पटना : जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने आरक्षण की सीमा बढ़ाने और केंद्र से विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर कैबिनेट से अनुशंसा किए जाने के बाद सीएम नीतीश कुमार अब लगातार कार्यक्रम करने वाले हैं. पार्टी के नेता कह रहे हैं कि नीतीश कुमार हमेशा लोगों से संवाद करते हैं. उनके लिए दिन-रात काम करते हैं और उनसे फीडबैक लेकर योजना बनाते हैं. लोकसभा चुनाव है तो उससे पहले स्वाभाविक है एक्टिविटी बढ़ेगी.
चुनाव नजदीक देख बढ़ रही गतिविधियां : वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ कह रहे कि नीतीश कुमार के पास कई मुद्दे हैं और लोकसभा चुनाव में बहुत ज्यादा समय नहीं बचा है. इसलिए जो चुनौती है उसको लेकर उनकी गतिविधियां बढ़ रही है. सीएम नीतीश कुमार दिल्ली दौरे से लौटने के बाद नवंबर के अंतिम सप्ताह में एक के बाद एक कई कार्यक्रम करने वाले हैं. 25 नवंबर को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज अस्पताल का शिलान्यास करेंगे.
नवंबर में कई बड़े कार्यक्रम : 26 नवंबर को पटना में पार्टी की ओर से भीम संसद का बड़ा कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. इस कार्यक्रम के माध्यम से दलितों को रिझाने की कोशिश होगी. 26 नवंबर को नशा मुक्ति का कार्यक्रम भी होगा. 27 नवंबर को दरभंगा में मेडिकल कॉलेज अस्पताल का शिलान्यास होगा. 29 नवंबर को मोतिहारी में महोत्सव कार्यक्रम है, तो 30 नवंबर को सीतामढ़ी में पर्यटन विभाग का कार्यक्रम है. उसके बाद राजगीर महोत्सव के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे.
दिसंबर में सीएम करेंगे बिहार यात्रा : यह तो नवंबर में कार्यक्रम की बात हुई. दिसंबर में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाने वाले हैं. फिर 15 दिसंबर से मुख्यमंत्री की पूरे बिहार की यात्रा भी शुरू हो जाएगी. पार्टी प्रवक्ता हेमराज राम का कहना है कि "नीतीश कुमार लगातार बिहार के लोगों के लिए काम करते हैं और उनसे हमेशा संवाद करते हैं. उनसे फीडबैक लेकर योजना भी बनाते हैं. चुनाव आ रहा है तो स्वाभाविक है कि गतिविधियां बढ़ेगी."
लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी : राजनीतिक विशेषज्ञ अरुण पांडे का कहना है कि नीतीश कुमार के पास अभी कई मुद्दे हैं और लोकसभा चुनाव में अब बहुत ज्यादा समय नहीं है. महागठबंधन में शामिल होने के बाद उनके लिए चुनौतियां भी कम नहीं है. फिलहाल 16 लोकसभा की सीटिंग सीट जदयू के पास है, उसे बचाना है. वहीं बीजेपी के पास जो 17 लोकसभा की सीट हैं, उसे काम करना है. इसके साथ 2020 विधानसभा चुनाव में भी जदयू का बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा है.
"हाल में जातीय गणना रिपोर्ट, आरक्षण की सीमा बढ़ाने और विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर कैबिनेट से प्रस्ताव पास कर केंद्र को अनुशंसा की है तो यह सब बड़े मुद्दे हैं. इसके अलावा एक लाख से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र भी दिया है और आने वाले समय में 1 लाख से अधिक शिक्षकों की बहाली होनी है. कई विभागों में भी आगे बहाली होनी है. इसके आधार पर बीजेपी को चुनौती देंगे और इसलिए उनकी गतिविधियां बढ़ी हुई है. जनता के बीच पहुंचकर इन मुद्दों को भुनाने की कोशिश करना चाहते हैं."- अरुण पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ
बड़े फैसलों को भुनाने की कोशिश:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे तो लोगों से संवाद के लिए कई कार्यक्रम चला रहे हैं. पार्टी के मंत्रियों और नेताओं को भी इसमें लगाया है. खुद जनता दरबार के माध्यम से भी लोगों से उनकी समस्याओं को सुनते हैं. पहले पार्टी कार्यालय में भी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलते थे. हालांकि, यह सिलसिला हाल के कई महीनो में टूटा है, लेकिन अब जो बड़े फैसले लिए हैं उनको लेकर नीतीश कुमार जनता के बीच जाने की तैयारी कर रहे हैं.
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