पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभिन्न जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और तटबंधों का हवाई सर्वेक्षण किया. मुख्यमंत्री ने बूढ़ी गंडक नदी (समस्तीपुर, बेगूसराय और खगड़िया का क्षेत्र), कोसी (खगड़िया, भागलपुर, सहरसा और सुपौल का क्षेत्र), गंगा नदी (भागलपुर और कटिहार का क्षेत्र), महानंदा नदी (कटिहार, पूर्णिया और किशनगंज का क्षेत्र) परमान/कनकई (कटिहार, पूर्णिया और अररिया का क्षेत्र), कमला बलान/कोसी/करेह बागमती नदी (मधुबनी, दरभंगा और समस्तीपुर का क्षेत्र) का जायजा लिया.
कटिहार जिला अंतर्गत मुख्यमंत्री ने केवाला ग्राम से बाघमारा ग्राम तक बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य, लाभा चैकिया पहाड़पुर महानंदा दाया तटबंध, झौवा दिल्ली दिवानगंज महानंदा बायां तटबंध का भी हवाई सर्वेक्षण किया. भागलपुर जिला अंतर्गत लत्तीपुर नारायणपुर जमींदारी बाॅध, इस्माइलपुर बिंद टोली तटबंध, ज्ञानीदास झल्लूदास टोला सुरक्षात्मक कार्य और टपुआ बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य का जायजा लिया.
सीएम ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने पूर्णिया के चूनापुर हवाई अड्डा के काॅन्फ्रेंस हाॅल में पूर्णिया प्रमंडल की आयुक्त और जिलाधिकारी के साथ संभावित बाढ़ और कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए की गई तैयारी और कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी.
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि अभी इस क्षेत्र में नदियों का जलस्तर कम है. लेकिन बाढ़ की संभावना सितंबर माह तक बनी रहेगी. इसके लिए पूरी तैयारी और सतर्कता बनाए रखें. उन्होंने कहा कि जिलों में संभावित बाढ़ वाले क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की जांच तेजी से कराए. एयरफोर्स स्टेशन पर कैंप लगाकर सभी की टेस्ट करा दें.
सुपौल पहुंचे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पूर्णिया के बाद सुपौल के वीरपुर पहुंचकर कोसी नदी के पूर्वी तटबंध का निरीक्षण किया. तटबंध के स्पर संख्या-10 पिपराही, वीरपुर का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान बाढ़ से बचाव को लेकर विभिन्न बिन्दुओं पर संबंधित विभागीय अधिकारियों से चर्चा की और कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. चर्चा में मुख्यमंत्री को बताया गया कि सिल्टेशन के कारण ही बांध और स्पर पर दवाब बढ़ता है, जिस कारण से बाढ़ आती है. सुपौल जिला अंतर्गत 22 किलोमीटर के तटबंध क्षेत्र में कुल 50 स्पर तटबंध की सुरक्षा के लिए निर्माण किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी स्पर और तटबंध का नियमित निरीक्षण करते रहें तथा आवश्यकतानुसार फिर से स्थापना का कार्य भी करते रहे.