पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' में चतुर्थ कृषि रोड मैप की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक (Cm Nitish reviewd meeting on agriculture roadmap) हुई. बैठक में चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रण हेतु संबंद्ध 12 विभागों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप से 12 विभाग संबद्ध है. कृषि रोड मैप का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लक्ष्य के मुताबिक कार्यों का सही विशलेषण एवं आंकलन करें. तीनों कृषि रोड मैप की कई उपलब्धियाँ हैं लेकिन इसके अलावा कहीं कुछ और कमी है, उसे दूर करें और चौथे कृषि रोड मैप के लिये बेहतर कार्ययोजना एवं लक्ष्य निर्धारित करें. लोगों की आमदनी बढ़े, राज्य का विकास हो, इसके लिये सभी ठीक से काम करें.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हित के लिये हमलोग वर्ष 2008 से ही कृषि रोड मैप के माध्यम से लगातार काम कर रहे हैं ताकि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों का तेजी से विकास हो सके. राज्य की 75 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. हर खेत तक सिंचाई पहुंचाने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है। हर घर तक बिजली पहुॅच गयी है और किसानों को भी बिजली उपलब्ध करायी जा रही है.
समेकित चौर विकास कार्यक्रम को दें बढ़ावा: राज्य बाढ़ और सुखाड़ दोनों आपदा से प्रभावित रहता है. बाढ़ और सुखाड़ से बचाव के लिये कई दीर्घकालिक कदम उठाये गये हैं. बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हमलोग हरसंभव मदद उपलब्ध कराते हैं. हमारा मानना है कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है. देश में जितना क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है, उसका 73 प्रतिशत बिहार का है. मुख्यमंत्री ने कहा कि समेकित चौर विकास कार्यक्रम को बढ़ावा दें और तेजी से काम करें, इससे चौर क्षेत्र के किसानों को फायदा होगा. पशु संसाधनों के विकास के तहत गाय को बढ़ावा दें. गाय का दूध काफी उपयोगी एवं फायदेमंद है.
सर्वे और सेटलमेंट का काम तेजी से करें पूर्ण: उन्होंने कहा कि राज्य में उसना चावल खाने वालों की संख्या अधिक है. उसना चावल मिलों की संख्या बढ़ायें ताकि उसना चावल अधिक से अधिक उपलब्ध हो सके. भूमि विवाद के कारण अपराध की कई घटनायें होती हैं. गड़बड़ करनेवालों पर कार्रवाई होती है. भूमि का आपसी विवाद खत्म होना जरूरी है. सर्वे और सेटलमेंट का काम तेजी से पूर्ण करें. उन्होंने कहा कि बिहार से झारखण्ड के अलग होने के बाद राज्य का हरित आवरण 9 प्रतिशत था. हरित आवरण बढ़ाने के लिये बड़ी संख्या में पौधारोपण कराया गया. राज्य का हरित आवरण 17 प्रतिशत तक पहुॅचाने के लिये तेजी से काम करें.
कृषि विभाग सचिव ने पशु और मत्स्य संसाधन विभाग की दी जानकारी: कृषि विभाग के सचिव एन० सरवन कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अब तक के तीनों कृषि रोड मैप की उपलब्धियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रण के लिये विशेषज्ञ समिति का गठन कर प्राथमिकतायें तय की गयी है ताकि कृषि के क्षेत्र में और अधिक उपलब्धि हासिल किया जा सके. उन्होंने पशु और मत्स्य संसाधन विभाग की उपलब्धियों की भी जानकारी दी.
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