पटनाः सीएम नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) आज जनता दरबार ( Janta Darbar) में लोगों की शिकायतें सुन रहे हैं. जहां सभी विभाग के अधिकारी मौजूद हैं. इस दौरान सिधवलिया प्रखंड की प्रमुख अपने गांव की समस्या लेकर सीएम के सामने पहुंची. जहां उन्होंने अपने क्षेत्र के अधिकारियों की लंबी शिकायत सीएम के सामने रखी. साथ ही 13 सालों से खुद को मानसिक प्रताड़ना का शिकार बताया.
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अपनी शिकायत लेकर सीएम नीतीश के सामने पहुंची महिला ने 'सुशासन की सरकार' की दुहाई दी और कहा कि अधिकारी इतने भ्रष्ट हो गए हैं कि बिना पैसे के कहीं काम नहीं होता. महिला की इतनी लंबी बातें सुनकर सीएम नराज हो गए और कहा कि 'जाइये आपकी शिकायत पर सुनवाई होगी. इतना लंबा स्पीच देने की जरूरत नहीं है'. इसके बावजूद वो महिला सीएम के सामने बोलती रहीं. बाद में महिला कर्मचारियों द्वारा उन्हें जबरदस्ती वहां से उठाया गया.
दरअसल गोपालगंज के सिधवलिया प्रखंड की प्रमुख अपने घोसी पंचायत में दबंगों द्वारा बाघा नाला पर जबरन अतिक्रमण कर लेने की शिकायत लेकर पहुंची थी. प्रखंड प्रमुख ने बताया कि 13 सालों से वो अंचालाधिकारी से लेकर उपसमहर्ता तक अपनी लिखित शिकायत दर्ज करा चुंकी हैं. लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
फरियादी ने बताया कि नाले पर अतिक्रमण किए जाने के कारण बाढ़ के दिनों में पूरा गांव डूब जाता है. साथ ही घोसी पंचायत को मुख्य सड़क से जोड़ने की मांग को लेकर भी कई बार अधिकारियों को आवेदन दे चुकीं है. लेकिन ये काम आज तक नहीं हुआ. जिला परिषद की बैठक में भी ये मामला उठा लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. अंचलाधिकारी द्वारा मनरेगा के तहत सड़क निर्माण का काम प्रस्तावित है. फिर भी राशि आवंटित नहीं हुई. फरियादी महिला ने गोपालगंज उपसमहर्ता वीरेंद्र प्रताप पर उनकी बात नहीं सुने जाने का आरोप लगाया.
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बता दें कि अक्टूबर महीने के पहले सोमवार के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार आज मुख्यमंत्री पुलिस व जमीन से जुड़े मामले सुने रहे हैं. जनता दरबार में गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, निगरानी, खान एवं भूतत्व और सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़ी शिकायतें सुनी जाती हैं. इसके लिए पहले से ही आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है.
दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.
प्रथम सोमवार : गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाएंगे.
द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभाग.
तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभाग.
जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.