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Bihar Politics : राजपूत वोट बैंक के लिए नीतीश-आनंद मोहन की नजदीकियां, लालू ने भी चला ये दांव

इंडिया गठबंधन के घटक दल राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले उलझ पड़े हैं. नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव वोट बैंक की सियासत में जुटे हैं. नीतीश जहां आनंद मोहन से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं, वहीं लालू प्रसाद यादव कांग्रेस के 'हाथ' को मजबूत करने में जुटे हैं. दोनों दल मजबूत हाथ का साथ पाने के लिए काम कर रहा है.

इंडिया गठबंधन के घटक दल
इंडिया गठबंधन के घटक दल
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 26, 2023, 7:53 PM IST

जातिगत जनगणना के बाद बिहार की करवट लेती सियासी धुरी

पटना : अभी इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला अभी सुलझा नहीं कि राज्यों के चुनाव को लेकर विवाद खड़ा हो गया. कांग्रेस के खिलाफ नीतीश कुमार ने भी मध्य प्रदेश में उम्मीदवार खड़ा कर चुनौती दे दी है. नीतीश के इस फैसले को काउंटर करने के लिए बिहार की सरकार के गठबंधन का मजबूत हिस्सा कांग्रेस के हाथ को मजबूत करने में लगा है. लालू यादव दूरदर्शी राजनीतिज्ञ हैं. वो अपनी पार्टी के लिए मजबूत आधार चाहते हैं. जब नीतीश ने आनंद मोहन से नजदीकि बनानी शुरू की लालू ने भी अपनी सियासत का पैंतरा बदल दिया.

ये भी पढ़ें- ये क्या..! Lalu Yadav के सामने उनके सपने तोड़ रहे कांग्रेसी, बोले- 'अखिलेश सिंह को CM बनना चाहिए'


वोट बैंक की तलाश : दरअसल, बिहार में जातिगत गणना के नतीजे आने के बाद बिहार में महागठबंधन के घटक दल वोट बैंक को भी मजबूत करने में जुटे हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां अगड़ी जाति को साधने में जुटे हैं. वहीं लालू प्रसाद यादव श्री बाबू के बहाने भूमिहार वोट बैंक को साधना चाहते हैं. नीतीश कुमार शुक्रवार को आनंद मोहन के पैतृक गांव पहुंच रहे हैं और यह जताने की कोशिश होगी कि आगड़ी जाति से हमें परहेज नहीं है. जातिगत जनगणना की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद नीतीश कुमार ने न्यायिक सेवा में ई डब्ल्यू एस को आरक्षण देने का फैसला लिया. राजपूत वोट पहले से भाजपा और राजद में बंटता रहा है, लेकिन अब नीतीश कुमार की नजर भी 3.50 पर्सेंट वोट शेयर पर है.

नीतीश-आनंद मोहन और लालू कांग्रेस गठजोड़ : मिल रही जानकारी के मुताबिक आनंद मोहन और उनके छोटे पुत्र जदयू में शामिल हो सकते हैं. आनंद मोहन परिवार के जदयू में एंट्री से कोसी इलाके में जदयू पांव जमा सकती है. आपको बता दें कि आनंद मोहन और लालू प्रसाद यादव के बीच दूरियां बढ़ गई थीं. 'महिला आरक्षण और ठाकुर विवाद' के मुद्दे पर बिहार के बाहुबली आनंद मोहन काफी आक्रामक दिखे थे. उन्होंने राजद के बड़े नेता और सांसद मनोज झा को जमकर खरी खोटी सुनाई थी. इधर लालू प्रसाद यादव पहली बार किसी राजनीतिक कार्यक्रम में सदाकत आश्रम पहुंचे. कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने लालू प्रसाद यादव का गर्म जोशी के साथ स्वागत किया. श्री बाबू की जयंती समारोह के मौके पर कांग्रेस ऑफिस में जमकर सियासत हुई. लालू प्रसाद यादव ने एक तीर से कई निशान साधा.

राहुल की तारीफ और नीतीश का नाम भी नहीं? :सदाकत आश्रम से लालू प्रसाद यादव ने राहुल गांधी की जमकर तारीफ की और कहा कि सामाजिक न्याय के कारवां को राहुल गांधी ही आगे ले जा रहे हैं. श्री बाबू की भी लालू प्रसाद यादव ने जमकर तारीफ की. जातिगत जनगणना को लेकर लालू ने राहुल गांधी की तारीफ की, लेकिन नीतीश कुमार का जिक्र नहीं किया. लालू यादव ने स्पष्ट कर दिया कि वह मजबूती से कांग्रेस के साथ खड़े हैं और अगर जरूरत पड़ी तो तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने में कांग्रेस भी पीछे नहीं हटेगी.

''राहुल गांधी ने कहा है कि जातिगत जनगणना पूरे देश में कराया जाएगा और आज की तारीख में सामाजिक न्याय का झंडा राहुल गांधी ने उठा रखा है. सामाजिक न्याय के कारवां को वही आगे बढ़ा रहे हैं.''- लालू यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरजेडी


मजबूत आधार की तलाश जारी है.. : लालू यादव के सदाकत आश्रम पहुंचने से कांग्रेस नेता भी उत्साहित थे. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि ''लालू यादव पहली बार किसी राजनीतिक कार्यक्रम में सदाकत आश्रम पहुंचे हैं. हम लोगों के लिए खुशी की बात है. लालू यादव के कांग्रेस दफ्तर पहुंचने से इंडिया गठबंधन को मजबूती मिलेगी.''


जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि ''मुख्यमंत्री और आनंद मोहन के पुराने रिश्ते रहे हैं. रिश्तों के बुनियाद पर ही मुख्यमंत्री उनके पैतृक गांव जा रहे हैं. भविष्य में क्या होगा इस बाबत कुछ भी कहना मुश्किल है.'' राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार का मानना है कि ''लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार दोनों वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. नीतीश कुमार जहां अगड़ी जाति के वोट को साधना चाहते हैं, वहीं लालू प्रसाद कांग्रेस के साथ-साथ ए-टू-जेड की सियासत को धार देना चाहते हैं.''

जातिगत जनगणना के बाद बिहार की करवट लेती सियासी धुरी

पटना : अभी इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला अभी सुलझा नहीं कि राज्यों के चुनाव को लेकर विवाद खड़ा हो गया. कांग्रेस के खिलाफ नीतीश कुमार ने भी मध्य प्रदेश में उम्मीदवार खड़ा कर चुनौती दे दी है. नीतीश के इस फैसले को काउंटर करने के लिए बिहार की सरकार के गठबंधन का मजबूत हिस्सा कांग्रेस के हाथ को मजबूत करने में लगा है. लालू यादव दूरदर्शी राजनीतिज्ञ हैं. वो अपनी पार्टी के लिए मजबूत आधार चाहते हैं. जब नीतीश ने आनंद मोहन से नजदीकि बनानी शुरू की लालू ने भी अपनी सियासत का पैंतरा बदल दिया.

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वोट बैंक की तलाश : दरअसल, बिहार में जातिगत गणना के नतीजे आने के बाद बिहार में महागठबंधन के घटक दल वोट बैंक को भी मजबूत करने में जुटे हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां अगड़ी जाति को साधने में जुटे हैं. वहीं लालू प्रसाद यादव श्री बाबू के बहाने भूमिहार वोट बैंक को साधना चाहते हैं. नीतीश कुमार शुक्रवार को आनंद मोहन के पैतृक गांव पहुंच रहे हैं और यह जताने की कोशिश होगी कि आगड़ी जाति से हमें परहेज नहीं है. जातिगत जनगणना की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद नीतीश कुमार ने न्यायिक सेवा में ई डब्ल्यू एस को आरक्षण देने का फैसला लिया. राजपूत वोट पहले से भाजपा और राजद में बंटता रहा है, लेकिन अब नीतीश कुमार की नजर भी 3.50 पर्सेंट वोट शेयर पर है.

नीतीश-आनंद मोहन और लालू कांग्रेस गठजोड़ : मिल रही जानकारी के मुताबिक आनंद मोहन और उनके छोटे पुत्र जदयू में शामिल हो सकते हैं. आनंद मोहन परिवार के जदयू में एंट्री से कोसी इलाके में जदयू पांव जमा सकती है. आपको बता दें कि आनंद मोहन और लालू प्रसाद यादव के बीच दूरियां बढ़ गई थीं. 'महिला आरक्षण और ठाकुर विवाद' के मुद्दे पर बिहार के बाहुबली आनंद मोहन काफी आक्रामक दिखे थे. उन्होंने राजद के बड़े नेता और सांसद मनोज झा को जमकर खरी खोटी सुनाई थी. इधर लालू प्रसाद यादव पहली बार किसी राजनीतिक कार्यक्रम में सदाकत आश्रम पहुंचे. कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने लालू प्रसाद यादव का गर्म जोशी के साथ स्वागत किया. श्री बाबू की जयंती समारोह के मौके पर कांग्रेस ऑफिस में जमकर सियासत हुई. लालू प्रसाद यादव ने एक तीर से कई निशान साधा.

राहुल की तारीफ और नीतीश का नाम भी नहीं? :सदाकत आश्रम से लालू प्रसाद यादव ने राहुल गांधी की जमकर तारीफ की और कहा कि सामाजिक न्याय के कारवां को राहुल गांधी ही आगे ले जा रहे हैं. श्री बाबू की भी लालू प्रसाद यादव ने जमकर तारीफ की. जातिगत जनगणना को लेकर लालू ने राहुल गांधी की तारीफ की, लेकिन नीतीश कुमार का जिक्र नहीं किया. लालू यादव ने स्पष्ट कर दिया कि वह मजबूती से कांग्रेस के साथ खड़े हैं और अगर जरूरत पड़ी तो तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने में कांग्रेस भी पीछे नहीं हटेगी.

''राहुल गांधी ने कहा है कि जातिगत जनगणना पूरे देश में कराया जाएगा और आज की तारीख में सामाजिक न्याय का झंडा राहुल गांधी ने उठा रखा है. सामाजिक न्याय के कारवां को वही आगे बढ़ा रहे हैं.''- लालू यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरजेडी


मजबूत आधार की तलाश जारी है.. : लालू यादव के सदाकत आश्रम पहुंचने से कांग्रेस नेता भी उत्साहित थे. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि ''लालू यादव पहली बार किसी राजनीतिक कार्यक्रम में सदाकत आश्रम पहुंचे हैं. हम लोगों के लिए खुशी की बात है. लालू यादव के कांग्रेस दफ्तर पहुंचने से इंडिया गठबंधन को मजबूती मिलेगी.''


जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि ''मुख्यमंत्री और आनंद मोहन के पुराने रिश्ते रहे हैं. रिश्तों के बुनियाद पर ही मुख्यमंत्री उनके पैतृक गांव जा रहे हैं. भविष्य में क्या होगा इस बाबत कुछ भी कहना मुश्किल है.'' राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार का मानना है कि ''लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार दोनों वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. नीतीश कुमार जहां अगड़ी जाति के वोट को साधना चाहते हैं, वहीं लालू प्रसाद कांग्रेस के साथ-साथ ए-टू-जेड की सियासत को धार देना चाहते हैं.''

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