पटना: देश में इन दिनों बजरंग दल को लेकर बयानबाजी जारी है. इसके पीछे का कारण कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए जारी कांग्रेस का घोषणा पत्र है. बीते दिनों कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर सत्ता में काग्रेस आई तो समाज में नफरत फैलानी वाली बजरंग दल और ऐसे संगठनों को बैन किया जाएगा. इसके बाद बजरंग दल को बैन करने की मांग कई राज्यों के साथ ही बिहार में भी की गई. जेडीयू सांसद ने भी प्रतिबंध की मांग कर डाली. वहीं बजरंग दल पर बैन लगाने वाले बयान पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार बनेगी तो इसपर रणनीति बनाएंगे. इसके साथ ही नीतीश कुमार ने कहा कि जब विपक्षी दलों के सभी लोग एक साथ बैठेंगे तो इसपर चर्चा करेंगे. वह अभी इसपर कुछ नहीं कहना चाहते हैं. इधर विपक्षी बीजेपी के नेताओं का कौशलेन्द्र के बहाने महागठबंधन की सरकार पर पलटवार जारी है.
बजरंग दल पर बैन की मांग पर सीएम नीतीश की प्रतिक्रिया: सीएम नीतीश से जब पूछा गया कि आपके सांसद की मांग है कि बजरंग दल को बैन किया जाए, इसपर उन्होंने कहा कि इन बातों पर अभी हम कुछ नहीं कहेंगे. हमारा ध्यान इन बातों पर नहीं है. विपक्षी एकता को एक मंच पर लाना मेरा मकसद है. बता दें कि जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने बिहार में बजरंग दल को प्रतिबंधित करने की मांग की है. इसपर विपक्ष हमलावर है.
"जब हमारी सरकार बनेगी तो इसपर रणनीति बनाएंगे. जब विपक्षी दलों के सभी लोग एक साथ बैठेंगे तो चर्चा करेंगे. अभी इसपर कुछ नहीं कहना चाहते हैं, हमारा पूरा ध्यान विपक्षी एकजुटता पर है."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
JDU सांसद ने की थी ये मांग: दरअसल नीतीश की पार्टी के ही सांसद कौशलेंद्र कुमार ने बिहार में बजरंग दल को बैन करने की मांग की है. उनकी इस मांग पर विपक्ष हमलावर है. कौशलेंद्र कुमार नालंदा से सांसद हैं. उन्होंने कहा था कि बिहार में बजरंग दल संगठन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. बजरंग दल को हमलोग बैन कर देंगे. ये बयान सांसद ने बिहार शरीफ सर्किट हाउस में बुधवार को दिया था.