पटना: राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव (Nitish Kumar Replied On Motion Of Thanks To Governor) पर बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि जब आर्थिक संसाधन रहेगा तभी ना योजना पर काम होगा. राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर 2 दिनों की चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने सरकार की तरफ से जवाब दिया और कहा कि यह परंपरा रही है कि सरकार की तरफ से जो भेजा जाता है उसे राज्यपाल पढ़ते हैं और राज्यपाल ने जो भी अभिभाषण में बातें कहीं है, सरकार वह सब कर रही है.
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विषेष राज्य के दर्जा देने की मांग : सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि समाधान यात्रा के दौरान भी हम समस्या जानने और उसे दूर करने की कोशिश किए हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि समाधान यात्रा की बैठकों में बीजेपी के भी विधायक शामिल होते थे. 15 विधायकों को छोड़ दे तो सभी विधायक बैठक में शामिल हुए और अपनी बात कही है. मुख्यमंत्री ने शिक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि पहले लड़कियां पांचवीं क्लास से ऊपर नहीं पढ़ पाती थी तब हमने पोशाक योजना, साइकिल योजना सहित कई योजना शुरू की. बाद में साइकिल योजना का लाभ लड़कों को भी दिया.
"हमने कई योजना की शुरूआत की" : मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षकों को पढ़ाना चाहिए लेकिन बैठक में शिक्षकों की अनुपस्थिति की जानकारी मिलती है. पहले शिक्षकों को कितनी वेतन मिलती थी केवल 4000 रुपए. हमलोग लगातार उनका वेतन बढ़ाए हैं और आगे भी बढ़ाएंगे लेकिन बच्चों को पढ़ाएं. नए स्कूल भी बना रहे हैं और शिक्षकों की बहाली भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने जल जीवन हरियाली, गंगा जल योजना, बिजली की भी चर्चा की और यह भी कहा कि बिहार गरीब राज्य है.
"बिहार को विषेष राज्य का दर्जा मिले" : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि- "प्रति व्यक्ति आय विकसित राज्यों से काफी कम है और इसलिए हम लोग विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते रहे हैं कि बिहार तेजी से विकास कर सके. पहले केंद्र की योजना में राज्यों की हिस्सेदारी कम थी लेकिन अब राज्यों को अधिक हिस्सा देना पड़ रहा है. यह तो केंद्र को देखना है की सभी राज्य विकास कर सके. आर्थिक संसाधन जब नहीं रहेगा तो योजनाओं को कैसे लागू करेंगे."
नीतीश कुमार ने शिक्षामंत्री की खिंचाई की : सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री की खिंचाई भी की. सदन में उनकी ओर इशारा करते हुए कहा कि कैबिनेट में जो बातें जाने वाली होती है उसे लिक हीं किया जाता है. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हुई बातचीत की जानकारी भी दी. कहा कि गलवान घाटी के शहीद के परिजनों के मामले में उनसे बात हुई हुई है. शराबबंदी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबकी सहमति से ही उसे लागू किया गया है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप ही के कहने पर सदन में सब को शपथ दिलाई गई थी, मैं कैसे भूल सकता हूं. वहीं बीजेपी विधायक लखींद्र प्रसाद रोशन ने sc-st की छात्रवृत्ति को लेकर सवाल खड़ा किया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि आप डीएम को शिकायत भेजते हैं तो एक कॉपी मुख्यमंत्री को भी भेज दीजिए.
बढ़ती जनसंख्या पर भी चिंता जताई : मुख्यमंत्री ने बिहार में बढ़ती जनसंख्या पर भी चिंता जताई. मुख्यमंत्री ने बिजली की चर्चा करते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है. किसानों के लिए अलग से फीडर की व्यवस्था की गई है. अब तक 354000 किसानों को कनेक्शन दिया गया है और आने वाले समय में बड़ी संख्या में किसानों को कनेक्शन दिया जाएगा. किसानों को 70 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मुहैया कराई जा रही है जबकि सरकार को 5 रुपए 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से खरीदना पड़ रहा है.
"विकसित राज्यों को सस्ते दर पर बिजली दी जा रही है" : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि- "हम लोग पूरे देश में बिजली का दर एक करने की मांग लंबे समय से करते रहे हैं लेकिन विकसित राज्यों को जहां सस्ते दर पर बिजली दी जा रही है. वहीं बिहार जैसे राज्यों को अधिक दर पर बिजली खरीदना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम लोग मेंटेनेंस पॉलिसी सभी चीजों के लिए ला रहे हैं जिससे चाहे स्कूल हो सड़क हो पुल पुलिया हो या सरकारी भवन हो सभी का मेंटेनेंस किया जा सके.
मुख्यमंत्री ने कई योजनाओं का किया जिक्र : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोजगार और नौकरी के साथ कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की. मुख्यमंत्री का जवाब काफी देर तक सुनने के बाद विजय सिन्हा ने शराब माफियाओं के कारण बिहार में भ्रष्टाचार और अपराध बढ़ने की बात कही और सरकार इसे रोकने में विफल है यह आरोप लगाते हुए सदन से सभी बीजेपी सदस्यों के साथ वाकआउट कर गए. हालांकि मुख्यमंत्री बीजेपी सदस्यों से कह रहे थे कि हम उन सब चीजों की भी चर्चा करेंगे लेकिन बीजेपी के सदस्य सदन में रुके नहीं. बीजेपी की गैरमौजूदगी में धन्यवाद प्रस्ताव सदन से पारित हो गया.