पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना हाईकोर्ट के शताब्दी भवन के उद्घाटन के मौके पर कहा कि कानून का राज स्थापित करना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है. उसमें न्यायालय की भूमिका भी अहम है.
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203 करोड़ की लागत से बना है भवन
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि न्यायपालिका सही आदमी के खिलाफ अन्याय नहीं होने देती है. न्यायपालिका सभी के साथ न्याय करती है और गड़बड़ करने वाले को सजा देती है. स्पीडी ट्रायल तेजी से चलता रहेगा तो, अपराधियों को सजा मिलेगी और इससे अपराध पर नियंत्रण हो सकेगा. पटना हाई कोर्ट का पुराना भवन भी ऐतिहासिक है और गौरवान्वित करता है. नया भवन पुराने भवन की तरह ही है. नए विस्तारित भवन पर 203 करोड़ 94 लाख रुपया खर्च हुआ है.
''साल 2006 में पटना हाईकोर्ट के जजों ने भी अपराध नियंत्रण में अहम भूमिका निभाई थी. कानून का राज स्थापित करने में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका है. कोरोना संकट नहीं होता तो पिछले साल ही पटना हाई कोर्ट के नये भवन का उद्घाटन हो जाता"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
आधुनिक लाइब्रेरी की भी व्यवस्था
नए भवन में कई तरह की सुविधाएं जजों को मिलेगी. पार्किंग से लेकर कोर्ट रूम और आधुनिक लाइब्रेरी की भी व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि स्पीडी ट्रायल तेजी से चले तो, अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी.
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बता दें कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने किया. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुप्रीम कोर्ट के कई माननीय जज और पटना के साथ झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी कार्यक्रम में मौजूद रहे.