पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आज जनता दरबार में लोगों की शिकायतों को सुना और उसका मौके पर ही निपटारा किया. इसी क्रम में जमीन विवाद से जुड़ी समस्या लेकर सीएम नीतीश के पास पहुंचे फरियादी ने कहा कि दो साल पहले उसने दो कट्ठा जमीन ली थी लेकिन खरीदने के बाद से सीओ साहब दाखिल खारिज नहीं कर रहे हैं और बार-बार रिजेक्ट कर दे करे हैं. सीएम ने शिकायत सुनने के बाद मौके पर मौजूद अधिकारियों को इस मामले में तुरंत एक्शन लेने का आदेश दिया.
ये भी पढ़ें- आज लगेगा नीतीश कुमार का जनता दरबार, इन विभागों से जुड़ी शिकायत सुनेंगे CM
"दो साल पहले दो कट्ठा जमीन लिये थे. सीओ साहब बार-बार मोटेशन को रिजेक्ट कर देते हैं. सुशील कुमार भू माफिया है उस इलाके का, उसे आपत्ति दिलाकर, फिर हम डीसीएलआर से बात किये. वो भी मेरे फेवर में आदेश दिए. एडीएम से मिले. उसके बाद भी नहीं हो रहा है."- फरियादी
इन विभागों की शिकायत लेकर पहुंचे थे फरियादी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, कारा विभाग, मद्य निषेध विभाग, निगरानी विभाग खान एवं भूतत्व विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतों सुनी और उसका निपटारा किया. मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद के ठीक बगल में बनाए गए हॉल में जनता दरबार लगेगा और संबंधित सभी विभागों के मंत्री और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहे.
नीतीश कुमार का जनता दरबार: आज भी सीमित संख्या में ही लोगों को जनता दरबार के लिए बुलाया गया था. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले लोगों को जिला प्रशासन कोविड जांच के बाद जनता दरबार लेकर आई और फिर जिला प्रशासन के माध्यम से ही उन्हें घर तक पहुंचाया जाएगा. मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद के ठीक बगल में बनाए गए हॉल में जनता दरबार लगेगा और संबंधित सभी विभागों के मंत्री और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री लोगों की शिकायत सुनने के बाद ऑनस्पॉट उनकी समस्याओं को दूर करने का निर्देश दिया.
पिछली बार जनता दरबार में 54 लोगों की सुनी फरियाद: पिछले महीने 12 दिसंबर को हुए जनता दरबार में सीएम नीतीश कुमार ने कुल 54 लोगों की शिकायतों को सुना और उनके तत्काल निवारण के लिए संबंधित मंत्रालय को आवश्यक निर्देश दिए. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुई.