पटनाः जेडीयू महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा पर आखिरकार सीएम नीतीश ने चुप्पी तोड़ते हुए नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा कि वो दल के हर लोगों का सम्मान करते हैं. किसी को कोई रोक नहीं सकता, जिसे जहां जाना है वहां चला जाए मेरी शुभकामनाएं. सीएम के इस बयान पर जेडीयू नेता अजय आलोक ने ट्वीट कर सीएम नीतीश की तारीफ करते हुए पवन वर्मा पर तंज कसा.
अजय आलोक ने नीतीश कुमार की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए माफी देने वाले नेताओं की श्रेणी में खड़ा किया है. पूर्व जेडीयू प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने ट्वीट कर लिखा 'आपके कथन ने दिनकर की याद दिला दी “ क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो “ वर्तमान राजनीतिक परिवेश में ये कथन अगर ऐम्बैसडर साहब ने किसी और के बारे में कहा होता तो पता चलता. लेकिन आपका इतिहास तो लोगों को माफ करने का ही रहा हैं चाहे मांझी हो या कुशवाहा.'
पवन वर्मा को सीएम नीतीश की दो टूक
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पवन वर्मा बागी तेवर पर मीडिया को बयान दिया. इस दौरान उन्होंने पवन वर्मा मामले पर अपनी दो टूक राय रखी. मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि अपनी पार्टी के हर नेता और खास करके पवन वर्मा का वह काफी सम्मान करते हैं. पर, पवन वर्मा का इस तरह का विरोध करना ठीक नहीं है पवन वर्मा पार्टी की ओर से पूरी तरह से फ्री है उनको जहां जाना है जा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पवन वर्मा ने जो भी बयान दिया है वह उनकी निजी राय हो सकती है.
नीतीश को लिखे चिट्ठी से शुरू हुआ बबाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन को लेकर JDU के वरिष्ठ नेता पवन कुमार वर्मा ने सवाल उठाए. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा और CAA और NRC पर पार्टी की विचारधारा की स्पष्टता की मांग की.
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जेडीयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा था, 'मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन पर दोबारा विचार करें. ये बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है. ये बिल जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं, गांधी जी इसका पूरी तरह से विरोध करते.'