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Nagaland Assembly Election: चुनाव प्रचार से CM नीतीश ने बनाई दूरी, क्या हार के डर से... - ईटीवी भारत न्यूज

नागालैंड में 27 फरवरी को चुनाव (Nagaland Assembly Election) है. बिहार की प्रमुख सत्ताधारी दल जदयू ने भी कई सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दावा किया था कि नागालैंड में पूरी ताकत से पार्टी चुनाव लड़ेगी लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नागालैंड में 1 दिन भी प्रचार करने नहीं गए हैं और अब चुनाव प्रचार का 2 दिन ही समय बच गया है. ऐसे में नीतीश कुमार की जाने की उम्मीद कम ही है. पढ़ें पूरी खबर...

जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह
सीएम नीतीश कुमार
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Published : Feb 23, 2023, 4:08 PM IST

नागालैंड चुनाव प्रचार से CM नीतीश ने बनाई दूरी

पटना: नागालैंड में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव है. यहां भी सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) चुनाव प्रचार करने नहीं जाएंगे. इससे पहले भी नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश और बंगाल विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने नहीं गए थे. दोनों जगह जदयू उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बची. जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह का इसको लेकर कहना है कि नागालैंड में जदयू की स्थिति बेहतर है.

ये भी पढे़ं- Bharat Jodo Yatra : नीतीश कुमार ने कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल होने से किया इनकार, बतायी ये वजह

"ऐसे हम लोग कम ही सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन 6% वोट राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए जो जरूरी है उससे कहीं अधिक वोट प्राप्त होगा. नीतीश कुमार व्यस्तता के कारण चुनाव प्रचार में नहीं गए हैं लेकिन उसका असर नहीं पड़ेगा. निश्चित रूप से कुछ कम सीटों पर नागालैंड में हम लोग चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन पार्टी के प्रदर्शन को लेकर हम लोग आश्वासत हैं. नागालैंड में इतने सीट जीत जाएंगे की राष्ट्रीय पार्टी के लिए जो 6% वोट की आवश्यकता है उससे कई गुना अधिक वोट प्राप्त होगा." - वशिष्ठ नारायण सिंह, जदयू के वरिष्ठ नेता

27 फरवरी को है नागालैंड का चुनाव : जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि नागालैंड में लंबे समय से पार्टी काम करती रही है. पार्टी वहां मजबूत स्थिति में है और नार्थ ईस्ट में हम लोगों की योजना रही है की पार्टी को एक्टिव रूप में खड़ा करना और उस पर काम हो रहा है. जब उनसे पूछा गया की नागालैंड चुनाव प्रचार में नीतीश कुमार ने दूरी बना ली है, ऐसे में पार्टी के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है, तो वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार भले ही चुनाव प्रचार में नहीं गए हैं क्योंकि बजट सत्र भी शुरू होना है. इसके साथ ही अन्य व्यस्तता है.

सीएम नीतीश कुमार के प्रचार पर सस्पेंस : जदयू नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हम लोगों की जो गतिविधियां वहां चलती रही है उससे आशान्वित हैं कि पार्टी का प्रदर्शन बेहतर होगा. चिराग पासवान ने पार्टी को बड़ा झटका दिया है. नागालैंड में जदयू के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को चिराग ने अपने साथ मिला लिया है तो इसका असर पड़ सकता है लेकिन वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. पार्टी के कार्यकर्ता जो हैं वो उनके साथ गए नहीं है. इसीलिए पार्टी का प्रदर्शन हम लोगों को उम्मीद है की बेहतर होगा.


"पार्टी का होगा बेहतर प्रदर्शन" : एलजेपीआर प्रमुख चिराग पासवान क्या बिहार की तरह नागालैंड में भी जदयू को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इस पर वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि हमको नहीं लगता है कि नागालैंड में चिराग पासवान के कारण पार्टी को कोई नुकसान होगा. हम लोगों की वहां लड़ाई क्षेत्रीय दलों से ही है. नीतीश कुमार इससे पहले उत्तर प्रदेश और बंगाल विधानसभा चुनाव में भी प्रचार में नहीं गए थे, वहां उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बची, ऐसे में नागालैंड में भी प्रभाव पड़ सकता है. इस पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की व्यस्तता अधिक है और हम लोगों की जो गतिविधियां नागालैंड में लंबे समय से चलती रही है उसके कारण पार्टी का प्रदर्शन बेहतर होना तय है.

