पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए खुला पत्र लिखा है. बिहारवासियों को अपने संदेश में नीतीश कुमार ने लिखा है कि "प्रिय बिहारवासियों कोरोना के मामले एक बार फिर बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. इसलिए सब की सुरक्षा को लेकर सरकार की चिंता भी बढ़ रही है. इसी संदर्भ में यह पत्र आप सबको लिख रहा हूं. इस वैश्विक महामारी से हम सबको मिलकर लड़ना है. कोरोना के खिलाफ अब तक हमने काफी मजबूती से लड़ाई लड़ी है."
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'आपदा पीड़ितों का राज्य के खजाने पर पहला हक'
मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि "राज्य सरकार कोरोना महामारी को आपदा मान रही है, और हमने हमेशा कहा है कि राज्य के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है. कोरोना संक्रमण से बचाव एवं लॉकडाउन में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए बिहार सरकार द्वारा अब तक 10000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है. अब तक कुल 2 करोड़ 41 लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं. हम लोगों ने अब तक प्रति दस लाख जनसंख्या पर 188804 टेस्ट किए हैं, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है. बिहार में कोरोना की रिकवरी दर 97.58% है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है.
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'महामारी को लेकर सरकार गंभीर'
उसके बाद मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि सरकार इस महामारी के प्रति पूरी तरह से सचेत एवं गंभीर है. हम लोग लगातार कोविड-19 से संबंधित समीक्षा बैठक कर रहे हैं और संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि पूरे राज्य में ज्यादा से ज्यादा कोरोना जांच करवाई जाए. सार्वजनिक आयोजनों को कुछ दिनों के लिए स्थगित रखा गया है. कोविड-19 के लिए तैयार किए गए अस्पतालों को हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है. जांच की संख्या बढ़ाने के लिए कोविड-19 टीकाकरण केन्द्रों की संख्या निरंतर बढ़ाई जा रही है. हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों पर बाहर से आ रहे लोगों की कोरोना जांच की व्यवस्था की गई है. प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन केंद्रों का पुनः क्रियाशील किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने पत्र में आगे लिखा है कि पूरा बिहार हमारा परिवार है और हम आपको भरोसा दिलाना चाहते हैं कि सरकार आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह सतर्क है. कोरोना महामारी से निपटने के लिए हमने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं. परंतु यह लड़ाई आप सब के सहयोग के बिना नहीं जीती जा सकती. इसलिए हम सभी को बेहद अनुशासित तरीके से निम्नलिखित बातों का कड़ाई से पालन करना होगा.
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- मास्क का उपयोग करें.
- घर से बाहर निकलने की स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग (2 गज दूरी) का पालन करना आवश्यक.
- साबुन से नियमित हाथ धोते रहें. सैनिटाइजर का भी प्रयोग करें.
- किसी भी स्थान पर जाकर भीड़-भाड़ नहीं करें और अनावश्यक बाहर जाने से बचें.
- बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों तथा अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखें. घर में रहें और इलाज के लिए ही घर से निकलें.
- 45 वर्ष तथा इससे ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना का टीका अवश्य लगाना चाहिए. समाज के अन्य लोगों को भी टीकाकरण के लिए प्रेरित करें.
- खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ या अन्य लक्षण होने पर कोरोना जांच अवश्य कराएं.
कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की अपील
पत्र के अंत में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि "कोरोना से बचाव हेतु सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. सभी लोगों के सजग एवं सचेत रहने से ही कोरोना से मुक्ति पाई जा सकती है. इसलिए अपने और अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हमें सतर्क रहना है. सचेत रहें, सतर्क रहें तभी स्वस्थ रहेंगे. खुद सतर्कता बरतने के साथ ही समाज के अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करना है . कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करना है. मुझे पूरा विश्वास है कि आप सब के सहयोग से हम सब मिलकर इस वैश्विक महामारी से निपटने में जरूर कामयाब होंगे"