ETV Bharat / state

मासूम बच्चों पर कोरोना संक्रमण का असर, ज्यादातर बच्चे स्वस्थ होकर घर लौटे

बिहार में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रही है. ऐसे में 5 साल से कम बच्चों में भी संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि बिहार में छोटे बच्चों की कोरोना से रिकवरी रेट अच्छी है.

patna
पटना
author img

By

Published : Jul 17, 2020, 9:25 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. मासूम बच्चे भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं लेकिन सुखद खबर ये है कि बिहार में बच्चों की रिकवरी रेट ठीक-ठाक है. हालांकि कई मामलों में बच्चों के कोरोना पॉजिटिव नहीं होने के बावजूद कम उम्र के किशोरों को अपनी मां के साथ कोरोना वार्ड में रहने को विवश होना पड़ रहा है.

बिहार में बच्चों पर कम है कोरोना वायरस का प्रभाव
पूरे बिहार में अब तक 800 बच्चे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं जो कुल संक्रमित मरीजों का 4% है. 10 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या संक्रमित होने वाले अलग-अलग आयु समूह के लोगों में सबसे कम है. 5 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ सबसे बड़ी समस्या ये है कि अगर वे कोरोना पॉजिटिव नहीं है और उनकी मां कोरोना पॉजिटिव हैं तो ऐसी स्थिति में बच्चे को मां से अलग नहीं किया जा सकता है और बच्चे के ऊपर कोरोना से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है. वहीं दूसरी तरफ अगर बच्चे कोरोना पॉजिटिव हैं और मां नेगेटिव है तब भी मां को बच्चे के साथ रहना पड़ता है.

देखें रिपोर्ट

बच्चों का रिकवरी रेट ज्यादा
हालांकि इस पूरे परिदृश्य में सुखद पहलू यह है कि बच्चों पर कोरोना वायरस का प्रभाव बहुत कम है. लगभग शत-प्रतिशत बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं. वहीं अस्पताल प्रशासन के लिए बच्चों का इलाज परेशानी का सबब जरूर है.

patna
पटना के सिविल सर्जन डॉ. डी के चौधरी

प्रशासन के सामने चुनौती
पटना के सिविल सर्जन डॉ. डी के चौधरी का कहना है कि कम उम्र के बच्चे भी बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं. प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि बच्चों के साथ मां को रखना जरूरी होता है. ऐसे में दोनों पर कोरोना पॉजिटिव होने का खतरा बना रहता है. राजधानी पटना के कोविड अस्पताल एनएमसीएच में 40 से 50 कोरोना पॉजिटिव बच्चे भर्ती हुए थे. इनमें से सभी स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं.

बच्चों को दें विटामिन सी और जिंक ड्रॉप
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रतिभा कुमारी कहती हैं कि बच्चों को लेकर माता-पिता को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है. बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. बच्चों को डाइट में विटामिन सी और जिंक का ड्रॉप देना चाहिए. बच्चों को कसरत और योग भी करवाना चाहिए. अगर कोरोना से संक्रमित बच्चे हैं तो उन्हें दूसरे बच्चों से दूर रखना चाहिए.

patna
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रतिभा कुमारी

अस्पताल प्रशासन के सामने परेशानी
डॉ. प्रतिभा कुमारी ने कहा कि छोटे बच्चों को लेकर अस्पताल प्रशासन के सामने परेशानी जरूर है लेकिन अपनी रोग रोधक क्षमता के चलते छोटे बच्चे कोरोना को आसानी से मात दे देते हैं. यही कारण है कि ज्यादातर बच्चे स्वस्थ होकर घर भी लौट रहे हैं.

पटना: बिहार में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. मासूम बच्चे भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं लेकिन सुखद खबर ये है कि बिहार में बच्चों की रिकवरी रेट ठीक-ठाक है. हालांकि कई मामलों में बच्चों के कोरोना पॉजिटिव नहीं होने के बावजूद कम उम्र के किशोरों को अपनी मां के साथ कोरोना वार्ड में रहने को विवश होना पड़ रहा है.

बिहार में बच्चों पर कम है कोरोना वायरस का प्रभाव
पूरे बिहार में अब तक 800 बच्चे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं जो कुल संक्रमित मरीजों का 4% है. 10 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या संक्रमित होने वाले अलग-अलग आयु समूह के लोगों में सबसे कम है. 5 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ सबसे बड़ी समस्या ये है कि अगर वे कोरोना पॉजिटिव नहीं है और उनकी मां कोरोना पॉजिटिव हैं तो ऐसी स्थिति में बच्चे को मां से अलग नहीं किया जा सकता है और बच्चे के ऊपर कोरोना से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है. वहीं दूसरी तरफ अगर बच्चे कोरोना पॉजिटिव हैं और मां नेगेटिव है तब भी मां को बच्चे के साथ रहना पड़ता है.

देखें रिपोर्ट

बच्चों का रिकवरी रेट ज्यादा
हालांकि इस पूरे परिदृश्य में सुखद पहलू यह है कि बच्चों पर कोरोना वायरस का प्रभाव बहुत कम है. लगभग शत-प्रतिशत बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं. वहीं अस्पताल प्रशासन के लिए बच्चों का इलाज परेशानी का सबब जरूर है.

patna
पटना के सिविल सर्जन डॉ. डी के चौधरी

प्रशासन के सामने चुनौती
पटना के सिविल सर्जन डॉ. डी के चौधरी का कहना है कि कम उम्र के बच्चे भी बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं. प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि बच्चों के साथ मां को रखना जरूरी होता है. ऐसे में दोनों पर कोरोना पॉजिटिव होने का खतरा बना रहता है. राजधानी पटना के कोविड अस्पताल एनएमसीएच में 40 से 50 कोरोना पॉजिटिव बच्चे भर्ती हुए थे. इनमें से सभी स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं.

बच्चों को दें विटामिन सी और जिंक ड्रॉप
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रतिभा कुमारी कहती हैं कि बच्चों को लेकर माता-पिता को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है. बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. बच्चों को डाइट में विटामिन सी और जिंक का ड्रॉप देना चाहिए. बच्चों को कसरत और योग भी करवाना चाहिए. अगर कोरोना से संक्रमित बच्चे हैं तो उन्हें दूसरे बच्चों से दूर रखना चाहिए.

patna
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रतिभा कुमारी

अस्पताल प्रशासन के सामने परेशानी
डॉ. प्रतिभा कुमारी ने कहा कि छोटे बच्चों को लेकर अस्पताल प्रशासन के सामने परेशानी जरूर है लेकिन अपनी रोग रोधक क्षमता के चलते छोटे बच्चे कोरोना को आसानी से मात दे देते हैं. यही कारण है कि ज्यादातर बच्चे स्वस्थ होकर घर भी लौट रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.