पटना: रमजान के मौके पर जिले के सीएम आवास पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया. इस आयोजन में सीएम नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और राज्यपाल लालजी टंडन सहित कई बड़े नेता मैजूद रहे. इस दौरान कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान भी पहुंचे. इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई.
पार्टी में कांग्रेस नेता पर नजर
इस बार मुख्यमंत्री के इफ्तार पार्टी में सबकी नजर कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान पर टिकी थी. शकील अहमद खान मुख्यमंत्री के इफ्तार में शामिल होने पर सफाई दी कि मुख्यमंत्री का निमंत्रण मिला तो आ गए. राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा रहती है कि अधिकांश पार्टियां इफ्तार पार्टी के बहाने बड़े नेता मुस्लिमों को रिझाने की कोशिश भी करते रहे हैं. ऐसे में नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी में शकील का जाना चर्चा का विषय बना हुआ है.
सीएम ने मांगी दुआ
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजा का विशेष महत्व है. लगातार 30 दिनों तक उपवास रखना आसान कार्य नहीं है. सीएम इस मौके पर तमाम रोजेदार को ईद की अग्रिम बधाई भी दी. साथ ही रोजेदारों के लिए दुआ मांगी. उन्होंने कहा कि राजनीति अपनी जगह है और पर्व अपनी जगह है. इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए.
इफ्तार में जाना निजी मामला- शकील अहमद
कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने कहा कि बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने बुलाया है. उन्होंने कहा कि हमारी वैचारिक लड़ाई हो सकती लेकिन, निजी मतभेद नहीं है. वहीं, कांग्रेस के अन्य नेता के नहीं आने पर कहा कि वे किसी भी पार्टी में जाना उनका अपना फैसला होता है. कांग्रेस के अन्य नेता नहीं आए तो वे उनकी जिम्मेवारी है.
एनडीए के कई मंत्री ने की शिरकत
दरअसल, मुख्यमंत्री हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन करते रहे हैं और इफ्तार पार्टी के साथ बिहार में सियासत भी होती रही है. नीतीश जब एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के साथ थे तो उस समय लालू प्रसाद और राजद कांग्रेस के नेता इफ्तार पार्टी में बड़ी संख्या में शामिल होते थे लेकिन अब एनडीए में है तो एनडीए के कई नेता शामिल हुए. इस इफ्तार पार्टी में सरकार के कई मंत्री भी आये.