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की कवायद में JDU : नीतीश कुमार क्या चुनाव में हार के डर से प्रचार करने नहीं जा रहे हैं. इस पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि राजनीतिक दल इस आधार पर काम नहीं करता है और हम लोगों को इस पर विश्वास भी नहीं है. हम लोगों को पूरी उम्मीद है कि पार्टी का नागालैंड में बेहतर प्रदर्शन के आधार राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त होगा. जदयू की तरफ से पहले 14 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाने की बात कही जा रही थी लेकिन आठ उम्मीदवारों की ही सूची पार्टी की तरफ से जारी हुई है.

नागालैंड चुनाव प्रचार से CM ने बनाई दूरी : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने जिसे उम्मीदवार बनाया था वह बड़े गुट के साथ रामविलास की पार्टी में शामिल हो गया और यह पार्टी के लिए बड़ा झटका था. नागालैंड में आरजेडी ने भी कई सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और चिराग पासवान की पार्टी भी कई सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बिहार की तीनों दलों के साथ बीजेपी की नजर नागालैंड में रहने वाले बिहारी समुदाय पर है. बीजेपी के शीर्ष नेता चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं लेकिन नीतीश कुमार पूरी तरह से नागालैंड चुनाव प्रचार से दूरी बना रखी है. ऐसे नीतीश कुमार ने ललन सिंह को नागालैंड की जिम्मेवारी दी है.

ललन सिंह भी सिर्फ 2 दिन चुनाव प्रचार किए हैं : जदयू नेता ललन सिंह भी केवल 2 दिन चुनाव प्रचार में गए हैं और उसके बाद दूरी बना ली है. ऐसे ललन सिंह की तरफ से दावा होता रहा है कि नागालैंड में पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाएंगे. बिहार के अलावे जदयू को अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है. यदि नागालैंड में भी राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिल गया तो पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा लेकिन नीतीश कुमार चुनाव प्रचार से दूरी बनाने के कारण पार्टी के लिए नागालैंड में बेहतर प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में कहीं जदयू का एक बार फिर से राष्ट्रीय पार्टी बनने का सपना चकनाचूर हो सकता है.

नागालैंड चुनाव प्रचार से CM नीतीश ने बनाई दूरी

पटना: नागालैंड में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव है. यहां भी सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) चुनाव प्रचार करने नहीं जाएंगे. इससे पहले भी नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश और बंगाल विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने नहीं गए थे. दोनों जगह जदयू उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बची. जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह का इसको लेकर कहना है कि नागालैंड में जदयू की स्थिति बेहतर है.

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"ऐसे हम लोग कम ही सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन 6% वोट राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए जो जरूरी है उससे कहीं अधिक वोट प्राप्त होगा. नीतीश कुमार व्यस्तता के कारण चुनाव प्रचार में नहीं गए हैं लेकिन उसका असर नहीं पड़ेगा. निश्चित रूप से कुछ कम सीटों पर नागालैंड में हम लोग चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन पार्टी के प्रदर्शन को लेकर हम लोग आश्वासत हैं. नागालैंड में इतने सीट जीत जाएंगे की राष्ट्रीय पार्टी के लिए जो 6% वोट की आवश्यकता है उससे कई गुना अधिक वोट प्राप्त होगा." - वशिष्ठ नारायण सिंह, जदयू के वरिष्ठ नेता

27 फरवरी को है नागालैंड का चुनाव : जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि नागालैंड में लंबे समय से पार्टी काम करती रही है. पार्टी वहां मजबूत स्थिति में है और नार्थ ईस्ट में हम लोगों की योजना रही है की पार्टी को एक्टिव रूप में खड़ा करना और उस पर काम हो रहा है. जब उनसे पूछा गया की नागालैंड चुनाव प्रचार में नीतीश कुमार ने दूरी बना ली है, ऐसे में पार्टी के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है, तो वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार भले ही चुनाव प्रचार में नहीं गए हैं क्योंकि बजट सत्र भी शुरू होना है. इसके साथ ही अन्य व्यस्तता है.

