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Bihar News: अचानक रात को BJP नेता के घर पहुंचे CM नीतीश कुमार, जानें क्या है वजह

चैती छठ का आज तीसरा दिन है. सोमवार को (डूबते सूर्य) अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया लेकिन इससे पहले रविवार को खरना के दिन बिहार के मुख्यमंत्री ने ऐसा कुछ किया, जिसके बाद एक बार फिर बिहार के सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई हैं.

खरना प्रसाद खाने बीजेपी नेता के घर पहुंचे सीएम
खरना प्रसाद खाने बीजेपी नेता के घर पहुंचे सीएम
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Published : Mar 27, 2023, 10:08 PM IST

खरना प्रसाद खाने बीजेपी नेता के घर पहुंचे सीएम

पटना: चैती छठ 2023 के दूसरे दिन खरना का प्रसाद खाने (CM reaches BJP leader house to eat Kharna Prasad) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी नेता और एमएलसी संजय मयूख के घर पहुंच गए. जिसके बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया. बिहार में सवाल उठने लगे कि क्या एक बार फिर से नीतीश कुमार का हृदय परिवर्तन तो नहीं हो रहा है.

ये भी पढ़ें : Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट की बैठक में 7 एजेंडों पर लगी मुहर, शिक्षक नियमावली पर कोई फैसला नहीं

खरना का प्रसाद खाने BJP MLC के यहां पहुंचे नीतीश: रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छठ महापर्व के दूसरे दिन खरना का प्रसाद खाने कई जगह गए. इसी दौरान नीतीश बीजेपी नेता व एमएलसी संजय मयूख के घर भी पहुंचे और खरना का प्रसाद खाया. दरअसल, संजय मयूख ने नीतीश को खुद फोन कर चैती छठ का प्रसाद खाने के लिए आमंत्रित किया था. जिसके बाद नीतीश उनके घर पर पहुंचे थे. इस दौरान नीतीश कुमार ने प्रसाद ग्रहण कर वहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनंद उठाया.

अमित शाह के करीबी हैं संजय मयूख : यहां आपको बता दें कि एमएलसी व बीजेपी नेता संजय मयूख गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. साथ ही मयूख बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया हेड भी हैं. ऐसे में कयासों को बल मिलता है, कि क्या बिहार में फिर खेला होगा? क्या नीतीश कुमार फिर पलटी मारेंगे? हालांकि फिलहाल ऐसा कुछ भी होता नहीं दिख रहा है. क्योंकि नीतीश खरना का प्रसाद खाने संजय मयूख के घर के बाद एमएलसी डॉ. कुमुद वर्मा सहित कई नेताओं के घर पहुंचे थे.

'खरना का प्रसाद खाने गए थे नीतीश' : वहीं पूरे मामले पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दो टूक कहा कि पर्व त्योहार में चाहे दीवाली, होली, छठ हो या फिर ईद, इसे सियासत से नहीं जोड़ना चाहिए. शादी, विवाह के मौके पर भी हम एक दूसरे के घर जाते हैं. इसका माने-मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए. नीतीश कुमार भी बीजेपी एमएलसी के घर करना का प्रसाद खाने गए थे. कई और नेताओं के यहां वे (नीतीश) गए थे.

'नीतीश कुमार के लिए दरवाजे क्या खिड़कियां भी बंद हैं' : बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े कह चुके हैं कि नीतीश के लिए बीजेपी के सभी दरवाजे बन्द हो गए हैं. इस बीच, इस मामले में बीजेपी के एक नेता कहते हैं कि बीजेपी के बड़े नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजे क्या खिड़कियां भी बंद हैं तो अब बीजेपी में उनके आने का प्रश्न ही नहीं उठता.

बिहार में महागठबंधन एकजुट - JDU : इधर, जेडीयू की प्रवक्ता अंजुम आरा इस किसी भी कयास पर पूर्णविराम लगाते हुए कहती हैं कि बिहार में महागठबंधन एकजुट है. उन्होंने कहा बीजेपी के नेता मयूख का मुख्यमंत्री को प्रसाद के लिए आमंत्रण मिला और वे यहां पहुंचे. इसके कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में छठ पूजा का अलग महत्व है.

राबड़ी के इफ्तार में पहुंचे थे नीतीश और फिर.. : भले ही आरजेडी नेता इसे राजनीति में शिष्टाचार का नाम दे रहे हो. लेकिन बिहार की सियासत में साल 2022 की घटना सबको याद है. मौका था राबड़ी देवी के आवास पर इफ्तार पार्टी का. नीतीश कुमार दल बल के साथ इफ्तार पार्टी में पहुंचे. उस समय नीतीश कुमार एनडीए में थे. बीजेपी से उनकी खटपट चल रही थी. ऐसे में राबड़ी देवी की इफ्तार पार्टी में नीतीश की मौजूदगी के बाद कयास लगाए जाने लगे. फिर क्या था. कयासों को सच में बदलने में देर नहीं लगी. एनडीए छोड़ नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गए. ऐसे में सवाल तो बनता है कि क्या नीतीश कुमार फिर पलटी मारेंगे?

