पटना: वाणिज्य-कर विभाग द्वारा पटना, गया, दरभंगा, बिहारशरीफ, आरा, भागलपुर, सासाराम, कटिहार, छपरा, हाजीपुर, मोतिहारी एवं मुजफ्फरपुर जिलों में संचालित 35 बैंक्वेट हाॅल व मैरेज हाॅल की जांच की गयी. 35 बैंक्वेट हाॅल व मैरेज हाॅल में से 21 बैंक्वेट हाॅल व मैरेज हाॅल पटना जिला में संचालित हैं. जिसमें से 06 बैंक्वेट हाॅल का कारोबार का आंकलन एक करोड़ से तीन करोड़ रुपया तक किया गया. सासाराम एवं गया जिला के 02 बैंक्वेट हाॅल/मैरेज हाॅल का कारोबार पचास लाख से सवा करोड़ तक आय (Marriage hall operators are not paying GST ) होने का अनुमान लगाया गया है.
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जीएसटी अधिनियम के तहत निबंधन नहींः वाणिज्य-कर विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि इस अभियान हेतु गठित कुल 35 टीमों में विभाग के 110 पदाधिकारी शामिल हुए. निरीक्षण के क्रम में प्रथम दृष्ट्या लगभग तीस करोड़ का अघोषित संव्यवहार पर कर चोरी का मामला प्रकाश में आया है. इनमें से अधिकांश मैरेज हाॅल जीएसटी अधिनियम के तहत अनिबंधित हैं अथवा निबंधन रद्द करा लिये हैं. सरकार को जीएसटी का भुगतान किये बिना व्यवसाय कर रहे थे. निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि बैंक्वेट हाॅल बुकिंग राशि के रूप में अच्छी खासी रकम वसूल रहे हैं एवं इनके द्वारा इससे कई लिंक्ड सर्विसेज जैसे फूड कैटरिंग, वीडियोग्राफी, डेकोरेशन आदि की सेवायें भी प्रदान की जाती है.
वाणिज्य-कर विभाग की पैनी नजरः लगन में बुकिंग शुल्क कई गुणा बढ़ जाती है. गौरतलब है कि जीएसटी के अन्तर्गत इन बैंक्वेट हाॅल पर टैक्स दर 18 प्रतिशत लगता है. अनिबंधित बैंक्वेट हाॅल को निबंधन के दायरे में लाने के उद्देश्य से यह विशेष अभियान विभाग द्वारा चलाया गया. उन्होंने बताया कि सर्विस सेक्टर में जीएसटी संग्रहण की काफी संभावनाएं हैं. उस अनुरूप राज्य को राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है. फलतः विभाग द्वारा सर्विस सेक्टर में जितने व्यवसायी काम कर रहे हैं, उन पर वाणिज्य-कर विभाग की पैनी नजर है.
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रियल स्टेट के कारोबारियों पर भी शिकंजाः मंत्री द्वारा यह भी बताया गया कि विभाग द्वारा हाल के दिनों में रियल स्टेट के कारोबारियों पर भी कार्रवाई प्रारंभ की गयी है. विभाग द्वारा एनालिटिक्स टूल के माध्यम से रियल स्टेट के वैसे कारोबारियों को चिह्नित किया गया, जिनके द्वारा फ्लैट्स की बिक्री करते हुुए उसकी रजिस्ट्री खरीददार की गयी है. इन संव्यवहारों को अपने विवरणी में नहीं दर्शाया है. इन चिह्नित व्यवसायियों पर विधिक कार्रवाई प्रारम्भ कर दी गयी है. इन पर टैक्स, पेनाल्टी एवं ब्याज नियमानुसार अधिरोपित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में विभाग द्वारा इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी. साथ ही, उन्होंने राज्य के करदाताओं से अपील की है कि वे नियमित रूप से समुचित कर का भुगतान करें एवं राज्य के विकास में सहभागी बनें.