पटना: पीएम मोदी के साथ कोविड-19 पर समीक्षा बैठक में सीएम नीतीश ने बिहार में कोरोना की स्थिति और सरकार की ओर से टेस्ट और इलाज के लिए जो भी उपाय किए जा रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी प्रधानमंत्री को दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की जनसंख्या का घनत्व राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है. इसलिए काफी अधिक मेहनत करनी पड़ रही है.
केंद्र सरकार की ओर से लगातार मदद मिल रहा है. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच बढ़ाने के लिए केंद्र दो कोवास 8,800 मशीन उपलब्ध कराए. साथ ही 10 लीटर और अधिक की क्षमता वाले 5,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आपूर्ति भी करें. इसके अलावा 3,000 हाई फ्लो नेजल कैनुला भी उपलब्ध कराए. प्रधानमंत्री के साथ समीक्षा बैठक में 10 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए थे.
'अबतक 10,97,252 लोगों की कोरोना संक्रमण की हुई जांच'
इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 को लेकर प्रधानमंत्री जी के साथ पहले भी और बैठकें हुई है. जिसमें अनेक बिंदुओं पर विमर्श हुआ है. पुन: आज की समीक्षा बैठक आयोजन के लिए प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देता हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई माह से बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. अब तक राज्य में 83,741 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं.
जिनमें एक्टिव मरीज 28,151 है. 54 हजार 139 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. अब तक 450 लोगों की मौत भी हुई है. राज्य का रिकवरी रेट 65.43% है. पहले से जांच की संख्या अधिक होने से पॉजिटिव केस 7.5 प्रतिशत से घटकर 5% पर आ गया है. राज्य का मृत्यु दर 0.54% है, अब तक कुल 10,97,252 लोगों के कोरोना संक्रमण की जांच की जा चुकी है.
'सभी कंटेनमेंट जोन में 100% कराई जा रही जांच'
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग प्रतिदिन कोरोना संक्रमण जांच की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. अब प्रतिदिन 75,346 जांच की जा रही है. 6105 आरटी पीसीआर मशीन द्वारा की जा रही है. जिसमें सरकारी जांच केंद्रों पर 4900 और निजी जांच केंद्रों पर 1200 जांच किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा 4400 जांच ट्रूनेट मशीन द्वारा किया जा रहा है और 65000 जांच रैपिड एंटीजन किट के द्वारा की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा सभी प्राइमरी हेल्थ सेंटर तक जांच की व्यवस्था की गई है. सभी कंटेनमेंट जोन में 100% जांच कराई जा रही है.
बाढ़ राहत केंद्रों और सामुदायिक रसोई केंद्रों पर भी सभी लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच कराई जा रही है. कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए तीन स्तरीय जांच की व्यवस्था की गई है. 310 कोविड केयर सेंटर, 150 डेडीकेटेड कोविड सेंटर, डिटेल सेंटर और 10 मेडिकल कॉलेजों में डेडीकेटेड को भी हेल्थ अस्पताल कार्यरत है. अभी 32124 बेड उपलब्ध है. जिनकी संख्या बढ़ाकर 70000 करने की कोशिश की जा रही है. 10,482 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध है. जिनमें 2483 ऑक्सीजन गैस पाइप के माध्यम से तथा 8 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से बेडों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है.
नि:शुल्क मेडिकल सुविधाएं कराई जा रही उपलब्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को नि:शुल्क मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. किट्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं. कॉल सेंटर के माध्यम से मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी ली जा रही है. केंद्र सरकार को इस बात के लिए धन्यवाद देता हूं कि पीएम केयर फंड के माध्यम से 500 बेड के 2 कोविड अस्पतालों का निर्माण पटना के पास बीहटा में और मुजफ्फरपुर में कराया जा रहा है. राज्य का जनसंख्या घनत्व 1102 है, जो कि राष्ट्रीय औसत 382 की तुलना में काफी अधिक है.
जनसंख्या घनत्व अधिक होने के कारण इस तरह की परिस्थितियों से निपटने में और ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग प्रतिदिन 75000 से ऊपर जांच कर रहे हैं, लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण जांच rt-pcr जांच है, जो अभी 6100 की संख्या में की जा रही है. इसकी संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. 5 और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आरटी पीसीआर जांच की व्यवस्था की जा रही है. जिससे जांच की संख्या 2300 और बढ़ जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा शीघ्र ही 10 आरटी पीसीआर मशीन और आर एन एक्स ट्रक्टर मशीन की खरीद की जाएगी. जिससे 5000 जांच की क्षमता और बढ़ेगी.
'एक लाख कोरोना सैंपल टेस्ट का लक्ष्य'
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से कहा कि आग्रह है दो कोवास 8800 मशीन बिहार को उपलब्ध कराई जाए जिससे जांच प्रतिदिन 7200 और बढ़ जाएगी. मुख्यमंत्री ने इसके साथ 10 लीटर अथवा अधिक क्षमता वाले 500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आपूर्ति करने का भी आग्रह किया. साथ ही केंद्र से 3000 हाई फ्लो नेजल कैनुला उपलब्ध कराने का आग्रह किया. जिससे गंभीर लक्षण वाले मरीजों को भी ऑक्सीजन की उपलब्धता आसानी से हो सके. इससे मरीजों को 40 से 60 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन दिया जा सकता है.
प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों का लक्ष्य प्रतिदिन एक लाख से अधिक कोरोना संक्रमण की जांच करने की है. बिहार में हम सभी लोगों की टेस्टिंग कराना चाहते हैं. जिससे कोरोना संक्रमित की पहचान कर उनका बचाव किया जा सके. लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक किया जा रहा है. 90% से अधिक लोग अब मास्क का प्रयोग कर रहे हैं. लोग सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन कर रहे हैं. 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे बच्चियां, गर्भवती महिलाएं और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को जरूरी होने पर ही बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है और उन्हें घर में ही रहने को कहा जा रहा है.
'कोरोना से निपटने में होंगे सफल'
कोरोना संक्रमण पूरी दुनिया में फैला हुआ है और यह कब तक चलेगा यह कहा नहीं जा सकता है. पूरे विश्व में इसकी वैक्सीन के लिए काम चल रहा है. पटना के एम्स में भी वैक्सीन का पहला ट्रायल किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है. हम लोग केंद्र की गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन कर रहे हैं. कोरोना से बचाव के लिए और लोगों को राहत देने के कार्य किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि हम सब मिलकर कोरोना से निपटने में सफल होंगे.