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बिहार में शुरू होगा मुख्यमंत्री कामगार रोजगार सृजन योजना: श्याम रजक - condition of laborers in bihar

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रवासी मजदूरों को लेकर चिंतित हैं. उन्हें नए रोजगार मिल सके इसके लिए तमाम विभागों को निर्देश दिए जा चुके हैं. उद्योग विभाग की तरफ से इसकी तैयारी भी की जा रही है.

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Published : Jun 5, 2020, 12:50 PM IST

पटना: बिहार में 20 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों से आ चुके हैं. सरकार के सामने प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की चुनौती है. उद्योग विभाग की तरफ से मजदूरों के स्किल की मैपिंग की जा चुकी है. अब मजदूरों को रोजगार देने के लिए सरकार नई योजना शुरू करने की तैयारी में है.

सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना
इस बारे में उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि उद्योग विभाग की तरफ से राज्य के कुशल श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना की शुरुआत की जा रही है. इस योजना के अंतर्गत सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना की जाएगी.

चार करोड़ की राशि आवंटित
उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि कुशल श्रमिकों को एक स्वयं सहायता समूह के रूप में विकसित किया जाएगा. इसमें एक समूह में न्यूनतम 10 कुशल श्रमिक होंगे, जो एक तरह का उत्पादन और सेवा कार्य करेंगे. पहले फेज में वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रत्येक जिले के लिए कम से कम दो सामान्य सुविधा केंद्र का चयन कर स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए चार करोड़ बजट की राशि आवंटित की जा चुकी है.

पटना: बिहार में 20 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों से आ चुके हैं. सरकार के सामने प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की चुनौती है. उद्योग विभाग की तरफ से मजदूरों के स्किल की मैपिंग की जा चुकी है. अब मजदूरों को रोजगार देने के लिए सरकार नई योजना शुरू करने की तैयारी में है.

सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना
इस बारे में उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि उद्योग विभाग की तरफ से राज्य के कुशल श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना की शुरुआत की जा रही है. इस योजना के अंतर्गत सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना की जाएगी.

चार करोड़ की राशि आवंटित
उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि कुशल श्रमिकों को एक स्वयं सहायता समूह के रूप में विकसित किया जाएगा. इसमें एक समूह में न्यूनतम 10 कुशल श्रमिक होंगे, जो एक तरह का उत्पादन और सेवा कार्य करेंगे. पहले फेज में वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रत्येक जिले के लिए कम से कम दो सामान्य सुविधा केंद्र का चयन कर स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए चार करोड़ बजट की राशि आवंटित की जा चुकी है.

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