पटना: सरकार की महत्वकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली के तहत हर गांव में घटते भूजल और जल संरक्षण को लेकर तालाब और कुआं का पुनर्जीवित करने का आदेश बेअसर दिख रहा है. सरकारी उदासीनता के कारण गांवों में अब पेयजल संकट गहराने की चिंता से ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है.
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ग्रामीण आक्रोशित
बता दें कि मसौढ़ी प्रखंड के बेलौटी गांव में कई बार विभागीय जांच पड़ताल और सर्वेक्षण हो जाने के बाद भी अभी तक कुआं का जीर्णोधार नहीं हो सका है. ऐसे में विभागीय उदासीनता को देखते हुए ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है. वहीं इस बात का भी अंदेशा है कि लगातार घट रहे जलस्तर से गांव में एक बार फिर से पेयजल संकट का खतरा मंडराने लगा है. कई जगहों पर चापाकल भी सूख चुके है. ऐसे में कुआं का जीर्णोद्धार को लेकर लगातार ग्रामीण विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं. वहीं यह भी आरोप लग रहा है कि विभाग से ठेकेदार पैसा निकासी कर काम नहीं कर रहा है.
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कई गांव योजना से वंचित
सरकार के दिए गए आदेश के बावजूद अभी तक कई ऐसे गांव हैं जो इस योजना से वंचित हैं. वहीं ग्रामीणों में विभागीय उदासीनता से आक्रोश पनप रहा है. इस पूरे मामले में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण के कार्यपालक पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बहुत जल्द हर गांव का सर्वे कर कुआं की खुदाई किया जाना है. ऐसे में सूची तैयार हो गई है. सरकारी प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो रही है बहुत जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.