पटनाः बिहार की सत्ता पर काबिज होने के बाद से नीतीश कुमार एक दर्जन से अधिक यात्राएं कर चुके हैं और इन यात्राओं के सहारे ही नीतीश कुमार ने कई योजनाओं को बिहार में लागू किया है. जिसकी चर्चा पूरे देश में हुई और नीतीश कुमार की लोकप्रियता का बड़ा कारण भी बना. लेकिन मुख्यमंत्री की यात्राओं पर अब कोरोना का असर पड़ने लगा है. कोरोना के कारण मुख्यमंत्री पिछले साल भी यात्रा नहीं कर सके और इस साल भी यात्रा पर ग्रहण लगा हुआ है.
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यात्राओं का नीतीश कुमार ने बनाया रिकॉर्ड
फरवरी, 2005 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद सरकार नहीं बनी तो नीतीश कुमार न्याय यात्रा पर निलते और पूरे बिहार का भ्रमण किया. फिर से जब अक्टूबर, 2005 में चुनाव हुआ तो नीतीश कुमार ने बहुमत की सरकार बनाई और उसके बाद से नीतीश कुमार की यात्राओं का सिलसिला शुरू हो गया. नीतीश कुमार ने एक के बाद एक 13 यात्राएं की. साइकिल योजना, पोशाक योजना, छात्रवृत्ति योजना और जीविका समूह को ताकत देने जैसी सोच इन्हीं यात्राओं के बूते मिली.
पंचायतों में आरक्षण यात्राओं का बड़ा देन माना जा रहा है और साइकिल योजना की चर्चा देश ही नहीं देश से बाहर भी हुई. लेकिन अब कोरोना काल में नीतीश कुमार की यात्राओं पर फिलहाल ग्रहण लग गया है. पिछले साल भी मुख्यमंत्री ने यात्रा नहीं की और इस साल भी फिलहाल दूर-दूर तक यात्रा की गुंजाइश नहीं दिख रही है.
जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल का भी कहना है 'नीतीश कुमार ने यात्राओं का इतिहास बनाया है, लेकिन कोरोना के कारण बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जरूर लोगों से फीडबैक ले रहे हैं.'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रमुख यात्राएंः
- न्याय यात्रा - 12 जुलाई 2005
- विकास यात्रा - 9 जनवरी 2009
- धन्यवाद यात्रा - 17 जून 2009
- प्रवास यात्रा - 25 दिसंबर 2009
- विश्वास यात्रा - 28 अप्रैल 2010
- सेवा यात्रा - 9 नवंबर 2011
- अधिकार यात्रा - 19 सितंबर 2012
- संकल्प यात्रा - 5 मार्च 2014
- संपर्क यात्रा - 13 नवंबर 2014
- निश्चय यात्रा - 2016
- समीक्षा यात्रा - 2017
- योजनाओं की समीक्षा यात्रा - 5 दिसंबर 2018
- जल जीवन हरियाली यात्रा - 2019
सीएम नीतीश कुमार को यात्राओं से काफी लाभ हुआ है
- नीतीश कुमार यात्राओं के माध्यम से लोगों से फीडबैक लेते रहे हैं
- लोगों के फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री ने साइकिल जैसी योजना शुरू की, जिसकी खूब चर्चा हुई
- लड़कियों को साइकिल देने के कारण लड़कियों की स्कूलों में उपस्थिति लड़कों के बराबर हो गयी
- जनकल्याण की योजना शुरू करने में भी मुख्यमंत्री को अपनी यात्राओं से बहुत मदद मिला
लोगों से दूर होने का असर विधानसभा चुनाव में भी दिखा
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू के खराब प्रदर्शन का एक बड़ा कारण नीतीश कुमार का लोगों से दूर होना भी माना जाता रहा है. क्योंकि अपनी यात्राओं के कारण नीतीश लोगों के बीच जाते थे और उनसे फीडबैक लेते थे. लेकिन यह सिलसिला कुछ टूट सा गया है. ऐसे नीतीश कुमार की यात्राओं को देखकर कई दल के नेताओं ने भी यात्रा शुरू की. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी कई यात्राएं शुरू किए, लेकिन किसी भी यात्रा को पूरी नहीं कर सके.