पटना : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से आगामी लोकसभा चुनावी की तैयारी को लेकर अभी से ही केंद्र सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बताकर चुनावी आगाज शुरू कर दिया गया है. इसको लेकर धनरूआ में जिला स्तर पर किसानों का एक महासम्मेलन बुलाया गया है. जहां किसानों को तीन दिवसीय प्रशिक्षित किया जाएगा. इस दौरान उन्हें बताया जाएगा कि केंद्र की सरकार किसानों को कैसे मूर्ख बना रही है और उनके अधिकारों का कैसे हनन कर रही है. किसान और मजदूर के बीच गहरी खाई बताकर उन सभी को लड़वाया जा रहा है.
महाराष्ट्र में 600 से अधिक किसानों ने की आत्महत्या: वहीं, बिहार राज्य किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है. बढ़ती महंगाई एवं किसानों के फसल का उचित दाम नहीं मिल पाने के कारण देश के किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है. आगामी लोकसभा चुनाव में इस सरकार का पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा. हाल के ही दिनों में सिर्फ महाराष्ट्र में 600 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली है. इसकी चिंता केंद्र की मोदी सरकार को नहीं है. देश के पीएम विदेश की सैर कर रहे हैं. दूसरी तरफ पूंजी पत्तियों का कर्ज एवं टैक्स की बड़ी राशि माफ किया जा रहा है.
"देश के पीएम को किसानों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है. देश की किसान अपने हालत पर आंसू बहाने को मजबूर हैं. महंगाई ने किसानों की कमर तोड़ कर रखी है. आने वाले चुनाव में इसके गंभीर परिणाम केंद्र के सरकार को भुगतना पड़ेंगे. देश की सरकार सिर्फ बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों का फसल बीमा करवा रही है. जबकि इससे किसानों का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है." - अशोक ढलवे, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान सभा.
किसान विरोधी नीतियों के बारे में बताया: बिहार राज्य किसान सभा के बैनर तले धनरूआ में तीन दिवसीय किसान प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है, जिसमें भारतीय किसान आंदोलन का इतिहास आज और कल संयुक्त एवं स्वतंत्र किसान आंदोलन के संदर्भ में सभी किसानों को उन्हें बताया गया है. इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक ढलवे ने सभी किसानों को प्रशिक्षित देते हुए मौजूदा हालात मेंके बारे में बताया. उन्हें बताया कि यह सरकार सिर्फ कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों को ही लागू कर रही है. आगमी चुनाव में केंद्र सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने को लेकर 26, 27 और 28 नवंबर को पूरे देश भर में किसान आंदोलन किया जाएगा.
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