पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने खास लोगों पर ही भरोसा करते रहे हैं चाहे अधिकारी हो या फिर नेता. मुंबई की बैठक में जो कमिटियां बनी है उसमें भी नीतीश कुमार ने अपने खास लोगों को ही मौका दिया है. कोऑर्डिनेशन कमेटी में अपने नजदीकी राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को तो कंपेनिंग कमेटी में अपने खास संजय झा को मौका दिया है. सबसे चौंकाने वाला नाम मनीष कुमार का है. बताया जा रहा है कि मनीष कुमार, नीतीश कुमार के पारिवारिक सदस्य हैं.
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भाजपा के आरोपः भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार को पता चल गया है कि अब उनकी अंतिम पारी है. इसलिए परिवार के सदस्यों पर भरोसा जताने लगे हैं. अपने भगिना को कमेटी में जगह दिलाई है. हालांकि नीतीश कुमार के नजदीकी और एमएलसी संजय गांधी का कहना है कि मनीष कुमार शुरू से काम करते रहे हैं. प्रदेश कमेटी में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष ने जगह दी है.
परिवार के सदस्यों को राजनीति से रखते हैं दूरः संजय गांधी का कहना है कि नीतीश कुमार परिवार के सदस्यों को दूर ही रखते हैं. इसमें भी नीतीश कुमार की कोई भूमिका नहीं है. बता दें कि मनीष कुमार को नीतीश का भगिना बताया जाता है.पार्टी में मनीष कुमार प्रदेश कमेटी में महासचिव पद पर हैं. सोशल मीडिया का काम भी देख रहे हैं. ऐसे तो नीतीश कुमार परिवार के सदस्यों को राजनीति से दूर रखते रहे हैं लेकिन पहली बार किसी सदस्य को आगे बढ़ा रहे हैं.
भाजपा है हमलावर: देश के कुछ चुनिंदा नेताओं में नीतीश कुमार को नाम लिया जाता है जो पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से राजनीति में है लेकिन परिवार के सदस्यों को संगठन में या फिर पार्टी में अन्य पदों पर एंट्री नहीं कराई. पहली बार ऐसा हो रहा है कि नीतीश अपने परिवार के सदस्य को आगे बढ़ा रहे हैं. और इसलिए भाजपा नेताओं को हमला करने का मौका मिल गया है.