पटना : बिहार के मंत्री अशोक चौधरी से टीका विवाद गहराया तो सीएम नीतीश ने उन्हें गले से लगाकर साबित करने की कोशिश की उनको टीके से कोई आपत्ति नहीं है. बिहार में जैसे ही ये मामला तूल पकड़ना शुरू हुआ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टीका विवाद पर पूर्ण विराम लगा दिया. पहले जिन हाथों से मंत्री अशोक चौधरी की गर्दन पकड़ी थी अब उसी गर्दन से लिपट गए.
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मामला तूल पकड़ा तो सीएम ने दी सफाई : दरअसल, दो दिन पहले सीएम नीतीश ने मंत्री अशोक चौधरी की गर्दन पकड़कर टीका लगाकर खड़े पत्रकार के माथे से सटा दिया था. जिसका वीडियो अब बिहार समेत देशभर में वायरल हो रहा है. इसकी गंभीरता को देखते हुए सीएम नीतीश ने अन्यथा अर्थ निकाले जाने से पहले ही उन्होंने अपना स्पष्टीकरण दे दिया है. मीडियाकर्मियों के सवाल पूछते ही नीतीश ने तुरंत ही कह दिया कि ''इसको इस तरह से न कहें. हमारी सरकार और पार्टी किसी भी धर्म का विरोध नहीं करती.''
"ये मत कहिए. हम और हमारी सरकार सभी धर्मों का आदर करती है. हम किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है. हम किसी पर टीका टिप्पणी नहीं करते. देशभर में 7 धर्म है जबकि बिहार में 6 हैं. हम सभी मिलकर रहते हैं. हमें टीका से कोई आपत्ति नहीं है. इनसे (अशोक चौधरी) से हम बहुत प्रेम करते हैं" - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
क्या है टीका विवाद ? : अब सवाल ये है कि आखिर सीएम नीतीश को ये बयान देने की नौबत क्यों आई. तो आपको हम उस तस्वीर को दिखाते हैं जो दो दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वर्गीय शिवसागर राम गुलाम की जयंती के मौके पर भी अशोक चौधरी का सिर एक पत्रकार से गर्दन पकड़कर मिला रहे थे. उसी विवाद ने जब तूल पकड़ा तो आज उसको लेकर एक तरह से उन्होंने सफाई दी है.
धर्म के मामले पर न्यूटल रुख अपनाती है जेडीयू : वैसे भी जनता दल यूनाइटेड ने कभी भी किसी भी धर्म के मामले में न्यूटल रुख अपनाती है, फिर चाहे रामचरितमानस विवाद हो या फिर कोई और धर्म से जुड़ा मुद्दा. ऐसे में नीतीश नहीं चाहते कि महागठबंधन में रहने की वजह से उनपर कोई धर्म से संबंधित लांछन लगे.