पटना: जनता दरबार में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक एक फरियादी के समस्याओं को सुनते हैं, फिर चाहे उसके लिए कितना भी समय क्यों ना लग जाए. समस्तीपुर से आए एक फरियादी के आवेदन में जीविका शब्द लिखा था. उसे पढ़ते ही सीएम नीतीश ने कई बार अधिकारियों से पूछा इस शब्द का यहां क्या मतलब है?
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अनुकंपा पर नियुक्ति की सीएम नीतीश से फरियाद: दरअसल समस्तीपुर से आए फरियादी ने कहा कि "सर 2016 में पिता का निधन हो गया था. सिविल कोर्ट खगड़िया में एंप्लॉय थे. 2017 से अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए भटक रहे हैं. सिविल कोर्ट खगड़िया से कहा जाता है कि एप्लिकेशन फॉरवर्ड हो गया है. हाईकोर्ट से भी कुछ पता नहीं चल पा रहा है."
बोले सीएम- 'आवेदन में जीविका क्यों लिखे हैं?': जब फरियादी अपनी बात कह रहा था तो सीएम गंभीरता से उसका आवेदन पढ़ रहे थे. पूरी बात सुनने के बाद सीएम नीतीश ने कहा कि "ये क्या लिखे हैं? हमारे पिता जी पूरे घर की 'जीविका' कमाने वाले थे, जीविका क्यों लिखे हैं? जीविका तो हम दूसरे को बना दिए हैं. मर्द का जीविका से क्या संबंध है. ऐसा पहली बार हम देख रहे हैं."
गृह सचिव को त्वरित कार्रवाई के आदेश: फिर सीएम ने अधिकारी से पूछा गृह सचिव आए हैं, लगाओ फोन. सीएम ने गृह सचिव को कहा कि "समस्तीपुर से फरियादी आए हैं. उनके पिता समस्तीपुर के निवासी थे जो व्यवहार न्यायालय खगड़िया में आशु लिपि के पद पर थे. उनकी 2016 में मृत्यु हो गई थी. लेकिन अभी तक अनुकंपा पर नियुक्ति नहीं मिल सकी है. देख लीजिए. हम तो कहे ही हैं कि ऐसी स्थिति में देना है."
सीएम नीतीश का जनता दरबार: सीएम के जनता दरबार में ग्रामीण विकास, पशु एवं मत्स्य संसाधन,लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, ग्रामीण कार्य, ऊर्जा, पथ निर्माण, कृषि, सहकारिता, जल संसाधन, पंचायती राज, नगर विकास एवं आवास, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण, परिवहन, लघु जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, वन एवं जलवायु परिवर्तन, योजना विकास, भवन निर्माण, पर्यटन, सूचना एवं जनसंपर्क, वाणिज्य तथा सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित मामलों की सुनवाई की जा रही है.