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Bihari Litti Chokha: पटना में चौरसिया जी के लिट्टी-चोखा के दीवाने हैं नेता-अभिनेता, नीतीश-लालू भी चख चुके हैं स्वाद - Patna News

बिहार का मशहूर व्यंजन लिट्टी चोखा (Famous Dishes Of Bihar) के हर कोई दिवाने हैं. नेता, अभिनेता या आम लोग सभी को लिट्टी चोखा काफी पसंद है. पटना में लिट्टी चोखा की एक ऐसी दुकान है, जहां सीएम नीतीश और लालू प्रसाद भी स्वाद चख चुके हैं. बड़े-बड़े अभिनेता भी इसी दुकान में लिट्टी चोखा का आनंद लेते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

पटना में चौरसिया जी का लिट्टी-चोखा
पटना में चौरसिया जी का लिट्टी-चोखा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 8, 2023, 2:12 PM IST

पटना में चौरसिया जी का फेमस लिट्टी चोखा

पटनाः चाय पर चर्चा तो सुने ही होंगे, लेकिन बिहार में लिट्टी-चोखा पर भी चर्चा होती है, क्योंकि लिट्टी है ही इतना फेमस कि नेता से लेकर अभिनेता भी इसके स्वाद चखे बिना नहीं रहते हैं. पटना में चौरसिया जी का लिट्टी चोखा (Chaurasia ji Litti Chokha) इतना फेमस है कि सीएम नीतीश कुमार, लालू यादव, बॉलीवुड जगत की मशहूर एक्ट्रेस हेमा मालिनी सहित कई नेता-अभिनेता इसका स्वाद चख चुके हैं. इसके अलावे बिहार के साथ साथ अन्य राज्य के लोग भी लिट्टी चोखा खाने के लिए चौरसिया जी के यहां पहुंचते हैं.

यह भी पढ़ेंः Abhijeet Bhattacharya : 'लिट्टी चोखा लाओ नहीं तो...' नाराज सिंगर ने गाते-गाते बीच में रोका कॉन्सर्ट

फेमस है चौरसिया जी का लिट्टी-चोखाः पटना जंक्शन के पास में चौरसिया जी के लिट्टी-चोखा की दुकान पिछले 3 पीढ़ी से चल रही है. वर्ष 1956 से संचालित लिट्टी चोखा की दुकान की पहचान बिहार के अलावे अन्य राज्यों में भी है. दुकान पर सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ रहती है. बिहार के अलावे झारखंड, बंगाल, यूपी के लोग लिट्टी खाने के लिए पटना पहुंचते हैं. लोक गूगल कर चौरसिया जी की दुकान पर लिट्टी चोखा खाने के लिए पहुंचते हैं.

"हमने गूगल पर सर्च किया तो मुझे चौरसिया जी की दुकान के बारे में पता चला. इसके बाद बनारस से आकर लिट्टी चोखा खाया. वाकई में यहां का लिट्टी चोखा सच में लाजवाब है." -बनारस से आए ग्राहक

पटना में चौरसिया जी की दुकान पर लिट्टी चोखा का आनंद लेते ग्राहक
पटना में चौरसिया जी की दुकान पर लिट्टी चोखा का आनंद लेते ग्राहक

25 साल से ग्राहकों की पसंदः दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ जमी रहती है. कई ऐसे भी ग्राहक हैं जो 20 से 25 साल से इसी दुकान में लिट्टी चोखा खाने के लिए आते हैं. एक ग्राहक ने बताया कि "इस लिट्टी चोखा की दुकान में बचपन से हम आकर खा रहे हैं. 25 साल पहले 50 पैसे यहां लिट्टी चोखा मिल रहा था. अब 12 रुपए में मिल रहा है, लेकिन टेस्ट में आज तक कोई समझौता नहीं किया गया." एक शख्स ने बताया कि यहां के लिट्टी चोखा का स्वाद ही अलग होता है. "मैं अपने पिताजी के साथ बचपन से आकर यहां पर खाता हूं. आज मां के साथ लिट्टी चोखा खाने के लिए आया हूं"

पटना में चौरसिया जी की दुकान पर लिट्टी चोखा का आनंद लेते ग्राहक
पटना में चौरसिया जी की दुकान पर लिट्टी चोखा का आनंद लेते ग्राहक

1956 में दुकान की शुरुआतः दुकान का संचालन करने वाले अजय कुमार चौरसिया ने बताया कि 1956 में उनके पिता जी इस दुकान की शुरुआत की थी. तब से तीन पीढ़ी से दुकान चल रही है. अपने पिता के बाद अजय खुद दुकान संभालते हैं. अजय के बेटे भी दुकान का संचालन करते हैं. उन्होंने कहा कि यहां का लिट्टी चोखा का स्वाद ग्राहक को बहुत पसंद है. यही कारण है कि दुकान पर ग्राहकों की भीड़ रहती है. नेता-अभिनेता भी यहां के लिट्टी खाए हैं.

