्ट बुधवार की देर शाम मिली थी, जिसके बाद विभाग द्वारा एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 258 मुर्गे, मुर्गियों, 37 बत्तख और 2 हंसों को मार दिया गया है. वहीं 9 किलोमीटर के इलाके के दायरे में जांच भी शुरू कर दी गयी है.
''बर्ड फ्लू के मामले में छपकाही गांव को केंद्र माना गया है. इसके एक किलोमीटर की परिधि में सभी गांवों के मुर्गे, मुर्गियों को मारा जा रहा है. इसके लिए पशुपालन विभाग द्वारा टीमों का गठन किया गया है. इस इलाके में कहीं भी मुर्गा फार्म नहीं है, जो राहत की बात है. हालांकि ये भी कहा कि ज्यादा चिंता वाली बात नहीं है. पिछले एक सप्ताह के दौरान कहीं से मुर्गा, मुर्गी मरने की खबर नहीं है. गाइडलाइन के सभी निर्देशों का पालन किया जा रहा है.'' - रामाशंकर झा, पशुपालन पदाधिकारी
दरअसल, दो सप्ताह पहले छपकाही गांव के वार्ड 1 से लेकर 11 तक में कुछ मुर्गे-मुर्गियों और बत्तख की अचानक छटपटा कर मौत होने लगी थी. इसके बाद लोगों ने कई कौए को भी मरा हुआ पाया. इस खबर को ईटीवी भारत ने 31 मार्च को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. लेकिन जिला वन पदाधिकारी सुनील कुमार शरण पक्षियों में बर्ड फ्लू से स्पष्ट इंकार किया दिया था.
क्या होता है बर्ड फ्लू : बर्ड फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) भी कहते हैं. ये एक पक्षी से दूसरे पक्षियों में फैलता है. बर्ड फ्लू का सबसे जानलेवा स्ट्रेन H5N1 होता है. H5N1 वायरस से संक्रमित पक्षियों की मौत भी हो सकती है. ये वायरस संक्रमित पक्षियों से अन्य जानवरों और इंसानों में भी फैल सकता है और इनमें भी ये वायरस इतना ही खतरनाक है.
दरअसल बीते 2 सप्ताह पहले छपकाही गांव के वार्ड 1 से लेकर 11 तक में कुछ मुर्गे-मुर्गियों और बत्तख की अचानक छटपटा कर मौत होने लगी थी. इसके बाद लोगों ने कई कौए को भी मरा हुआ पाया. इस खबर को ETV Bharat ने इस खबर को 31 मार्च को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. लेकिन जिला वन पदाधिकारी सुनील कुमार शरण पक्षियों में बर्ड फ्लू से स्पष्ट इंकार किया दिया था.
क्या होता है बर्ड फ्लू- बर्ड फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) भी कहते हैं. ये एक पक्षी से दूसरे पक्षियों में फैलता है. बर्ड फ्लू का सबसे जानलेवा स्ट्रेन H5N1 होता है. H5N1 वायरस से संक्रमित पक्षियों की मौत भी हो सकती है. ये वायरस संक्रमित पक्षियों से अन्य जानवरों और इंसानों में भी फैल सकता है और इनमें भी ये वायरस इतना ही खतरनाक है.
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