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कोविड से मौत की अधूरी लिस्ट पर भड़के CM, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से बोले- '..ये ठीक नहीं है' - पटना लेटेस्ट न्यूज

जनता दरबार में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आज फरियादियों की समस्या सुन रहे हैं और तुरंत उसका समाधान भी कर रहे हैं. बड़ी संख्या में फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

जनता दरबार कार्यक्रम
जनता दरबार
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Published : Dec 13, 2021, 12:36 PM IST

Updated : Dec 13, 2021, 7:03 PM IST

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार ( CM Nitish Janta Darbar ) में शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आईटी, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतें सुनीं. इस दौरान बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार में शिकायत सुनने के दौरान जनता और अफसर दोनों पर गरम (CM Nitish Angry In Janta Darbar ) हो गए.

ये भी पढ़ें:'मेरी आंगनबाड़ी पत्नी की मौत हो गई सर.. 15 महीने बाद भी नहीं मिला मुआवजा' सुनकर हैरान हुए CM नीतीश

दरअसल, कुछ फरियादी अपने परिजनों की कोविड से मौत होने के बाद उस लिस्ट में नाम नहीं होने की समस्या को लेकर सीएम से मिले. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने बिहार में कोरोना से मौत की अधूरी लिस्ट को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार को बुलाया. उन्होंने प्रधान सचिव से इस मामले को गंभीरता से समीक्षा करने के लिए कहा. सीएम ने कहा कि 'जब इतना सब करने के बाद भी शिकायतें आ रही हैं, तो काहे ये सब हो रहा है'. उन्होंने प्रधान सचिव से कहा कि मामले की गंभीरता से जांच करें और लोगों की समस्याओं का समाधान करें.

बता दें कि जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

प्रथम सोमवार : गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाएंगे.

द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभाग.

तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभाग.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आए हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी गई है.

ये भी पढ़ें:'जनता दरबार में मुख्यमंत्री': CM नीतीश इन विभागों की सुन रहे हैं शिकायतें

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पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार ( CM Nitish Janta Darbar ) में शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आईटी, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतें सुनीं. इस दौरान बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार में शिकायत सुनने के दौरान जनता और अफसर दोनों पर गरम (CM Nitish Angry In Janta Darbar ) हो गए.

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दरअसल, कुछ फरियादी अपने परिजनों की कोविड से मौत होने के बाद उस लिस्ट में नाम नहीं होने की समस्या को लेकर सीएम से मिले. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने बिहार में कोरोना से मौत की अधूरी लिस्ट को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार को बुलाया. उन्होंने प्रधान सचिव से इस मामले को गंभीरता से समीक्षा करने के लिए कहा. सीएम ने कहा कि 'जब इतना सब करने के बाद भी शिकायतें आ रही हैं, तो काहे ये सब हो रहा है'. उन्होंने प्रधान सचिव से कहा कि मामले की गंभीरता से जांच करें और लोगों की समस्याओं का समाधान करें.

बता दें कि जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

प्रथम सोमवार : गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाएंगे.

द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभाग.

तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभाग.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आए हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी गई है.

ये भी पढ़ें:'जनता दरबार में मुख्यमंत्री': CM नीतीश इन विभागों की सुन रहे हैं शिकायतें

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Last Updated : Dec 13, 2021, 7:03 PM IST
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