पटना में चौरसिया जी की दुकान में लिट्टी बनाते हुए.
पटना में चौरसिया जी की दुकान में लिट्टी बनाते हुए.

"1956 में मेरे पिताजी ने दुकान शुरू की थी. पिताजी के बाद मैं और मेरे बेटे दुकान को चला रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश, लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी के साथ बिहार के तमाम नेता यहां के लिट्टी चोखा का स्वाद चख चुके हैं. बड़े बड़े अभिनेता भी लिट्टी चोखा का स्वाद चख चुके हैं. शूटिंग के लिए आते हैं तो उनके लिए पार्सल भेजा जाता है. कई अभिनेता और अभिनेत्री दुकान में भी आकर लिट्टी चोखा खाते हैं." -अजय कुमार चौरसिया, संचालक

10 से 12 लोगों को रोजगारः चौरसिया ने बताया कि नेता के साथ-साथ जो अभिनेता बिहार आते हैं, वे भी मेरी दुकान का लिट्टी चोखा खाते हैं. बड़े कलाकार प्रोटोकॉल के कारण दुकान पर नहीं आते, लेकिन पार्सल मंगवाते हैं. 7:00 बजे से देर रात तक लिट्टी चोखा के दीवाने पहुंचते हैं. 10 से 12 लोगों को रोजगार भी दिया गया है. प्रति पीस लिट्टी ₹12 दी जाती है, जिसमें चोखा मिर्च प्याज रहता है.

अजय कुमार चौरसिया, दुकान के मालिक
अजय कुमार चौरसिया, दुकान के मालिक

मनोज तिवारी लिट्टी चोखा पर बना चुके हैं गानाः बता दें कि लिट्टी चोखा बिहार का पारंपरिक भोजन है. इसे आंटा से बनाया जाता है, जिसके अंदर सत्तु भरा जाता है और फिर इसे आग पर सेका जाता है. इसके बाद घी में डूबोकर बैंगन-टमाटर और आलू के चोखा के साथ परोसा जाता है, जो खाफी स्वादिष्ट होता है. इस लिट्टी चोखा पर भोजपुरी अभिनेता सह नेता मनोज तिवारी ने गाना भी बनाया है. 'इंटरनेशनल लिट्टी चोखा जे खईलस न पउलस दोखा' यह गाना आज भी काफी मशहूर है, जो बिहारियत को जीवित रखा है.

पटना में चौरसिया जी का फेमस लिट्टी चोखा

पटनाः चाय पर चर्चा तो सुने ही होंगे, लेकिन बिहार में लिट्टी-चोखा पर भी चर्चा होती है, क्योंकि लिट्टी है ही इतना फेमस कि नेता से लेकर अभिनेता भी इसके स्वाद चखे बिना नहीं रहते हैं. पटना में चौरसिया जी का लिट्टी चोखा (Chaurasia ji Litti Chokha) इतना फेमस है कि सीएम नीतीश कुमार, लालू यादव, बॉलीवुड जगत की मशहूर एक्ट्रेस हेमा मालिनी सहित कई नेता-अभिनेता इसका स्वाद चख चुके हैं. इसके अलावे बिहार के साथ साथ अन्य राज्य के लोग भी लिट्टी चोखा खाने के लिए चौरसिया जी के यहां पहुंचते हैं.

यह भी पढ़ेंः Abhijeet Bhattacharya : 'लिट्टी चोखा लाओ नहीं तो...' नाराज सिंगर ने गाते-गाते बीच में रोका कॉन्सर्ट

फेमस है चौरसिया जी का लिट्टी-चोखाः पटना जंक्शन के पास में चौरसिया जी के लिट्टी-चोखा की दुकान पिछले 3 पीढ़ी से चल रही है. वर्ष 1956 से संचालित लिट्टी चोखा की दुकान की पहचान बिहार के अलावे अन्य राज्यों में भी है. दुकान पर सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ रहती है. बिहार के अलावे झारखंड, बंगाल, यूपी के लोग लिट्टी खाने के लिए पटना पहुंचते हैं. लोक गूगल कर चौरसिया जी की दुकान पर लिट्टी चोखा खाने के लिए पहुंचते हैं.

