पटना: 2005 में सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार ने कई कार्यक्रम शुरू किए. एक दर्जन से अधिक यात्रा भी की और लोगों से संवाद के लिए जनता दरबार कार्यक्रम भी चलाया. 2016 तक यह कार्यक्रम चलता रहा. लेकिन उसके बाद इसे समाप्त कर दिया. लोक शिकायत अधिकार अधिनियम कानून बना दिया गया. सूत्रों के मुताबिक, एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार जनता दरबार शुरू करेंगे. इसके माध्यम से वह जनता से विकास कार्यों की फीडबैक लेंगे.
2016 में बंद हो गया था जनता दरबार
नीतीश कुमार ने 2005 में जनता दरबार की शुरुआत की थी, जो कि खूब चर्चा में रहा था. यही महीने के हर सोमवार को पटना में आयोजित किया जाता था और इसमें बिहार के सभी जिलों के लोग पहुंचते थे. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री के साथ मंत्री और सचिव दोनों रहते थे. इस जनता दरबार के सहारे नीतीश कुमार को पूरे राज्य के विकास के बारे में जानकारी मिलती रहती थी, लेकिन इसे 2016 में बंद कर दिया गया.
मुख्यमंत्री आवास में मंथन
सीएम नीतीश ने जनता दरबार फिर से शुरू करेंगे. इस पर तो फैसला नहीं हुआ है. लेकिन मीडिया के साथ लोगों से संवाद फिर से स्थापित हो. इसके लिए मुख्यमंत्री आवास में मंथन जरूर हुआ है. हालांकि मुख्यमंत्री सचिवालय फिलहाल इस पर पूरी तरह अनभिज्ञता जाहिर कर रहा है. कोरोना के समय जनता दरबार का कार्यक्रम शुरू होगा. यह संभव भी नहीं दिखता है. ऐसे में तय है कि नीतीश कुमार मीडिया से संवाद के लिए कोई और कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं, जिसमें लोगों की भी भागीदारी होगी.