पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अन्ने मार्ग के संकल्प में ग्रामीण कार्य विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक में विभाग के सचिव विनय कुमार ने मुख्यमंत्री को योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी. मेंटेनेंस पॉलिसी के बारे में भी मुख्यमंत्री को बताया गया.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग के साथ 15 दिनों के अंदर दूसरी समीक्षा बैठक की है. बैठक में मुख्यमंत्री ने ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता बनी रहे इस पर विशेष जोर देने का निर्देश दिया. साथ ही पुल मेंटेनेंस पॉलिसी जल्द से जल्द तैयार हो इसका भी निर्देश दिया.
2020 तक पूरा करना है लक्ष्य
15 दिनों के अंदर ग्रामीण कार्य विभाग की दूसरी समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय कार्यक्रम के तहत टोला संपर्क योजना का काम 2020 तक पूरा करना है. मुख्यमंत्री ने कहा जो टोले बचे हुए हैं, वहां सड़क निर्माण का कार्य तय समय सीमा के अंदर हर हाल में पूरा किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों से कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के माध्यम से जो पैसा खर्च किया जा रहा है उसका उद्देश्य लोगों का समुचित लाभ दिलाना है.
सड़कों का रखरखाव जरूरी
मुख्यमंत्री ने गांव में पक्की गली निर्माण की भी जानकारी ली. उन्होंने कहा कि गांव और टोला दोनों को सड़क से जोड़कर हर हाल में संपर्क बहाल किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा वाहनों की संख्या बढ़ रही है इसलिए सड़कों के निर्माण के साथ उनका रखरखाव भी जरूरी है. नई रोड मेंटेनेंस पॉलिसी बनाई गई है. पुलों के मेंटेनेंस पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
सड़क किनारे वृक्ष लगाने का दिया निर्देश
मुख्य सचिव से मुख्यमंत्री ने कहा कि पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग की बैठक कर पुल मेंटेनेंस पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जाए, यह बहुत जरूरी है. मुख्यमंत्री ने बैठक में सड़कों के किनारे अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का भी निर्देश दिया. जिन सड़कों की ऊंचाई अधिक है वहां दो कतार में वृक्ष लगाने का भी निर्देश दिया.
निगरानी में करें तकनीक का प्रयोग- सीएम
बैठक में मुख्यमंत्री ने सड़कों की गुणवत्ता की निगरानी करने वाले अभियंताओं को नई पॉलिसी और स्कीम के बारे में जानकारी के साथ प्रशिक्षण देने की भी जरूरत बताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों की निगरानी में तकनीक का प्रयोग होना चाहिए और इसकी समीक्षा मुख्यालय स्तर पर भी होना जरूरी है. सड़कों के मेंटेनेंस रिपोर्ट की नियमित जांच करने का निर्देश भी दिया. बैठक में ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री शैलेश कुमार, मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह सहित मुख्यमंत्री सचिवालय के सभी पदाधिकारी मौजूद थे.