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कब होगा बिहार कैबिनेट का विस्तार? सीएम नीतीश ने दी जानकारी

राज्य के नीतीश सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार (Nitish cabinet expansion) को लेकर सुगबुगाहट जारी है. इसी बीच सीएम ने कैबिनेट में होने वाले फेरबदल को लेकर बयान दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

CM Nitish Kumar on bihar cabinet expansion
CM Nitish Kumar on bihar cabinet expansion
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Published : May 16, 2022, 1:32 PM IST

पटना: बिहार में मंत्रिमंडल के विस्तार (Bihar Cabinet Expansion) को लेकर अप्रैल से ही कयास लगाए जा रहे हैं. वीआईपी के 3 विधायकों के शामिल होने के बाद से यह तय माना जा रहा है कि उनमें से एक मंत्री बनेंगे. वहीं बीजेपी में भी बड़े उलटफेर की चर्चा है. इसको लेकर जब सीएम नीतीश (Nitish Cabinet Reshuffle) से पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जब विस्तार होगा तो आप लोगों को पता नहीं चलेगा क्या?

पढ़ें- नीतीश-अमित शाह की मुलाकात में बनी बात- बिहार में जल्द होगा मंत्रिमंडल फेरबदल और बोर्ड, निगमों का गठन

मंत्रिमंडल विस्तार पर मुख्यमंत्री का बयान: नीतीश मंत्रिमंडल में बड़े उलटफेर की चर्चा लगातार हो रही है. परफॉर्मेंस के आधार पर बीजेपी के कई मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है तो वहीं जदयू में भी कुछ नए चेहरों को जगह दी जा सकती है लेकिन, मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा इस पर सस्पेंस अभी भी बना हुआ है. आज मुख्यमंत्री ने भी इस मुद्दे पर सस्पेंस बरकरार रखा. ऐसे में साफ लग रहा है कि मंत्रिमंडल में शामिल होने वालों को अभी कुछ और दिन इंतजार करना होगा. बता दें कि मुख्यमंत्री बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बुद्धा स्मृति पार्क पहुंचे थे.

बिहार कैबिनेट की स्थिति: 9 नवंबर 2020 को नीतीश कुमार ने 14 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी. बीजेपी के 7, जदयू के 5 और हम के साथ वीआईपी कोटे के एक-एक मंत्री शामिल थे. 85 दिन बाद नीतीश मंत्रिमंडल का फिर से विस्तार हुआ. 9 फरवरी 2021 को मंत्रिमंडल के हुए विस्तार में 17 मंत्रियों को जगह दी गई. ऐसे में कुल मंत्रियों की संख्या 31 पहुंच गई.

मंत्रिमंडल में 6 पद खाली: पिछले महीने मुकेश सहनी के मंत्रिमंडल से बाहर होने के बाद अब नीतीश मंत्रिमंडल में 30 मंत्री रह गए हैं. विधानसभा में विधायकों की संख्या 243 के हिसाब से 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. ऐसे में छह नए मंत्रियों के बनने की गुंजाइश है. साथ ही जदयू बीजेपी में पुराने मंत्रियों के स्थान पर नए चेहरे को जगह देने की भी तैयारी की चर्चा है. लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा फिलहाल इस पर सस्पेंस बना हुआ है.


काफी समय से आ रही है सूचना : बता दें कि पिछले काफी समय से नीतीश मंत्रिमंडल में फेरबदल किए जाने की सूचना वक्त वक्त पर आती रहती है. जिसे लेकर दोनों दल इंकार भी नहीं करते हैं. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पटना आगमन भी हुआ था. जिसके बारे में यह कहा जा रहा है कि प्रधान का अचानक पटना आना मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर हो सकता है. उन्होंने सीएम आवास पर जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात (Dharmendra Pradhan meet CM Nitish Kumar) भी की थी.

अमित शाह नीतीश कुमार की मुलाकात : बता दें कि इससे पहले 24 अप्रैल को नीतीश कुमार बगैर तय कार्यक्रम के अमित शाह से मिलने पटना एयरपोर्ट पहुंच गए, जब वह एक दिवसीय दौरे पर बिहार आए थे. गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच करीब 15 मिनट तक बातचीत हुई. बताया जाता है कि कुछ मुद्दों पर दोनों के बीच गंभीर मंत्रणा हुई. मिल रही जानकारी के मुताबिक अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच राजनीतिक मुद्दों के साथ ही मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर भी चर्चा हुई.