खरना प्रसाद खाने बीजेपी नेता के घर पहुंचे सीएम

पटना: चैती छठ 2023 के दूसरे दिन खरना का प्रसाद खाने (CM reaches BJP leader house to eat Kharna Prasad) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी नेता और एमएलसी संजय मयूख के घर पहुंच गए. जिसके बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया. बिहार में सवाल उठने लगे कि क्या एक बार फिर से नीतीश कुमार का हृदय परिवर्तन तो नहीं हो रहा है.

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खरना का प्रसाद खाने BJP MLC के यहां पहुंचे नीतीश: रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छठ महापर्व के दूसरे दिन खरना का प्रसाद खाने कई जगह गए. इसी दौरान नीतीश बीजेपी नेता व एमएलसी संजय मयूख के घर भी पहुंचे और खरना का प्रसाद खाया. दरअसल, संजय मयूख ने नीतीश को खुद फोन कर चैती छठ का प्रसाद खाने के लिए आमंत्रित किया था. जिसके बाद नीतीश उनके घर पर पहुंचे थे. इस दौरान नीतीश कुमार ने प्रसाद ग्रहण कर वहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनंद उठाया.

अमित शाह के करीबी हैं संजय मयूख : यहां आपको बता दें कि एमएलसी व बीजेपी नेता संजय मयूख गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. साथ ही मयूख बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया हेड भी हैं. ऐसे में कयासों को बल मिलता है, कि क्या बिहार में फिर खेला होगा? क्या नीतीश कुमार फिर पलटी मारेंगे? हालांकि फिलहाल ऐसा कुछ भी होता नहीं दिख रहा है. क्योंकि नीतीश खरना का प्रसाद खाने संजय मयूख के घर के बाद एमएलसी डॉ. कुमुद वर्मा सहित कई नेताओं के घर पहुंचे थे.

'खरना का प्रसाद खाने गए थे नीतीश' : वहीं पूरे मामले पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दो टूक कहा कि पर्व त्योहार में चाहे दीवाली, होली, छठ हो या फिर ईद, इसे सियासत से नहीं जोड़ना चाहिए. शादी, विवाह के मौके पर भी हम एक दूसरे के घर जाते हैं. इसका माने-मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए. नीतीश कुमार भी बीजेपी एमएलसी के घर करना का प्रसाद खाने गए थे. कई और नेताओं के यहां वे (नीतीश) गए थे.

'नीतीश कुमार के लिए दरवाजे क्या खिड़कियां भी बंद हैं' : बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े कह चुके हैं कि नीतीश के लिए बीजेपी के सभी दरवाजे बन्द हो गए हैं. इस बीच, इस मामले में बीजेपी के एक नेता कहते हैं कि बीजेपी के बड़े नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजे क्या खिड़कियां भी बंद हैं तो अब बीजेपी में उनके आने का प्रश्न ही नहीं उठता.

बिहार में महागठबंधन एकजुट - JDU : इधर, जेडीयू की प्रवक्ता अंजुम आरा इस किसी भी कयास पर पूर्णविराम लगाते हुए कहती हैं कि बिहार में महागठबंधन एकजुट है. उन्होंने कहा बीजेपी के नेता मयूख का मुख्यमंत्री को प्रसाद के लिए आमंत्रण मिला और वे यहां पहुंचे. इसके कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में छठ पूजा का अलग महत्व है.

राबड़ी के इफ्तार में पहुंचे थे नीतीश और फिर.. : भले ही आरजेडी नेता इसे राजनीति में शिष्टाचार का नाम दे रहे हो. लेकिन बिहार की सियासत में साल 2022 की घटना सबको याद है. मौका था राबड़ी देवी के आवास पर इफ्तार पार्टी का. नीतीश कुमार दल बल के साथ इफ्तार पार्टी में पहुंचे. उस समय नीतीश कुमार एनडीए में थे. बीजेपी से उनकी खटपट चल रही थी. ऐसे में राबड़ी देवी की इफ्तार पार्टी में नीतीश की मौजूदगी के बाद कयास लगाए जाने लगे. फिर क्या था. कयासों को सच में बदलने में देर नहीं लगी. एनडीए छोड़ नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गए. ऐसे में सवाल तो बनता है कि क्या नीतीश कुमार फिर पलटी मारेंगे?

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