पटना: नीतीश कुमार ने साल 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल रखी है. 15 साल से बिहार की राजनीति उन्हीं के इर्द-गिर्द घूमती रही है. नीतीश कुमार ने 15 साल में कई बड़े फैसले लिए हैं. लंबे समय तक जनता दरबार भी चलाया और एक दर्जन से अधिक यात्रा का रिकॉर्ड भी बनाया.
यात्राओं में विरोध-प्रदर्शन
हर बार यात्रा में लोगों से फीडबैक लिया और कई बड़ी योजना भी शुरू की. साइकिल योजना उन्हीं में से एक थी. जिसकी चर्चा पूरे देश और विदेश में भी हुई. नीतीश कुमार अपनी यात्राओं के बलबूते जनता से कनेक्ट होते रहे. हालांकि पिछले कुछ वर्षों से उनकी यात्राओं में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया था. कई जगह उनकी नाराजगी भी देखने को मिली.
नीतीश कुमार का इमोशनल कार्ड
70 साल के नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में अपना अंतिम चुनाव बताकर साफ कर दिया है कि सक्रिय राजनीति में अगले विधानसभा चुनाव में नजर नहीं आएंगे. नीतीश कुमार ने एक इमोशनल कार्ड भी खेला है. इसका लाभ भी हो सकता है. लेकिन यह तय है कि नीतीश अब पहले जैसी यात्रा शायद ही कर पाएं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक दर्जन यात्राएं कुछ इस प्रकार से रही हैं:
- न्याय यात्रा, 12 जुलाई 2005
- विकास यात्रा, 9 जनवरी 2009
- धन्यवाद यात्रा, 17 जून 2009
- प्रवास यात्रा, 25 दिसंबर 2009
- विश्वास यात्रा, 28 अप्रैल 2010
- सेवा यात्रा, 9 नवंबर 2011
- अधिकार यात्रा, 19 सितंबर 2012
- संकल्प यात्रा, 5 मार्च 2014
- संपर्क यात्रा, 13 नवंबर 2014
- निश्चय यात्रा, 2016
- समीक्षा यात्रा, 2017
- योजनाओं की समीक्षा यात्रा, 5 दिसंबर 2018
- हरियाली यात्रा, 2019