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पटना: लॉकडाउन में फंसे हुए लोगों के लिए की गई कम्यूनिटी किचन की व्यवस्था, नहीं पहुंच रहे लोग

कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन लागू है. ऐसे में जो पटना में फंस गए हैं, उनके लिए कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है.

Community kitchen for people in patna
कम्यूनिटी किचन की व्यवस्था
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Published : Mar 29, 2020, 4:27 PM IST

पटना: राजधानी के मिलर स्कूल में कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है. लॉकडाउन के दौरान जो पटना में फंस गए हैं या फिर बाहर के रहने वाले हैं, जिनके पास खाने-पीने का साधन नहीं है, यह व्यवस्था उन लोगों के लिए की गई है. लेकिन इस किचन में लोग नहीं पहुंच रहे हैं. मिलर स्कूल के इस किचन में मात्र 2 लोग रह रहे हैं. जिनके लिए खाने की व्यवस्था बाहर से करनी पड़ रही है.

रहने-खाने की व्यवस्था
यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि हम लोग कांट्रेक्टर के यहां काम करते थे. लेकिन लॉक डाउन के बाद कॉन्ट्रैक्टर भाग गया और हमलोग यहीं फंस गए. तब हमलोग को पुलिस ने यहां पहुंचा दिया. यहां रहने-खाने की व्यवस्था तो ठीक है. लेकिन हम लोग अभी मात्र दो ही लोग यहां पर रह रहे हैं. रहने के लिए सोशल डिस्टेंस के तहत बेड लगाया गया है और यहां पर कोई दिक्कत नहीं है.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: बिहार आने वाले प्रवासियों को बॉर्डर पर रोका जाएगा, दिया गया कैंप बनाने का निर्देश

जागरूकता फैलाना की जरूरत
लॉक डाउन में फंसे लोगों के लिए सरकार का प्रयास सराहनीय है. लेकिन जिस तरह से मात्र 2 लोग यहां रह रहे हैं तो लोगों के बीच इसके लिए जागरूकता फैलाना और प्रचार करना जरूरी है ताकि जो लोग भटक रहे हैं, वह यहां आकर रह सकें.

पटना: राजधानी के मिलर स्कूल में कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है. लॉकडाउन के दौरान जो पटना में फंस गए हैं या फिर बाहर के रहने वाले हैं, जिनके पास खाने-पीने का साधन नहीं है, यह व्यवस्था उन लोगों के लिए की गई है. लेकिन इस किचन में लोग नहीं पहुंच रहे हैं. मिलर स्कूल के इस किचन में मात्र 2 लोग रह रहे हैं. जिनके लिए खाने की व्यवस्था बाहर से करनी पड़ रही है.

रहने-खाने की व्यवस्था
यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि हम लोग कांट्रेक्टर के यहां काम करते थे. लेकिन लॉक डाउन के बाद कॉन्ट्रैक्टर भाग गया और हमलोग यहीं फंस गए. तब हमलोग को पुलिस ने यहां पहुंचा दिया. यहां रहने-खाने की व्यवस्था तो ठीक है. लेकिन हम लोग अभी मात्र दो ही लोग यहां पर रह रहे हैं. रहने के लिए सोशल डिस्टेंस के तहत बेड लगाया गया है और यहां पर कोई दिक्कत नहीं है.

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जागरूकता फैलाना की जरूरत
लॉक डाउन में फंसे लोगों के लिए सरकार का प्रयास सराहनीय है. लेकिन जिस तरह से मात्र 2 लोग यहां रह रहे हैं तो लोगों के बीच इसके लिए जागरूकता फैलाना और प्रचार करना जरूरी है ताकि जो लोग भटक रहे हैं, वह यहां आकर रह सकें.

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