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CM नीतीश ने बिहार में 294 करोड़ की योजना का शुभारंभ करने के लिए PM मोदी को दिया धन्यवाद

पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 294 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी के क्षेत्र में जो कार्य हो रहे हैं, उसको लेकर प्रधानमंत्री के सामने चर्चा भी की. वहीं इन सभी योजनाओं की शुरुआत करने पर पीएम मोदी को धन्यवाद दिया.

CM Nitish thanked PM Modi
CM Nitish thanked PM Modi
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Published : Sep 11, 2020, 9:11 AM IST

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस कार्यक्रम में राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने योजनाओं के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया.

वहीं प्रधानमंत्री ने गांव-गांव पानी पहुंचाने के कार्य को लेकर नीतीश कुमार की प्रशंसा किया. इसके साथ प्रधानमंत्री ने कोरोना काल और बाढ़ की विभीषिका के समय मजबूती से कार्य करने के लिए बिहार सरकार की तारीफ की. मुख्यमंत्री ने बिहार में पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी के क्षेत्र में जो कार्य हो रहे हैं उसको लेकर प्रधानमंत्री के सामने चर्चा भी किया गया.

योजनाओं को शुरू करने पर प्रधानमंत्री की प्रशंसा
मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यक्रम में शामिल होते हुए कहा कि पूर्णिया के मरंगा में सीमेन स्टेशन का उद्घाटन किया गया, जिसका शिलान्यास मई 2018 में किया गया था. इतने कम समय में यह काम पूर्ण हो गया यह प्रसंता की बात है. इसके पूर्ण होने से इसकी प्रतिवर्ष क्षमता 50 लाख सीमेन एस्ट्रा होगी. इसका उपयोग कृत्रिम गर्भाधान के लिए किया जाएगा. इससे बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों और अन्य राज्यों के लोगों को भी सुविधा मिलेगी. इसके लिए 80 एकड़ जमीन राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई है.

यह संस्थान पूर्ण क्षमता और बेहतर गुणवत्ता के साथ चलता रहे इसके लिए 59 पदों को स्वीकृत किया गया है और उसके संचालन के लिए राज्य सरकार ने भी अपनी तरफ से ₹47 करोड़ का प्रावधान किया है. उन्होंने ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय जो अपने बिहार का ही विश्वविद्यालय था जिसे बाद में केंद्रीय विद्यालय के रूप में परिणत किया गया, उसके अधीन पूसा में स्कूल ऑफ एग्री मैनेजमेंट भवन का उद्घाटन किया जा रहा जिस की लागत ₹11 करोड़ है.

राज्य सरकार ने कृषि रोडमैप की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 89% आबादी गांवों में निवास करती है और 76% आबादी आजीविका के लिए कृषि और उससे संबंधित अन्य चीजों पर निर्भर है. इसलिए इस के उत्थान के लिए हम लोगों ने बहुत आकलन और अध्ययन किया, जब हमारी सरकार बनी तो उसके बाद यहां से पहली बार मत्स्य पालकों को सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ फिशरीज एजुकेशन काकीनाडा आंध्र प्रदेश और सेंट्रल इनलैंड फिशरीज इंस्टीट्यूट कोलकाता भेजकर ट्रेनिंग दिलाई गई. हम लोगों ने कृषि रोडमैप की शुरुआत की जो पहला कृषि रोडमैप वर्ष 2008 से 2012 तक, दूसरा कृषि रोडमैप 2012 से 2017 तक और तीसरे कृषि रोडमैप 2017 से 2022 पर अभी काम चल रहा है.

