पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने रामचरितमानस को लेकर जेडीयू और आरजेडी के बीच चल रहे बयानबाजी पर कहा कि कोई विवाद नहीं है. ये सब फालतू चीज है, इन सब चीजों पर कोई विवाद नहीं करना चाहिए.
सीएम नीतीश के तेवर कड़े: हालांकि कि सीएम नीतीश ने ये जरूर कहा कि हमारा विचार साफ हैं. कोई भी धर्म को मानने वाला हो उसमें किसी भी तरह का दखल नहीं देना चाहिए. सब जिस ढंग से भी धर्म का पालन करते हैं, करें.
"सबको इज्जत करना चाहिए, इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. जिसको जो मन करता है वो करने के लिए स्वतंत्र है. हमने पहले ही समझा दिया है. इस मामले पर तो डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी सब कुछ साफ कर दिया है."- नीतीश कुमार, सीएम, बिहार
रामचरितमानस पर ठनी: कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार के अंदर महागठबंधन कठिन दौर से गुजर रही है. राजद और जदयू के बीच लड़ाई छिड़ गई है. दोनों में से कोई भी दल अपने स्टैंड से पीछे हटने को तैयार नहीं है. तेजस्वी यादव के स्टैंड ने विवाद को और बढ़ा दिया है. वहीं जगदानंद सिंह और शिवानंद तिवारी के बयान से भी खलबली मची है.
तेजस्वी यादव का बयान : तेजस्वी यादव ने रामचरितमानस के विवादित बयान पर कहा था कि बीजेपी के बड़े नेता यहां पर एजेंडा सेट कर रहे हैं. लेकिन, उससे कुछ होने वाला नहीं है. लोग जान रहे हैं कि किस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है. देश में सबसे बड़ा ग्रंथ संविधान है. यह बात सही है कि संविधान भी हमें सिखाता है कि सभी धर्म को सम भाव से देखना चाहिए. कुल मिलाकर तेजस्वी यादव ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को लेकर अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर विवादित बयान: बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर बोलते हुए कहा था कि, 'रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है. मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया. मनुस्मृति को बाबा साहब अंबेडकर ने इसलिये जलाया क्योंकि वह दलितों और वंचितों के हक छीनने की बातें करती है.' शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के इस बयान के बाद देश की राजनीति में बवाल मचा है.