सीएम नीतीश कुमार के प्रचार पर सस्पेंस : जदयू नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हम लोगों की जो गतिविधियां वहां चलती रही है उससे आशान्वित हैं कि पार्टी का प्रदर्शन बेहतर होगा. चिराग पासवान ने पार्टी को बड़ा झटका दिया है. नागालैंड में जदयू के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को चिराग ने अपने साथ मिला लिया है तो इसका असर पड़ सकता है लेकिन वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. पार्टी के कार्यकर्ता जो हैं वो उनके साथ गए नहीं है. इसीलिए पार्टी का प्रदर्शन हम लोगों को उम्मीद है की बेहतर होगा.


"पार्टी का होगा बेहतर प्रदर्शन" : एलजेपीआर प्रमुख चिराग पासवान क्या बिहार की तरह नागालैंड में भी जदयू को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इस पर वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि हमको नहीं लगता है कि नागालैंड में चिराग पासवान के कारण पार्टी को कोई नुकसान होगा. हम लोगों की वहां लड़ाई क्षेत्रीय दलों से ही है. नीतीश कुमार इससे पहले उत्तर प्रदेश और बंगाल विधानसभा चुनाव में भी प्रचार में नहीं गए थे, वहां उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बची, ऐसे में नागालैंड में भी प्रभाव पड़ सकता है. इस पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की व्यस्तता अधिक है और हम लोगों की जो गतिविधियां नागालैंड में लंबे समय से चलती रही है उसके कारण पार्टी का प्रदर्शन बेहतर होना तय है.

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की कवायद में JDU : नीतीश कुमार क्या चुनाव में हार के डर से प्रचार करने नहीं जा रहे हैं. इस पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि राजनीतिक दल इस आधार पर काम नहीं करता है और हम लोगों को इस पर विश्वास भी नहीं है. हम लोगों को पूरी उम्मीद है कि पार्टी का नागालैंड में बेहतर प्रदर्शन के आधार राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त होगा. जदयू की तरफ से पहले 14 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाने की बात कही जा रही थी लेकिन आठ उम्मीदवारों की ही सूची पार्टी की तरफ से जारी हुई है.

नागालैंड चुनाव प्रचार से CM ने बनाई दूरी : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने जिसे उम्मीदवार बनाया था वह बड़े गुट के साथ रामविलास की पार्टी में शामिल हो गया और यह पार्टी के लिए बड़ा झटका था. नागालैंड में आरजेडी ने भी कई सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और चिराग पासवान की पार्टी भी कई सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बिहार की तीनों दलों के साथ बीजेपी की नजर नागालैंड में रहने वाले बिहारी समुदाय पर है. बीजेपी के शीर्ष नेता चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं लेकिन नीतीश कुमार पूरी तरह से नागालैंड चुनाव प्रचार से दूरी बना रखी है. ऐसे नीतीश कुमार ने ललन सिंह को नागालैंड की जिम्मेवारी दी है.

ललन सिंह भी सिर्फ 2 दिन चुनाव प्रचार किए हैं : जदयू नेता ललन सिंह भी केवल 2 दिन चुनाव प्रचार में गए हैं और उसके बाद दूरी बना ली है. ऐसे ललन सिंह की तरफ से दावा होता रहा है कि नागालैंड में पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाएंगे. बिहार के अलावे जदयू को अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है. यदि नागालैंड में भी राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिल गया तो पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा लेकिन नीतीश कुमार चुनाव प्रचार से दूरी बनाने के कारण पार्टी के लिए नागालैंड में बेहतर प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में कहीं जदयू का एक बार फिर से राष्ट्रीय पार्टी बनने का सपना चकनाचूर हो सकता है.

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