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सीएम नीतीश ने शहीद राजेन्द्र सिंह और उनकी पत्नी को दी श्रद्धांजलि

सीएम नीतीश कुमार ने दानापुर शहीद राजेंद्र सिंह के परिजनों से मुलाकात कर श्रद्धांजलि अर्पित की. वे पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार सिंह के घर भी गए. उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित की.

सीएम नीतीश
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Published : Aug 17, 2021, 2:46 AM IST

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) अचानक सोमवार की शाम दानापुर पहुंचे. दानापुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शहीद राजेंद्र सिंह (Martyr Rajendra Singh) के परिजन के घर पहुंचे. वहां उन्होंने परिजनों के बीच लगभग 45 मिनट समय गुजारा. वहीं सीएम नीतीश कुमार जनता दरबार के बाद पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार सिंह (Former Minister Mithilesh Kumar Singh) के कंकड़बाग स्थित आवास पर गए. उनके चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

यह भी पढ़ें- 75वां स्वतंत्रता दिवस: पटना प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल ने कारगिल चौक पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार सिंह के परिजनों से मुलाकात भी की. बता दें कि पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार सिंह का पिछले दिनों निधन हो गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके नजदीकी संबंध थे.

77 वर्षीय मिथिलेश कुमार सिंह का निधन ब्रेन हैमरेज की वजह से हुआ था. उनके निधन के समय उनका परिवार उनके करीब था. उन्होंने 1974 के जेपी आंदोलन में हिस्सा लिया था.

उनके निधन पर उनके अनन्य सहयोगी रहे कुमार अनुपम ने कहा कि उनके जाने से राज्य में बड़ा सूनापन आया है. वो उस छात्र संघर्ष संचालन समिति के सदस्य थे, जिसकी अध्यक्षता जेपी करते थे. 1974 के जेपी आंदोलन का संचालन इसी समिति से होता था.

वो राम सुन्दर दास के मंत्रिमंडल में कार्मिक मंत्री भी रहे थे. इसके अलावा जेपी सेनानी सलाहकार पर्षद के अध्यक्ष के रूप मे इन्होंने ही बड़ी संख्या में जेपी सेनानियों को पेंशन स्वीकृत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. वो रेकी चिकित्सक और योग प्रशिक्षक के रूप में आम नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी कर रहे थे.

यह भी पढ़ें- अगस्त क्रांति: 7 शहीदों को बिहार ने किया नमन, CM नीतीश ने भी दी श्रद्धांजलि

दानापुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शहीद राजेंद्र सिंह के परिजन के घर भी गए थे. 11 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सचिवालय पर झंडा फहराने के क्रम में अनीसाबाद के निवासी राजेंद्र सिंह को अंग्रेजी फौज ने गोलियों से भून डाला था. उस वक्त राजेंद्र सिंह की उम्र लगभग 18 वर्ष थी और उनके शादी के कुछ ही दिन गुजरे थे.

अपनी पति की शहादत के बाद से ही राजेंद्र सिंह की पत्नी विधवा की जिंदगी पूरी उम्र गुजार दी. लगभग 98 वर्ष की आयु में राजेंद्र सिंह की पत्नी का देहांत अभी कुछ माह पूर्व दानापुर उनके मायके में हो गया था. शहीद राजेंद्र सिंह की पत्नी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया.

उसके बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजेंद्र सिंह के परिजनों से मिलने की इच्छा जाहिर की थी. सोमवार को मौका मिलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दानापुर स्थित शहीद राजेंद्र सिंह के विधवा के घर उनसे मिलने पहुंचे गए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 6:05 बजे दानापुर उनके घर पहुंचे और 45 मिनट तक उनके घर पर रुकने के बाद वापस सीएम आवास लौट गए.

दानापुर में उपस्थित पत्रकारों ने जब उनसे बातें करने की कोशिश की तो नीतीश कुमार ने कुछ भी बोलने से इनकार किया. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना डीएम को उनके घर की गली को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ें- मुफलिसी में जी रहा स्वतंत्रता सेनानी का परिवार, मजदूरी से मिलती है दो जून की रोटी, हालात देख रो पड़ेंगे आप

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) अचानक सोमवार की शाम दानापुर पहुंचे. दानापुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शहीद राजेंद्र सिंह (Martyr Rajendra Singh) के परिजन के घर पहुंचे. वहां उन्होंने परिजनों के बीच लगभग 45 मिनट समय गुजारा. वहीं सीएम नीतीश कुमार जनता दरबार के बाद पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार सिंह (Former Minister Mithilesh Kumar Singh) के कंकड़बाग स्थित आवास पर गए. उनके चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

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मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार सिंह के परिजनों से मुलाकात भी की. बता दें कि पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार सिंह का पिछले दिनों निधन हो गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके नजदीकी संबंध थे.

77 वर्षीय मिथिलेश कुमार सिंह का निधन ब्रेन हैमरेज की वजह से हुआ था. उनके निधन के समय उनका परिवार उनके करीब था. उन्होंने 1974 के जेपी आंदोलन में हिस्सा लिया था.

उनके निधन पर उनके अनन्य सहयोगी रहे कुमार अनुपम ने कहा कि उनके जाने से राज्य में बड़ा सूनापन आया है. वो उस छात्र संघर्ष संचालन समिति के सदस्य थे, जिसकी अध्यक्षता जेपी करते थे. 1974 के जेपी आंदोलन का संचालन इसी समिति से होता था.

वो राम सुन्दर दास के मंत्रिमंडल में कार्मिक मंत्री भी रहे थे. इसके अलावा जेपी सेनानी सलाहकार पर्षद के अध्यक्ष के रूप मे इन्होंने ही बड़ी संख्या में जेपी सेनानियों को पेंशन स्वीकृत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. वो रेकी चिकित्सक और योग प्रशिक्षक के रूप में आम नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी कर रहे थे.

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दानापुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शहीद राजेंद्र सिंह के परिजन के घर भी गए थे. 11 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सचिवालय पर झंडा फहराने के क्रम में अनीसाबाद के निवासी राजेंद्र सिंह को अंग्रेजी फौज ने गोलियों से भून डाला था. उस वक्त राजेंद्र सिंह की उम्र लगभग 18 वर्ष थी और उनके शादी के कुछ ही दिन गुजरे थे.

अपनी पति की शहादत के बाद से ही राजेंद्र सिंह की पत्नी विधवा की जिंदगी पूरी उम्र गुजार दी. लगभग 98 वर्ष की आयु में राजेंद्र सिंह की पत्नी का देहांत अभी कुछ माह पूर्व दानापुर उनके मायके में हो गया था. शहीद राजेंद्र सिंह की पत्नी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया.

उसके बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजेंद्र सिंह के परिजनों से मिलने की इच्छा जाहिर की थी. सोमवार को मौका मिलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दानापुर स्थित शहीद राजेंद्र सिंह के विधवा के घर उनसे मिलने पहुंचे गए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 6:05 बजे दानापुर उनके घर पहुंचे और 45 मिनट तक उनके घर पर रुकने के बाद वापस सीएम आवास लौट गए.

दानापुर में उपस्थित पत्रकारों ने जब उनसे बातें करने की कोशिश की तो नीतीश कुमार ने कुछ भी बोलने से इनकार किया. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना डीएम को उनके घर की गली को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है.

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