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CPI ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पुतला फूंका, घंटो की नारेबाजी

विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एक स्वर में आवाज बुलंद करते हुए कहा कि फासिस्ट नस्लभेद और उत्पीड़न की यह घटना अमेरिका में पहली बार नहीं हुई है. जनतंत्र का नारा बुलंद करने वाले लिंकन के देश में अब ऐसी घटनाएं आम हो चुकी है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पुतला दहन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पुतला दहन
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Published : Jun 2, 2020, 8:26 PM IST

पटना: अमेरिका में चल रहे विरोध-प्रदर्शन की आंच राजधानी पटना में भी देखने को मिली. दरअसल, एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) कारगिल चौक पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पुतला दहन किया. मौके पर पार्टी के जिला कमिटी के सदस्य राजकुमार चौधरी ने बताया कि फासिस्ट नस्लभेद और उत्पीड़न और दमन की यह घटना निंदनीय है.

'अंगारों पर चल रहा अमेरिका'
विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एक स्वर में आवाज बुलंद करते हुए कहा कि फासिस्ट नस्लभेद और उत्पीड़न की यह घटना अमेरिका में पहली बार नहीं हुई है. इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं अमेरिका में हो चुकी है. जनतंत्र का नारा बुलंद करने वाले लिंकन के देश में अब ऐसी घटनाएं आम हो चुकी है. इस वजह से एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) ने अमेरिका के संघर्षशील बहादुर लोगों के साथ आज अपनी एकजुटता और भाईचारा को दर्शाया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'विरोध करने वाले का हो रहा दमन'
पार्टी के नेताओं ने कहा कि अमेरिका में हुई नस्लभेदी हिंसा के कारण अमेरिकी शहरों में जोरदार प्रदर्शन किए जा रहे हैं. फासिस्ट ट्रम्प प्रशासन नस्लभेद का निर्लज्जता के साथ बचाव कर रहा है. विरोध में आवाज उठाने वाले जनतांत्रिक सोच के लोगों का कठोरता से दमन किया जा रहा है. अन्य देशों की तरह 'बांटो और राज करो' की कुख्यात नीति का ना केवल अमेरिका में विरोध हो रहा है बल्कि विश्व के विभिन्न देशों में भी इसकी कड़ी भर्तस्ना हो रही है.

पटना: अमेरिका में चल रहे विरोध-प्रदर्शन की आंच राजधानी पटना में भी देखने को मिली. दरअसल, एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) कारगिल चौक पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पुतला दहन किया. मौके पर पार्टी के जिला कमिटी के सदस्य राजकुमार चौधरी ने बताया कि फासिस्ट नस्लभेद और उत्पीड़न और दमन की यह घटना निंदनीय है.

'अंगारों पर चल रहा अमेरिका'
विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एक स्वर में आवाज बुलंद करते हुए कहा कि फासिस्ट नस्लभेद और उत्पीड़न की यह घटना अमेरिका में पहली बार नहीं हुई है. इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं अमेरिका में हो चुकी है. जनतंत्र का नारा बुलंद करने वाले लिंकन के देश में अब ऐसी घटनाएं आम हो चुकी है. इस वजह से एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) ने अमेरिका के संघर्षशील बहादुर लोगों के साथ आज अपनी एकजुटता और भाईचारा को दर्शाया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'विरोध करने वाले का हो रहा दमन'
पार्टी के नेताओं ने कहा कि अमेरिका में हुई नस्लभेदी हिंसा के कारण अमेरिकी शहरों में जोरदार प्रदर्शन किए जा रहे हैं. फासिस्ट ट्रम्प प्रशासन नस्लभेद का निर्लज्जता के साथ बचाव कर रहा है. विरोध में आवाज उठाने वाले जनतांत्रिक सोच के लोगों का कठोरता से दमन किया जा रहा है. अन्य देशों की तरह 'बांटो और राज करो' की कुख्यात नीति का ना केवल अमेरिका में विरोध हो रहा है बल्कि विश्व के विभिन्न देशों में भी इसकी कड़ी भर्तस्ना हो रही है.

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