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दूसरे राज्यों के लिए नजीर बनेगा बिहार में जातीय जनगणना, अन्य राज्य भी करेंगे डिमांड: CM

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना (CM Nitish Kumar On Caste Census) को लेकर कहा कि यहां ऐसा काम किया जाएगा कि यह दूसरे राज्यों के लिए मिसाल बनेगा. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के साथ जनगणना को लेकर लगातार बातचीत चल रही है. सभी राजनीतिक पार्टियां भी नजर बनाए हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार में जातीय जनगनणा
बिहार में जातीय जनगनणा
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Published : Jun 6, 2022, 5:40 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने भी वर्ष 2010-11 में जातीय जनगणना कराया था लेकिन पब्लिश नहीं हुआ. इसके पीछे जो जानकारी आई है, वह यह है कि त्रुटि के कारण इसे पब्लिश नहीं किया गया. यह बात उन्होंने जनता दरबार के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा. उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census in Bihar) बेहतर ढंग से किया जाएगा. जिसे देखकर दूसरे लोग भी कराने को कहेंगे.

यह भी पढ़ें: फरवरी 2023 तक पूरी होगी जाति आधारित जनगणना, 500 करोड़ खर्च का अनुमान: मुख्य सचिव

जातीय जनगणना पर सबकी नजर: उन्होंने कहा कि यहां जातीय जनगणना अच्छे ढंग से होगा. इस काम में लगे अधिकारी भी काम कर रहे हैं. सभी पार्टी भी इस पर नजर बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी तो इच्छा यही है कि बिहार में जातिय जनगणना ऐसी हो कि बाहर के राज्य के लोग महसूस करेंगे कि करना चाहिए. जनगणना समिति वर्ग में तो कर नहीं रहे है, सबका हो रहा है. अधिकारियों के साथ एक-दो राउंड की मीटिंग हो चुकी है और आगे भी करेंगे. जिससे काम में गति आए. उन लोगों को भी जोड़ने की कोशिश हो रही है, जिन्होंने जनगणना में काम किया है. सरकारी कर्मचारी तो रहेंगे हैं लेकिन जो रिटायर हो चुके हैं, उन्हें भी जोड़ने की कोशिश हो रही है.

"केन्द्र सरकार ने भी वर्ष 2010-2011 में जातीय जनगणना कराया था. इसके पीछे कुछ जानकारी तो आई है ना. ठीक ढंग से नहीं हुआ है. यहां पर इतना बढ़िया ढंग से किया जाएगा. हमको तो इच्छा यही है कि खूब अच्छे ढंग से हो जाए. बाकि लोग महसूस करेंगे कि हमको भी कराना है. अधिकारियों के साथ एक-दो राउंड की बैठक हुई है. दूसरी पार्टियां भी नजर बनाए हुए हैं" -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

जनगणना की तैयारी पूरी: बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें बिहार में जातीय जनगणना की स्वीकृति दे दी गई है. 2023 तक जाति आधारित गणना पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और इस पर 500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. इससे पहले एक जून को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जाति आधारित जनगणना के लिए सर्वदलीय बैठक हुई थी. जिसमें सबकी सहमति बनी थी और उसके बाद ही कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पारित किया गया.

जनसंख्या नियंत्रण पर रखें विचार: जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बीजेपी के तरफ से बयान दिए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का अपना विचार हो सकता है. लेकिन हमने तो जनसंख्या नियंत्रण में 4.3 से 3 प्रतिशत तक किया है. किस प्रकार से यह कम हुआ है, सबको पता है. सरकार ने वर्ष 2012-13 में अध्ययन करवाया और महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया है.अगले चार-पांच सालों में 3 से 2 प्रतिशत पर लाएंगे इसमें लगे हुए हैं. बिहार में जनसंख्या नियंत्रण पर काम चल रहा है.

यह भी पढ़ें-नीतीश कैबिनेट ने जातीय जनगणना पर लगायी मुहर, कुल 12 प्रस्ताव पास

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने भी वर्ष 2010-11 में जातीय जनगणना कराया था लेकिन पब्लिश नहीं हुआ. इसके पीछे जो जानकारी आई है, वह यह है कि त्रुटि के कारण इसे पब्लिश नहीं किया गया. यह बात उन्होंने जनता दरबार के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा. उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census in Bihar) बेहतर ढंग से किया जाएगा. जिसे देखकर दूसरे लोग भी कराने को कहेंगे.

यह भी पढ़ें: फरवरी 2023 तक पूरी होगी जाति आधारित जनगणना, 500 करोड़ खर्च का अनुमान: मुख्य सचिव

जातीय जनगणना पर सबकी नजर: उन्होंने कहा कि यहां जातीय जनगणना अच्छे ढंग से होगा. इस काम में लगे अधिकारी भी काम कर रहे हैं. सभी पार्टी भी इस पर नजर बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी तो इच्छा यही है कि बिहार में जातिय जनगणना ऐसी हो कि बाहर के राज्य के लोग महसूस करेंगे कि करना चाहिए. जनगणना समिति वर्ग में तो कर नहीं रहे है, सबका हो रहा है. अधिकारियों के साथ एक-दो राउंड की मीटिंग हो चुकी है और आगे भी करेंगे. जिससे काम में गति आए. उन लोगों को भी जोड़ने की कोशिश हो रही है, जिन्होंने जनगणना में काम किया है. सरकारी कर्मचारी तो रहेंगे हैं लेकिन जो रिटायर हो चुके हैं, उन्हें भी जोड़ने की कोशिश हो रही है.

"केन्द्र सरकार ने भी वर्ष 2010-2011 में जातीय जनगणना कराया था. इसके पीछे कुछ जानकारी तो आई है ना. ठीक ढंग से नहीं हुआ है. यहां पर इतना बढ़िया ढंग से किया जाएगा. हमको तो इच्छा यही है कि खूब अच्छे ढंग से हो जाए. बाकि लोग महसूस करेंगे कि हमको भी कराना है. अधिकारियों के साथ एक-दो राउंड की बैठक हुई है. दूसरी पार्टियां भी नजर बनाए हुए हैं" -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

जनगणना की तैयारी पूरी: बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें बिहार में जातीय जनगणना की स्वीकृति दे दी गई है. 2023 तक जाति आधारित गणना पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और इस पर 500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. इससे पहले एक जून को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जाति आधारित जनगणना के लिए सर्वदलीय बैठक हुई थी. जिसमें सबकी सहमति बनी थी और उसके बाद ही कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पारित किया गया.

जनसंख्या नियंत्रण पर रखें विचार: जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बीजेपी के तरफ से बयान दिए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का अपना विचार हो सकता है. लेकिन हमने तो जनसंख्या नियंत्रण में 4.3 से 3 प्रतिशत तक किया है. किस प्रकार से यह कम हुआ है, सबको पता है. सरकार ने वर्ष 2012-13 में अध्ययन करवाया और महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया है.अगले चार-पांच सालों में 3 से 2 प्रतिशत पर लाएंगे इसमें लगे हुए हैं. बिहार में जनसंख्या नियंत्रण पर काम चल रहा है.

यह भी पढ़ें-नीतीश कैबिनेट ने जातीय जनगणना पर लगायी मुहर, कुल 12 प्रस्ताव पास

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