पटनाः बिहार सरकार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार (Law Minister Kartik Singh) के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. बिहटा थाना में उनके खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज है. इस मसले पर जब पत्रकारों ने सीएम नीतीश कुमार से सवाल किया तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. सीएम ने कानून मंत्री के वारंट वाले मुद्दे से साफ तौर पर अपना पल्ला झाड़ लिया है.
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दरअसल 2014 में पटना के राजीव रंजन किडनैपिंग मामले में कानून मंत्री कार्तिक सिंह पर भी मामला दर्ज है. ये मामला बिहटा थाना में उनके खिलाफ दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है, लेकिन कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इसी पर विपक्ष अब सवाल उठाने लगा है, लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार को इसकी जानकारी नहीं थी.
"नहीं.. नहीं... हमको नहीं पता है, इसके बारे में हमको कोई जानकारी नहीं है. मुझे कुछ पता नहीं है"- नीतीश कुमार, सीएम
बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद मंगलवार को नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया. जिसमें 31 मंत्रियों ने शपथ ली. इनमें कई मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें एक नाम आरजेडी विधान पार्षद कार्तिक कुमार का भी है, जिन्हें कानून मंत्री बनाया गया है. कार्तिक कुमार पर कई थानों में मामले दर्ज में हैं. मोकामा थाना, मोकामा रेल थाना समेत बिहटा में भी इनके खिलाफ आपराधिक मामले (Allegations Against Bihar Law Minister Kartik Singh) दर्ज हैं. हालांकि किसी भी मामले में अब तक न्यायालय से इन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है.
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