किनकी कुर्सी पर है खतरा : कहा जा रहा है कि कैबिनेट में केवल परफॉर्म करने वाले मंत्रियों को ही जगह दी जाएगी. जो चर्चा है, उसके मुताबिक दोनों डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणू देवी के साथ-साथ जीवेश मिश्रा, आलोक रंजन झा, अमरेंद्र प्रताप सिंह, सुभाष सिंह, रामप्रीत पासवान, नारायण प्रसाद और रामसूरत राय की कुर्सी खतरे में बताई जा रही है. कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह को अधिक उम्र होने के चलते कुर्सी गंवानी पड़ सकती है तो स्वास्थ्य कारणों से सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह मंत्रिमंडल छोड़ सकते हैं. वे गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं और लगातार उनका इलाज चल रहा है.


समीकरण और परफॉर्मेंस पर जोर: मंत्रिमंडल फेरबदल में बीजेपी सामाजिक और जातिगत समीकरण के साथ-साथ परफॉर्मेंस का भी पूरा ख्याल रखेगी. बीजेपी कोटे से जिन नए चेहरों को नीतीश मंत्रिमडल में जगह मिल सकती है, उनमें ब्राह्मण चेहरे के तौर पर नीतीश मिश्रा, भूमिहार जाति से विधान पार्षद देवेश कुमार या सिवान जिले से विधायक देवेश कांत या फिर स्पीकर विजय सिन्हा हो सकते हैं. वहीं, राजपूत जाति से राजू सिंह, सुवर्णा सिंह या राणा रणधीर सिंह की चर्चा है. यादव चेहरे के तौर पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय या एमएलसी नवल किशोर यादव हो सकते हैं. दलित चेहरे के तौर पर कृष्ण कुमार ऋषि, ललन पासवान और बोचहां विधानसभा उपचुनाव जीतने पर बेबी देवी के नाम की भी चर्चा है. कुर्मी जाति से प्रेम रंजन पटेल, राजीव रंजन और विधायक मंटू सिंह हैं. वैश्य समुदाय से संजय सरावगी और मोतीलाल प्रसाद जबकि अति पिछड़ा वर्ग से अर्जुन सहनी और प्रमोद चंद्रवंशी को मौका मिल सकता है.

कौन-कौन मंत्री सेफ जोन में?: बीजेपी कोटे से जो मंत्री सुरक्षित हैं यानी जिनकी कुर्सी बची रहेगी, उनमें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, वन व पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन और खनन मंत्री जनक राम शामिल हैं. ये तमाम लोग कैबिनेट में बने रहेंगे. हालांकि इनके विभाग में फेरबदल किया जा सकता है. उधर, जेडीयू कोटे में थोड़ी बहुत फेरबदल की संभावना है. चर्चा है कि पूर्व मंत्री नीरज कुमार और विधान पार्षद उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है.

ये भी पढ़ें: RJD की इफ्तार पार्टी पर बोले चिराग पासवान- 'बिहार में बहुत जल्द कुछ बड़ा होगा'


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पटना: बिहार में मंत्रिमंडल के विस्तार (Bihar Cabinet Expansion) को लेकर अप्रैल से ही कयास लगाए जा रहे हैं. वीआईपी के 3 विधायकों के शामिल होने के बाद से यह तय माना जा रहा है कि उनमें से एक मंत्री बनेंगे. वहीं बीजेपी में भी बड़े उलटफेर की चर्चा है. इसको लेकर जब सीएम नीतीश (Nitish Cabinet Reshuffle) से पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जब विस्तार होगा तो आप लोगों को पता नहीं चलेगा क्या?

पढ़ें- नीतीश-अमित शाह की मुलाकात में बनी बात- बिहार में जल्द होगा मंत्रिमंडल फेरबदल और बोर्ड, निगमों का गठन

मंत्रिमंडल विस्तार पर मुख्यमंत्री का बयान: नीतीश मंत्रिमंडल में बड़े उलटफेर की चर्चा लगातार हो रही है. परफॉर्मेंस के आधार पर बीजेपी के कई मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है तो वहीं जदयू में भी कुछ नए चेहरों को जगह दी जा सकती है लेकिन, मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा इस पर सस्पेंस अभी भी बना हुआ है. आज मुख्यमंत्री ने भी इस मुद्दे पर सस्पेंस बरकरार रखा. ऐसे में साफ लग रहा है कि मंत्रिमंडल में शामिल होने वालों को अभी कुछ और दिन इंतजार करना होगा. बता दें कि मुख्यमंत्री बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बुद्धा स्मृति पार्क पहुंचे थे.

बिहार कैबिनेट की स्थिति: 9 नवंबर 2020 को नीतीश कुमार ने 14 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी. बीजेपी के 7, जदयू के 5 और हम के साथ वीआईपी कोटे के एक-एक मंत्री शामिल थे. 85 दिन बाद नीतीश मंत्रिमंडल का फिर से विस्तार हुआ. 9 फरवरी 2021 को मंत्रिमंडल के हुए विस्तार में 17 मंत्रियों को जगह दी गई. ऐसे में कुल मंत्रियों की संख्या 31 पहुंच गई.

