पटना: तीन दिनों की लगातार बारिश में पटना पूरी तरह से डूब चुका है. हालांकि सोमवार सुबह से बारिश रुकने से लोगों को थोड़ी राहत मिली है. लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं. इस बीच सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर से उन क्षेत्रों का एरियल सर्वे किया है.
दरअसल, पटना में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने राज्य में 1975 की बाढ़ जैसे हालात ला दिए हैं. अलर्ट के बाद भी बारिश और जलजमाव से निपटने के प्रशासनिक इंतजाम नाकाफी साबित हुए. राजधानी के कई इलाकों में 5 से 6 फीट तक पानी भरा चुका है.
इन इलाकों में बाढ़ जैसे हालात
पटेल नगर, एजी कॉलोनी, पाटलिपुत्र कॉलोनी, मिठापुर बस स्टैंड, कई विश्वविद्यालय, एनएमसीएच. राजेंद्रनगर, कंकड़बाग, लंगर टोली, बहादुरपुर, पाटलिपुत्र कॉलोनी, राजीवनगर, गर्दनीबाग, चांदमारी रोड, पोस्टल पार्क, इंदिरानगर, अशोक नगर, रामकृष्णानगर सहित तमाम इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं.
इन जिलों में अर्लट
मौसम विभाग ने पटना समेत कई जिलों में अलर्ट जारी किया है. पूर्णिया, वैशाली, बांका, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर, मधेपुरा, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, सहरसा, नवादा, नालंदा, जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, रोहतास, बेगूसराय और लखीसराय इन जिलों में भयंकर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.