पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) विकल्प की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं. अपने फैसले से कई बार उन्होंने राजनीतिक पंडितों को चौकाया है. सूबे में जेडीयू और बीजेपी के बीच गठबंधन है, लेकिन कई मुद्दों पर दोनों दलों के बीच मतभेद है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग (Demand to Give Special Status to Bihar) और जातीय जनगणना (Caste Census in Bihar) को लेकर जहां जेडीयू आक्रामक है, वहीं बीजेपी ने दोनों मुद्दों से खुद को किनारे कर लिया है.
ये भी पढ़ें: विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर JDU और BJP में तकरार, लगातार किया जा रहा वार-पलटवार
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बगावत करने वाले नेताओं को बीजेपी और जेडीयू ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था, लेकिन चुनाव नतीजे आने के साथ ही जेडीयू ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए बागी नेताओं को सम्मान के साथ पार्टी में इंट्री देना शुरू कर दिया है. जबकि बीजेपी ने अब तक बागी नेताओं को पार्टी में जगह नहीं दी है. अबतक जेडीयू में कई बागी नेता सम्मान के साथ पार्टी में शामिल किए जा चुके है, लेकिन बीजेपी के कई कद्दावर नेता तक अभी इंतजार में ही हैं. पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया, पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी और राजेंद्र सिंह की इंट्री अभी तक बीजेपी में नहीं हो पाई है.
जेडीयू ने सबसे पहले मनजीत सिंह को पार्टी में शामिल किया गया और बकायदा प्रदेश उपाध्यक्ष भी बनाया गया. मनजीत की वजह से बैकुंठपुर सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी वहां से चुनाव हारे थे. उधर औरंगाबाद के गोह विधानसभा से बगावत कर चुनाव लड़ने के कारण रणविजय सिंह को भी निष्कासित किया गया था, लेकिन उन्हें भी उपाध्यक्ष बनाकर पार्टी में शामिल किया गया. बीजेपी को गोह विधानसभा सीट गंवानी पड़ी थी और पार्टी के प्रवक्ता मनोज शर्मा चुनाव हारे थे.
चैनपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के ब्रजकिशोर बिंद चुनाव लड़ते थे. ब्रजकिशोर विधायक भी रह चुके हैं लेकिन जमा खान के शामिल होने के बाद जेडीयू का दावा मजबूत हो गया है. वहीं, कहलगांव विधानसभा सीट पर अभी बीजेपी का कब्जा है, लेकिन सदानंद सिंह के पुत्र शुभानंद मुकेश को जेडीयू में शामिल कराया गया है. जाहिर तौर पर भविष्य में जेडीयू इस सीट पर अपना दावा कर सकती है. सुभानंद मुकेश को सदानंद सिंह का राजनीतिक वारिस माना जा रहा है और भविष्य में कहलगांव सीट के लिए वे जेडीयू के प्रत्याशी हो सकते हैं. इसके अलावे बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य और पूर्व मंत्री सोना धारी सिंह को भी जेडीयू में शामिल किया गया है.
ये तो हुई नेताओं की वापसी की. अब बात उन दो मुद्दों की जिन पर इन दिनों जेडीयू और बीजेपी के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. दरअसल स्पेशल स्टेटस और जातीय जनगणना को लेकर दोनों दलों के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं. जेडीयू के नेता और खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातीय जनगणना और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग लगातार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बीजेपी नेताओं का बिल्कुल भी साथ नहीं मिल रहा है.
ये भी पढ़ें: पहले जातीय जनगणना और अब स्पेशल स्टेटस पर BJP-JDU में मतभेद, कहीं गठबंधन में 'गांठ' के संकेत तो नहीं!
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि नीतीश कुमार विकल्प की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं. कई मुद्दों पर बीजेपी से उनके मतभेद हैं और नीतीश कुमार ने दबाव भी बना रखा है. ऐसे में नीतीश कुमार ने भविष्य के विकल्प खुले रखे हैं.
नीतीश कुमार विकल्प की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं. कई मुद्दों पर बीजेपी से नीतीश कुमार के मतभेद हैं. शायद इसलिए भी वे एक तरफ दबाव बनाए हुए हैं और साथ-साथ भविष्य के विकल्प भी खुले रखे हैं"- डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद कहते हैं कि पार्टी में आने-जाने का सिलसिला चलता रहता है. जरूरी नहीं है कि जो पार्टी में आए हैं, वह चुनाव लड़ेंगे. टिकटों को लेकर अंतिम फैसला शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर होता है.
"पार्टी में आने-जाने का सिलसिला चलता रहता है. ऐसे में ये जरूरी नहीं है कि जो पार्टी में आए हैं, उनको चुनाव के वक्त टिकट मिल ही जाए. इस पर अंतिम फैसला तो शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर होता है"- अरविंद निषाद, प्रदेश प्रवक्ता, जेडीयू
ये भी पढ़ें: कभी भी डूब सकती है NDA की नाव, नीतीश ने विशेष राज्य के नाम पर लोगों को दिया झांसा: राजद
उधर, बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह कहते हैं कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. राजनीति में किसी भी संभावना से आप इनकार नहीं कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल हमारा नीतीश कुमार के साथ गठबंधन है और आगे भी चलता रहेगा.
"देखिए राजनीति संभावनाओं का खेल है. राजनीति में किसी भी संभावना से आप इनकार नहीं कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल हमारा नीतीश कुमार के साथ मजबूत गठबंधन है"- अरविंद सिंह, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी