ETV Bharat / state

Power Crisis in Bihar: बोले सीएम नीतीश- 'संकट की स्थिति पर है सरकार की नजर, उठाए जा रहे कई कदम'

भीषण गर्मी के बीच बिहार बिजली संकट से जूझ रहा है. इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar On Power Crisis ) ने कहा कि 'स्थिति पर सरकार की नजर है जो भी संभव कदम हैं उठाए जा रहे हैं.'

Nitish Kumar On Power Crisis
Nitish Kumar On Power Crisis
author img

By

Published : May 6, 2022, 4:08 PM IST

पटना: बिजली संकट ने गर्मी में लोगों को परेशान कर दिया है. बिहार के कई जिलों में घंटों बिजली गुल होने की समस्या शुरू हो गई है. लोग गर्मी और चिलचिलाती धूप से बचने के लिए ज्यादातर अपने घरों में रह रहे हैं. लेकिन घरों में भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar ) ने बिहार में बिजली संकट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से जो भी संभव है किया जा रहा है. संकट एक जगह नहीं बल्कि कई जगहों पर है. इन सारी बातों पर हमारा ध्यान है और जो भी कर सकते हैं करने का प्रयास किया जा रहा है.

पढ़ें- बिहार को हर दिन मिल रही 2000 मेगावाट कम बिजली, जरूरत के मुताबिक नहीं हो रही सप्लाई

कम हो रही बिजली की सप्लाई: बिहार में फिलहाल जितनी बिजली की जरूरत उससे 1000 मेगावाट बिजली की कम आपूर्ति की जा रही है. बिहार को फिलहाल 4200 मेगावाट बिजली ही मिल रही है. दरअसल, बिहार सरकार और NTPC के बीच 5200 मेगावाट बिजली उपलब्‍ध कराने का करार है, लेकिन बिजली उत्‍पादक कंपनी की ओर से फिलहाल 4200 मेगावाट बिजली की ही आपूर्ति की जा रही है. यदि यही स्थिति बरकरार रही तो आने वाले समय में प्रदेश में बिजली आपूर्ति की समस्‍या गहरा सकती है.

सभी जिले में कटौतीः इन सबके बीच जिन जिलों को जितनी क्षमता के अनुरूप बिजली मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिल रही है. उसमें भी कटौती की जा रही है. पूर्णिया को 180 मेगावाट के बदले 110 मेगावाट ही उपलब्ध हो पा रही है. कटिहार को 120 मेगावाट में 80 मेगावाट ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है. अररिया को 130 मेगावाट में 110 मेगावाट बिजली उपलब्ध करायी जा रही है. मुंगेर को 100 मेगावाट की जरूरत है, वहां 80 मेगावाट उपलब्ध करायी जा रही है. कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो प्रदेश के सभी जिलों में 20 से 30 फीसदी कटौती करके बिजली दी जा रही है. गांव में दोपहर के समय रात्रि में रोटेट करके बिजली कट की जा रही है, जिससे कि लोगों को परेशानी ना हो, लेकिन लगभग 17 से 18 घंटे बिजली मुहैया करायी जा रही है.

कोयला की कमी से बिजली प्रभावितः बिहार के बिजलीघरों को झारखंड की कोयला खदान से कोयले की आपूर्ति होती है. इन्हें इसीएल (ईस्टर्न कोल लिमिटेड) और सीसीएल (सेंट्रल कोल फील्ड) कोयले की आपूर्ति करता है. इन दोनों की कोयला खदान झारखंड और पश्चिम बंगाल में हैं. लेकिन फिलहाल बिहार में कोयले की कमी की समस्या का असर बिजली आपूर्ति पर पड़ रहा है. क्योंकि देश में इन दिनों कोयला संकट गहराता जा रहा है. बिजली उत्पादन के लिए बिहार को जितने कोयला की जरूरत है, वह नहीं मिल पा रहा है. वहीं बिजली अधिकारी बिजली कट की समस्या को छुपाने के लिए इसे मेंटेनेंस वर्क बताने में लगे हैं.

यह भी पढ़ें- बिहार में और बढ़ेंगे बिजली के दाम, नए साल में लग सकता है 'करंट'


विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP


पटना: बिजली संकट ने गर्मी में लोगों को परेशान कर दिया है. बिहार के कई जिलों में घंटों बिजली गुल होने की समस्या शुरू हो गई है. लोग गर्मी और चिलचिलाती धूप से बचने के लिए ज्यादातर अपने घरों में रह रहे हैं. लेकिन घरों में भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar ) ने बिहार में बिजली संकट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से जो भी संभव है किया जा रहा है. संकट एक जगह नहीं बल्कि कई जगहों पर है. इन सारी बातों पर हमारा ध्यान है और जो भी कर सकते हैं करने का प्रयास किया जा रहा है.

पढ़ें- बिहार को हर दिन मिल रही 2000 मेगावाट कम बिजली, जरूरत के मुताबिक नहीं हो रही सप्लाई

कम हो रही बिजली की सप्लाई: बिहार में फिलहाल जितनी बिजली की जरूरत उससे 1000 मेगावाट बिजली की कम आपूर्ति की जा रही है. बिहार को फिलहाल 4200 मेगावाट बिजली ही मिल रही है. दरअसल, बिहार सरकार और NTPC के बीच 5200 मेगावाट बिजली उपलब्‍ध कराने का करार है, लेकिन बिजली उत्‍पादक कंपनी की ओर से फिलहाल 4200 मेगावाट बिजली की ही आपूर्ति की जा रही है. यदि यही स्थिति बरकरार रही तो आने वाले समय में प्रदेश में बिजली आपूर्ति की समस्‍या गहरा सकती है.

सभी जिले में कटौतीः इन सबके बीच जिन जिलों को जितनी क्षमता के अनुरूप बिजली मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिल रही है. उसमें भी कटौती की जा रही है. पूर्णिया को 180 मेगावाट के बदले 110 मेगावाट ही उपलब्ध हो पा रही है. कटिहार को 120 मेगावाट में 80 मेगावाट ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है. अररिया को 130 मेगावाट में 110 मेगावाट बिजली उपलब्ध करायी जा रही है. मुंगेर को 100 मेगावाट की जरूरत है, वहां 80 मेगावाट उपलब्ध करायी जा रही है. कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो प्रदेश के सभी जिलों में 20 से 30 फीसदी कटौती करके बिजली दी जा रही है. गांव में दोपहर के समय रात्रि में रोटेट करके बिजली कट की जा रही है, जिससे कि लोगों को परेशानी ना हो, लेकिन लगभग 17 से 18 घंटे बिजली मुहैया करायी जा रही है.

कोयला की कमी से बिजली प्रभावितः बिहार के बिजलीघरों को झारखंड की कोयला खदान से कोयले की आपूर्ति होती है. इन्हें इसीएल (ईस्टर्न कोल लिमिटेड) और सीसीएल (सेंट्रल कोल फील्ड) कोयले की आपूर्ति करता है. इन दोनों की कोयला खदान झारखंड और पश्चिम बंगाल में हैं. लेकिन फिलहाल बिहार में कोयले की कमी की समस्या का असर बिजली आपूर्ति पर पड़ रहा है. क्योंकि देश में इन दिनों कोयला संकट गहराता जा रहा है. बिजली उत्पादन के लिए बिहार को जितने कोयला की जरूरत है, वह नहीं मिल पा रहा है. वहीं बिजली अधिकारी बिजली कट की समस्या को छुपाने के लिए इसे मेंटेनेंस वर्क बताने में लगे हैं.

यह भी पढ़ें- बिहार में और बढ़ेंगे बिजली के दाम, नए साल में लग सकता है 'करंट'


विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.