एग्रीकल्चर और पशुपालन के बढ़ोत्तरी के लिए पहल
कृषि रोड मैप के कारण दूध के अलावा मांस और अंडे समेत कई चीजों के उत्पादन में वृद्धि हुई है. 2007-08 में 108 करोड़ प्रतिवर्ष था. जो अब बढ़कर 274 करोड़ प्रतिवर्ष हो गया है. मांस का उत्पादन 1.8 लाख मीट्रिक टन था जो अब बढ़कर 3.8 लाख मैट्रिक टन हो गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य में केवल 65000 मीट्रिक टन मछली बाहर से आ रही हैं बाकी की पूर्ति राज्य से ही की जा रही है. एग्रीकल्चर और पशुपालन के छात्रों की सुविधा के लिए हम लोगों ने कई कदम उठाए हैं हर छात्र को ₹2000 प्रति माह तथा ₹6000 किताब खरीदने के लिए दिए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से चौर के विकास पर भी की चर्चा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में करीब 9 लाख हेक्टेयर चौर का एरिया हैं जहां खेती नहीं हो पाती है, हमने खुद चौर इलाके का भ्रमण किया है और चौर क्षेत्र के विकास के लिए भी हम लोगों ने कई कार्य शुरू किया है. हम लोगों को प्रेरित कर रहे हैं कि उसके एक हिस्से को तालाब में परिवर्तित करें और दूसरे हिस्से में उसी की मिट्टी को भरकर खेती का कार्य करें. तालाबों में मछली का उत्पादन और खेती वाले इलाके में फल फूल की खेती की जा सक. यहां लेमनग्रास और खस के उत्पादन से किसानों को लाभ होगा, साथ ही नीलगाय को भी फसल क्षति से दूर रखा जा सकेगा. नीलगाय खस और लेमन ग्रास से दूर भागता है और इलाके के विकास से यहां के लोगों की आमदनी बढ़ेगी.

मछली उत्पादन के साथ सौर ऊर्जा उत्पादन पर भी पहल
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि आपके द्वारा शुरू की गई योजनाओं से भी इसका लाभ यहां के लोगों के साथ-साथ देश के लोगों को मिलेगा. हम लोगों ने नीचे मछली और ऊपर बिजली योजना पर काम पहले से ही शुरू कर दिया है इससे मछली उत्पादन के साथ-साथ सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा. किसानों की आमदनी इस योजना से और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि पशुपालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में जो योजनाएं शुरू की जा रही हैं उससे बिहार के लोगों को काफी खुशी है यहां के लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी इस बात का एहसास यहां के गांव के लोगों को है. मैं अपनी तरफ से और यहां के लोगों की तरफ से आपको धन्यवाद देता हूं.

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस कार्यक्रम में राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने योजनाओं के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया.

वहीं प्रधानमंत्री ने गांव-गांव पानी पहुंचाने के कार्य को लेकर नीतीश कुमार की प्रशंसा किया. इसके साथ प्रधानमंत्री ने कोरोना काल और बाढ़ की विभीषिका के समय मजबूती से कार्य करने के लिए बिहार सरकार की तारीफ की. मुख्यमंत्री ने बिहार में पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी के क्षेत्र में जो कार्य हो रहे हैं उसको लेकर प्रधानमंत्री के सामने चर्चा भी किया गया.

योजनाओं को शुरू करने पर प्रधानमंत्री की प्रशंसा
मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यक्रम में शामिल होते हुए कहा कि पूर्णिया के मरंगा में सीमेन स्टेशन का उद्घाटन किया गया, जिसका शिलान्यास मई 2018 में किया गया था. इतने कम समय में यह काम पूर्ण हो गया यह प्रसंता की बात है. इसके पूर्ण होने से इसकी प्रतिवर्ष क्षमता 50 लाख सीमेन एस्ट्रा होगी. इसका उपयोग कृत्रिम गर्भाधान के लिए किया जाएगा. इससे बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों और अन्य राज्यों के लोगों को भी सुविधा मिलेगी. इसके लिए 80 एकड़ जमीन राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई है.

यह संस्थान पूर्ण क्षमता और बेहतर गुणवत्ता के साथ चलता रहे इसके लिए 59 पदों को स्वीकृत किया गया है और उसके संचालन के लिए राज्य सरकार ने भी अपनी तरफ से ₹47 करोड़ का प्रावधान किया है. उन्होंने ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय जो अपने बिहार का ही विश्वविद्यालय था जिसे बाद में केंद्रीय विद्यालय के रूप में परिणत किया गया, उसके अधीन पूसा में स्कूल ऑफ एग्री मैनेजमेंट भवन का उद्घाटन किया जा रहा जिस की लागत ₹11 करोड़ है.

