पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में श्रम संसाधन और विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की समीक्षा बैठक की. समीक्षा के दौरान आत्मनिर्भर बिहार के 'सात निश्चय पार्ट-2' के तहत श्रम संसाधन और विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग से कार्यान्वित होने वाली योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेगा स्किल सेंटर्स जल्द से जल्द खोले जाएं, ताकि नए कौशल का प्रशिक्षण पाकर अधिक से अधिक युवा रोजगार प्राप्त कर सकें. इसके साथ मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का भी निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने श्रम संसाधन तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की समीक्षा की और कई निर्देश दिए:
- आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के तहत श्रम संसाधन तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग से कार्यान्वित होने वाली योजनाओं को तेजी से लागू करें
- मेगा स्किल सेंटर्स जल्द से जल्द खोले जाएं
- सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाएं
- युवाओं के और बेहतर तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था करें, ताकि उन्हें बेहतर रोजगार मिल सके
- ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास के कई कार्य किए गए हैं। इनसे जुड़े कार्यों के मेंटेनेंस की भी ट्रेंनिंग हो
- इंप्रुव्ड टेक्नोलॉजी को लेकर एक टीम बनाएं जो नॉलेज के अपग्रेडेशन से अवगत रहे.
समीक्षा बैठक में श्रम संसाधन विभाग के सचिव मिहिर कुमार सिंह ने आत्मनिर्भर बिहार के 'सात निश्चय पार्ट-2' के तहत विभाग से जुड़ी योजनाओं के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया. प्रस्तुतीकरण में आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाना, नए कोर्सेस/ट्रेड्स इंट्रोड्यूस कराना, नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट फॉर वुमेन की स्थापना, सभी जिलों में मेगा स्किल सेंटर बनाना और विभाग द्वारा किए जा रहे अन्य कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई.
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विज्ञान और प्रावैधिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने आत्मनिर्भर बिहार के 'सात निश्चय पार्ट-2' के तहत विभाग से जुड़ी योजनाओं के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया. प्रस्तुतीकरण में पॉलिटेक्निक संस्थानों में गुणवत्ता बढ़ाना, बाजार और उद्योगों के अनुरुप बेहतर रोजगार के और नये अवसर उपलब्ध कराने के लिये छात्रों की दक्षता में वृद्धि हेतु कार्य योजना बनाना, पॉलिटेक्निक संस्थानों में उच्चस्तरीय सेंटर ऑफ एक्सिलेंस को स्थापित करने की योजना, संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को कौशल प्रदान करने हेतु डिप्लोमा शिक्षा के साथ-साथ रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कोर्सेस की व्यवस्था करना और विभाग कीा ओर से किए जा रहे अन्य कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई.
युवाओं को बेहतर रोजगार देने का प्रयास
इस बैठक में समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में युवाओं के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैंय. युवाओं को रोजगार में मदद करने के लिए स्वयं सहायता भत्ता योजना, युवाओं को कंप्यूटर, संवाद कौशल एवं व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण दिया गया है. उन्होंने कहा कि युवाओं को और बेहतर तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था करें, ताकि छात्रों की दक्षता में वृद्धि हो सके और इससे उन्हें बेहतर रोजगार मिल सके.
युवाओं को दिया जाए तकनीकी प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में जानकारी दी गई है कि पॉलिटेक्निक संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को डिप्लोमा शिक्षा के साथ-साथ संवाद कौशल और व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे उन्हें काफी फायदा हुआ है और इससे उनका बेहतर प्लेसमेंट हुआ है, यह खुशी की बात है. उन्होंने कहा कि मेगा स्किल सेंटर्स जल्द से जल्द खोले जाएं, ताकि नए कौशल का प्रशिक्षण पाकर अधिक से अधिक युवा रोजगार प्राप्त कर सकें. कुशल युवा केंद्रों एवं डीआरसीसी पर भी अन्य कार्यों की तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था करवाने के लिए आंकलन कराएं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास के कई कार्य किए गए हैं. इनसे जुड़े कार्यों के मेंटेनेंस की भी ट्रेंनिंग करवाएं.
सीएम नीतीश ने कहा कि सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाएं. हर विभाग से संबद्ध नई तकनीक के कोर्सेज को भी बच्चों को पढ़ायें. इंप्रुव्ड टेक्नोलॉजी को लेकर एक टीम बनाएं, जो नॉलेज के अपग्रेडेशन से अवगत रहे, अध्यापक नई टेक्नोलॉजी के प्रति अपडेट रहें. ताकि बच्चों को नवीन तकनीक की बेहतर जानकारी दे सकें.
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बैठक में विज्ञान और प्रावैधिकी मंत्री अशोक कुमार चौधरी, श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार सहित संबंधित विभाग के बढ़िया अधिकारी और मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी मौजूद रहे.