मंत्रिमंडल में 6 पद खाली: पिछले महीने मुकेश सहनी के मंत्रिमंडल से बाहर होने के बाद अब नीतीश मंत्रिमंडल में 30 मंत्री रह गए हैं. विधानसभा में विधायकों की संख्या 243 के हिसाब से 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. ऐसे में छह नए मंत्रियों के बनने की गुंजाइश है. साथ ही जदयू बीजेपी में पुराने मंत्रियों के स्थान पर नए चेहरे को जगह देने की भी तैयारी की चर्चा है. लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा फिलहाल इस पर सस्पेंस बना हुआ है.


काफी समय से आ रही है सूचना : बता दें कि पिछले काफी समय से नीतीश मंत्रिमंडल में फेरबदल किए जाने की सूचना वक्त वक्त पर आती रहती है. जिसे लेकर दोनों दल इंकार भी नहीं करते हैं. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पटना आगमन भी हुआ था. जिसके बारे में यह कहा जा रहा है कि प्रधान का अचानक पटना आना मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर हो सकता है. उन्होंने सीएम आवास पर जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात (Dharmendra Pradhan meet CM Nitish Kumar) भी की थी.

अमित शाह नीतीश कुमार की मुलाकात : बता दें कि इससे पहले 24 अप्रैल को नीतीश कुमार बगैर तय कार्यक्रम के अमित शाह से मिलने पटना एयरपोर्ट पहुंच गए, जब वह एक दिवसीय दौरे पर बिहार आए थे. गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच करीब 15 मिनट तक बातचीत हुई. बताया जाता है कि कुछ मुद्दों पर दोनों के बीच गंभीर मंत्रणा हुई. मिल रही जानकारी के मुताबिक अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच राजनीतिक मुद्दों के साथ ही मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर भी चर्चा हुई.

किनकी कुर्सी पर है खतरा : कहा जा रहा है कि कैबिनेट में केवल परफॉर्म करने वाले मंत्रियों को ही जगह दी जाएगी. जो चर्चा है, उसके मुताबिक दोनों डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणू देवी के साथ-साथ जीवेश मिश्रा, आलोक रंजन झा, अमरेंद्र प्रताप सिंह, सुभाष सिंह, रामप्रीत पासवान, नारायण प्रसाद और रामसूरत राय की कुर्सी खतरे में बताई जा रही है. कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह को अधिक उम्र होने के चलते कुर्सी गंवानी पड़ सकती है तो स्वास्थ्य कारणों से सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह मंत्रिमंडल छोड़ सकते हैं. वे गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं और लगातार उनका इलाज चल रहा है.


समीकरण और परफॉर्मेंस पर जोर: मंत्रिमंडल फेरबदल में बीजेपी सामाजिक और जातिगत समीकरण के साथ-साथ परफॉर्मेंस का भी पूरा ख्याल रखेगी. बीजेपी कोटे से जिन नए चेहरों को नीतीश मंत्रिमडल में जगह मिल सकती है, उनमें ब्राह्मण चेहरे के तौर पर नीतीश मिश्रा, भूमिहार जाति से विधान पार्षद देवेश कुमार या सिवान जिले से विधायक देवेश कांत या फिर स्पीकर विजय सिन्हा हो सकते हैं. वहीं, राजपूत जाति से राजू सिंह, सुवर्णा सिंह या राणा रणधीर सिंह की चर्चा है. यादव चेहरे के तौर पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय या एमएलसी नवल किशोर यादव हो सकते हैं. दलित चेहरे के तौर पर कृष्ण कुमार ऋषि, ललन पासवान और बोचहां विधानसभा उपचुनाव जीतने पर बेबी देवी के नाम की भी चर्चा है. कुर्मी जाति से प्रेम रंजन पटेल, राजीव रंजन और विधायक मंटू सिंह हैं. वैश्य समुदाय से संजय सरावगी और मोतीलाल प्रसाद जबकि अति पिछड़ा वर्ग से अर्जुन सहनी और प्रमोद चंद्रवंशी को मौका मिल सकता है.

कौन-कौन मंत्री सेफ जोन में?: बीजेपी कोटे से जो मंत्री सुरक्षित हैं यानी जिनकी कुर्सी बची रहेगी, उनमें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, वन व पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन और खनन मंत्री जनक राम शामिल हैं. ये तमाम लोग कैबिनेट में बने रहेंगे. हालांकि इनके विभाग में फेरबदल किया जा सकता है. उधर, जेडीयू कोटे में थोड़ी बहुत फेरबदल की संभावना है. चर्चा है कि पूर्व मंत्री नीरज कुमार और विधान पार्षद उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है.

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