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CM नीतीश ने की शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा, स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के दिए निर्देश

सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. इस दौरान बिहार शिक्षा विभाग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री के समक्ष कई प्रस्तुतीकरण दिए. इस दौरान उन्होंने सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय के आधारभूत संरचना के काम में तेजी लाने और शिक्षकों की कमी को दूर करने के निर्देश अधिकारियों को दिए. पढ़ें पूरी खबर..

सीएम नीतीश कुमार ने की समीक्षा
सीएम नीतीश कुमार ने की समीक्षा
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Published : Feb 3, 2022, 8:21 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar held review meeting) के समक्ष 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना और प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति के अद्यतन स्थिति से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित करने का फैसला लिया और अब सभी जगह विद्यालय स्थापित हो गए हैं, जिससे छात्र छात्राओं को अपने पंचायत में ही अध्ययन करने की सुविधा मिल रही है.

ये भी पढ़ें- धान खरीद पर समीक्षा बैठक: अधिकारियों से बोले CM नीतीश- 'ध्यान रहे.. किसानों को समय पर हो भुगतान'

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय के आधारभूत संरचना निर्माण कार्य में तेजी लाने और जहां शिक्षकों की कमी है वहां शिक्षक की बहाली करने का निर्देश भी दिया है. बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी पंचायतों को उच्च माध्यमिक विद्यालय से आच्छादित करने का निर्णय लिया गया था, जिसके तहत 6421 पंचायतों को उच्च माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायत के रूप में चिन्हित करते हुए 6421 उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जा चुकी है.

सभी पंचायतों में 9वीं और 10वीं की पढ़ाई शुरु हो गई है. इन विद्यालयों में उन्नयन योजना के तहत स्मार्ट क्लास के माध्यम से पाठ्यक्रम के अनुरूप ई-कन्टेंट विकसित कर वर्ग संचालन की व्यवस्था की गई है. राज्य में अब कुल 9360 उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित हैं. इन विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति और आवश्यक आधारभूत संरचना का निर्माण चरणवार किया जा रहा है.

अपर मुख्य सचिव शिक्षा ने प्रारंभिक विद्यालयों में छात्र और छात्राओं की संख्या प्रारंभिक विद्यालयों में कुल कार्यरत शिक्षकों की संख्या, प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति, शारीरिक शिक्षक और स्वास्थ्य अनुदेशक की नियुक्ति, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक नियुक्ति, उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति से संबंधित अद्यतन स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षक और छात्रों का अनुपात 1:40 निर्धारित किया गया है, जिस मानक पर राज्य अब लगभग पहुंच गया है.

प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2006 से सड़क, स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं. बड़ी संख्या में प्राथमिक विद्यालय और मध्य विद्यालय की स्थापना की गई. विद्यालय भवनों का निर्माण स्थानीय स्तर पर विद्यालय शिक्षा समितियों द्वारा किया गया. इससे लोगों को रोजगार मिला साथ ही स्थानीय स्तर पर बिजनेस को भी बढ़ावा मिला. उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी कि लड़कियां शिक्षित होंगी तो प्रजनन दर घटेगा. उसी के आधार पर हर पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय बनाने का हम लोगों ने निर्णय लिया, ताकि लड़कियां इंटर तक की पढ़ाई कर सकें.

सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की गयी है. इससे अब छात्र और छात्राओं को अपने पंचायत में ही उच्च माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा मिल सकेगी. छात्राओं का शैक्षणिक स्तर बढ़ने से प्रजनन दर में और कमी आयेगी. जब हम लोगों ने काम संभाला था तो राज्य का प्रजनन दर 4.3 था, जो घटकर अब 3 पर आ गया है. उन्होंने कहा कि लड़कियों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हम लोगों ने मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना और मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना चलाई. मैट्रिक की परीक्षा में लड़कियों की संख्या अब लड़कों से अधिक हो गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय के आधारभूत संरचना निर्माण कार्य में तेजी लाएं. जहां शिक्षकों की कमी है, वहां शिक्षक की बहाली जल्द हो ताकि बच्चों को पठन-पाठन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार और मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे. जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार सहित शिक्षा विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar held review meeting) के समक्ष 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना और प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति के अद्यतन स्थिति से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित करने का फैसला लिया और अब सभी जगह विद्यालय स्थापित हो गए हैं, जिससे छात्र छात्राओं को अपने पंचायत में ही अध्ययन करने की सुविधा मिल रही है.

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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय के आधारभूत संरचना निर्माण कार्य में तेजी लाने और जहां शिक्षकों की कमी है वहां शिक्षक की बहाली करने का निर्देश भी दिया है. बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी पंचायतों को उच्च माध्यमिक विद्यालय से आच्छादित करने का निर्णय लिया गया था, जिसके तहत 6421 पंचायतों को उच्च माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायत के रूप में चिन्हित करते हुए 6421 उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जा चुकी है.

सभी पंचायतों में 9वीं और 10वीं की पढ़ाई शुरु हो गई है. इन विद्यालयों में उन्नयन योजना के तहत स्मार्ट क्लास के माध्यम से पाठ्यक्रम के अनुरूप ई-कन्टेंट विकसित कर वर्ग संचालन की व्यवस्था की गई है. राज्य में अब कुल 9360 उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित हैं. इन विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति और आवश्यक आधारभूत संरचना का निर्माण चरणवार किया जा रहा है.

अपर मुख्य सचिव शिक्षा ने प्रारंभिक विद्यालयों में छात्र और छात्राओं की संख्या प्रारंभिक विद्यालयों में कुल कार्यरत शिक्षकों की संख्या, प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति, शारीरिक शिक्षक और स्वास्थ्य अनुदेशक की नियुक्ति, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक नियुक्ति, उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति से संबंधित अद्यतन स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षक और छात्रों का अनुपात 1:40 निर्धारित किया गया है, जिस मानक पर राज्य अब लगभग पहुंच गया है.

प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2006 से सड़क, स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं. बड़ी संख्या में प्राथमिक विद्यालय और मध्य विद्यालय की स्थापना की गई. विद्यालय भवनों का निर्माण स्थानीय स्तर पर विद्यालय शिक्षा समितियों द्वारा किया गया. इससे लोगों को रोजगार मिला साथ ही स्थानीय स्तर पर बिजनेस को भी बढ़ावा मिला. उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी कि लड़कियां शिक्षित होंगी तो प्रजनन दर घटेगा. उसी के आधार पर हर पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय बनाने का हम लोगों ने निर्णय लिया, ताकि लड़कियां इंटर तक की पढ़ाई कर सकें.

सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की गयी है. इससे अब छात्र और छात्राओं को अपने पंचायत में ही उच्च माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा मिल सकेगी. छात्राओं का शैक्षणिक स्तर बढ़ने से प्रजनन दर में और कमी आयेगी. जब हम लोगों ने काम संभाला था तो राज्य का प्रजनन दर 4.3 था, जो घटकर अब 3 पर आ गया है. उन्होंने कहा कि लड़कियों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हम लोगों ने मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना और मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना चलाई. मैट्रिक की परीक्षा में लड़कियों की संख्या अब लड़कों से अधिक हो गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय के आधारभूत संरचना निर्माण कार्य में तेजी लाएं. जहां शिक्षकों की कमी है, वहां शिक्षक की बहाली जल्द हो ताकि बच्चों को पठन-पाठन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार और मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे. जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार सहित शिक्षा विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

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