"हमने गूगल पर सर्च किया तो मुझे चौरसिया जी की दुकान के बारे में पता चला. इसके बाद बनारस से आकर लिट्टी चोखा खाया. वाकई में यहां का लिट्टी चोखा सच में लाजवाब है." -बनारस से आए ग्राहक

पटना में चौरसिया जी की दुकान पर लिट्टी चोखा का आनंद लेते ग्राहक
पटना में चौरसिया जी की दुकान पर लिट्टी चोखा का आनंद लेते ग्राहक

25 साल से ग्राहकों की पसंदः दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ जमी रहती है. कई ऐसे भी ग्राहक हैं जो 20 से 25 साल से इसी दुकान में लिट्टी चोखा खाने के लिए आते हैं. एक ग्राहक ने बताया कि "इस लिट्टी चोखा की दुकान में बचपन से हम आकर खा रहे हैं. 25 साल पहले 50 पैसे यहां लिट्टी चोखा मिल रहा था. अब 12 रुपए में मिल रहा है, लेकिन टेस्ट में आज तक कोई समझौता नहीं किया गया." एक शख्स ने बताया कि यहां के लिट्टी चोखा का स्वाद ही अलग होता है. "मैं अपने पिताजी के साथ बचपन से आकर यहां पर खाता हूं. आज मां के साथ लिट्टी चोखा खाने के लिए आया हूं"

पटना में चौरसिया जी की दुकान पर लिट्टी चोखा का आनंद लेते ग्राहक
पटना में चौरसिया जी की दुकान पर लिट्टी चोखा का आनंद लेते ग्राहक

1956 में दुकान की शुरुआतः दुकान का संचालन करने वाले अजय कुमार चौरसिया ने बताया कि 1956 में उनके पिता जी इस दुकान की शुरुआत की थी. तब से तीन पीढ़ी से दुकान चल रही है. अपने पिता के बाद अजय खुद दुकान संभालते हैं. अजय के बेटे भी दुकान का संचालन करते हैं. उन्होंने कहा कि यहां का लिट्टी चोखा का स्वाद ग्राहक को बहुत पसंद है. यही कारण है कि दुकान पर ग्राहकों की भीड़ रहती है. नेता-अभिनेता भी यहां के लिट्टी खाए हैं.

पटना में चौरसिया जी की दुकान में लिट्टी बनाते हुए.
पटना में चौरसिया जी की दुकान में लिट्टी बनाते हुए.

"1956 में मेरे पिताजी ने दुकान शुरू की थी. पिताजी के बाद मैं और मेरे बेटे दुकान को चला रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश, लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी के साथ बिहार के तमाम नेता यहां के लिट्टी चोखा का स्वाद चख चुके हैं. बड़े बड़े अभिनेता भी लिट्टी चोखा का स्वाद चख चुके हैं. शूटिंग के लिए आते हैं तो उनके लिए पार्सल भेजा जाता है. कई अभिनेता और अभिनेत्री दुकान में भी आकर लिट्टी चोखा खाते हैं." -अजय कुमार चौरसिया, संचालक

10 से 12 लोगों को रोजगारः चौरसिया ने बताया कि नेता के साथ-साथ जो अभिनेता बिहार आते हैं, वे भी मेरी दुकान का लिट्टी चोखा खाते हैं. बड़े कलाकार प्रोटोकॉल के कारण दुकान पर नहीं आते, लेकिन पार्सल मंगवाते हैं. 7:00 बजे से देर रात तक लिट्टी चोखा के दीवाने पहुंचते हैं. 10 से 12 लोगों को रोजगार भी दिया गया है. प्रति पीस लिट्टी ₹12 दी जाती है, जिसमें चोखा मिर्च प्याज रहता है.

अजय कुमार चौरसिया, दुकान के मालिक
अजय कुमार चौरसिया, दुकान के मालिक

मनोज तिवारी लिट्टी चोखा पर बना चुके हैं गानाः बता दें कि लिट्टी चोखा बिहार का पारंपरिक भोजन है. इसे आंटा से बनाया जाता है, जिसके अंदर सत्तु भरा जाता है और फिर इसे आग पर सेका जाता है. इसके बाद घी में डूबोकर बैंगन-टमाटर और आलू के चोखा के साथ परोसा जाता है, जो खाफी स्वादिष्ट होता है. इस लिट्टी चोखा पर भोजपुरी अभिनेता सह नेता मनोज तिवारी ने गाना भी बनाया है. 'इंटरनेशनल लिट्टी चोखा जे खईलस न पउलस दोखा' यह गाना आज भी काफी मशहूर है, जो बिहारियत को जीवित रखा है.

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