राज्य सरकार ने कृषि रोडमैप की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 89% आबादी गांवों में निवास करती है और 76% आबादी आजीविका के लिए कृषि और उससे संबंधित अन्य चीजों पर निर्भर है. इसलिए इस के उत्थान के लिए हम लोगों ने बहुत आकलन और अध्ययन किया, जब हमारी सरकार बनी तो उसके बाद यहां से पहली बार मत्स्य पालकों को सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ फिशरीज एजुकेशन काकीनाडा आंध्र प्रदेश और सेंट्रल इनलैंड फिशरीज इंस्टीट्यूट कोलकाता भेजकर ट्रेनिंग दिलाई गई. हम लोगों ने कृषि रोडमैप की शुरुआत की जो पहला कृषि रोडमैप वर्ष 2008 से 2012 तक, दूसरा कृषि रोडमैप 2012 से 2017 तक और तीसरे कृषि रोडमैप 2017 से 2022 पर अभी काम चल रहा है.

एग्रीकल्चर और पशुपालन के बढ़ोत्तरी के लिए पहल
कृषि रोड मैप के कारण दूध के अलावा मांस और अंडे समेत कई चीजों के उत्पादन में वृद्धि हुई है. 2007-08 में 108 करोड़ प्रतिवर्ष था. जो अब बढ़कर 274 करोड़ प्रतिवर्ष हो गया है. मांस का उत्पादन 1.8 लाख मीट्रिक टन था जो अब बढ़कर 3.8 लाख मैट्रिक टन हो गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य में केवल 65000 मीट्रिक टन मछली बाहर से आ रही हैं बाकी की पूर्ति राज्य से ही की जा रही है. एग्रीकल्चर और पशुपालन के छात्रों की सुविधा के लिए हम लोगों ने कई कदम उठाए हैं हर छात्र को ₹2000 प्रति माह तथा ₹6000 किताब खरीदने के लिए दिए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से चौर के विकास पर भी की चर्चा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में करीब 9 लाख हेक्टेयर चौर का एरिया हैं जहां खेती नहीं हो पाती है, हमने खुद चौर इलाके का भ्रमण किया है और चौर क्षेत्र के विकास के लिए भी हम लोगों ने कई कार्य शुरू किया है. हम लोगों को प्रेरित कर रहे हैं कि उसके एक हिस्से को तालाब में परिवर्तित करें और दूसरे हिस्से में उसी की मिट्टी को भरकर खेती का कार्य करें. तालाबों में मछली का उत्पादन और खेती वाले इलाके में फल फूल की खेती की जा सक. यहां लेमनग्रास और खस के उत्पादन से किसानों को लाभ होगा, साथ ही नीलगाय को भी फसल क्षति से दूर रखा जा सकेगा. नीलगाय खस और लेमन ग्रास से दूर भागता है और इलाके के विकास से यहां के लोगों की आमदनी बढ़ेगी.

मछली उत्पादन के साथ सौर ऊर्जा उत्पादन पर भी पहल
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि आपके द्वारा शुरू की गई योजनाओं से भी इसका लाभ यहां के लोगों के साथ-साथ देश के लोगों को मिलेगा. हम लोगों ने नीचे मछली और ऊपर बिजली योजना पर काम पहले से ही शुरू कर दिया है इससे मछली उत्पादन के साथ-साथ सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा. किसानों की आमदनी इस योजना से और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि पशुपालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में जो योजनाएं शुरू की जा रही हैं उससे बिहार के लोगों को काफी खुशी है यहां के लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी इस बात का एहसास यहां के गांव के लोगों को है. मैं अपनी तरफ से और यहां के लोगों की तरफ से आपको धन्यवाद देता हूं.

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