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समीक्षा बैठक में नीतीश का निर्देश- रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में दें ध्यान - high level meeting

बैठक में मुख्यमंत्री ने जल संचय, जल का दुरुपयोग रोकने और जल संकट से निपटने के साथ ग्राउंड वाटर ऐप पर अधिकारियों को कई निर्देश दिए. इस बैठक में मुख्यमंत्री को बिहार ग्राउंड वाटर कंजर्वेशन बिल 2019 से संबंधित प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया.

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Published : Jun 22, 2019, 11:32 PM IST

पटना: बिहार का लगभग हर जिला इनदिनों जल-संकट की समस्या से जूझ रहा है. इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल संसाधन और लघु जल संसाधन विभाग के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने जल संचय, जल का दुरुपयोग रोकने और जल संकट से निपटने के साथ ग्राउंड वाटर ऐप पर अधिकारियों को कई निर्देश दिए. लघु जल संसाधन विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया. इसके लिए उन्होंने सरकारी भवनों, ऊंचे स्थलों, स्कूलों, सार्वजनिक संस्थानों के छतों पर वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था शुरू करने की प्लांनिग बनाने का निर्देश दिया.

इसके अलावे मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छोटी-छोटी नदियों के वाटर मूवमेंट को सुनिश्चित करने के लिए काम करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि चेक डैम भी बनाया जाए. जिससे पानी की उपलब्धता के साथ वाटर लेवल भी मेंटेन रह सके. इस बैठक में मुख्यमंत्री को बिहार ग्राउंड वाटर कंजर्वेशन बिल 2019 से संबंधित प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया.

विभागों को सामंजस्य बनाकर काम करने का दिया आदेश
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों से सरफेस वाटर की उपयोगिता को जरूरी बताया. उन्होंने इस दिशा में काम करने की आवश्यकता बताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो एक्ट बनाया गया है, उसके लिए अन्य विभागों जैसे जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन, विभाग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पंचायती राज विभाग, विधि विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास विभाग, कृषि विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, वन विभाग एवं संबंधित विभाग आपस में बैठकर एक फ्यूचर प्लान बना लें. ताकि इसे बेहतर ढंग से लागू किया जा सके.

पटना: बिहार का लगभग हर जिला इनदिनों जल-संकट की समस्या से जूझ रहा है. इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल संसाधन और लघु जल संसाधन विभाग के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने जल संचय, जल का दुरुपयोग रोकने और जल संकट से निपटने के साथ ग्राउंड वाटर ऐप पर अधिकारियों को कई निर्देश दिए. लघु जल संसाधन विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया. इसके लिए उन्होंने सरकारी भवनों, ऊंचे स्थलों, स्कूलों, सार्वजनिक संस्थानों के छतों पर वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था शुरू करने की प्लांनिग बनाने का निर्देश दिया.

इसके अलावे मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छोटी-छोटी नदियों के वाटर मूवमेंट को सुनिश्चित करने के लिए काम करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि चेक डैम भी बनाया जाए. जिससे पानी की उपलब्धता के साथ वाटर लेवल भी मेंटेन रह सके. इस बैठक में मुख्यमंत्री को बिहार ग्राउंड वाटर कंजर्वेशन बिल 2019 से संबंधित प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया.

विभागों को सामंजस्य बनाकर काम करने का दिया आदेश
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों से सरफेस वाटर की उपयोगिता को जरूरी बताया. उन्होंने इस दिशा में काम करने की आवश्यकता बताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो एक्ट बनाया गया है, उसके लिए अन्य विभागों जैसे जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन, विभाग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पंचायती राज विभाग, विधि विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास विभाग, कृषि विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, वन विभाग एवं संबंधित विभाग आपस में बैठकर एक फ्यूचर प्लान बना लें. ताकि इसे बेहतर ढंग से लागू किया जा सके.

Intro:पटना-- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक अन्ने मार्ग के संकल्प में जल संसाधन और लघु जल संसाधन विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने जल संचय जल के दुरुपयोग रोकने और जल संकट से निपटने के साथ ग्राउंड वाटर ऐप पर अधिकारियों को कई निर्देश दिए। लघु जल संसाधन विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया इसके लिए सरकारी भवनों, ऊंचे स्थलों, स्कूलों, सार्वजनिक संस्थानों के छतों पर वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था शुरू करने के लिए प्लांनिग बनाने का निर्देश दिया । मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि छोटी छोटी नदियों के वाटर मूवमेंट को सुनिश्चित करने के लिए काम करने की जरूरत है । मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि चेक डैम भी बनाया जाए जिससे पानी की उपलब्धता के साथ वाटर लेवल भी मेंटेन रह सके। मुख्यमंत्री को बिहार ग्राउंड वाटर कंजर्वेशन बिल 2019 से संबंधित प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया जिसमें ग्राउंड वाटर का दुरुपयोग को रोकना और इसके लिए विभागों के बीच सामंजस्य बनाना और जागरूकता लाना भी है।


Body:लघु जल संसाधन की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर देने और प्लानिंग बनाने का निर्देश दिया मंत्री ने कहा वर्षा जल संचित होने से उसको प्यूरिफाई कर पीने के साथ-साथ अन्य कामों के लिए उपयोग किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों से सरफेस वाटर की उपयोगिता को जरूरी बताया और इसके लिए काम करने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो एक्ट बनाया गया है उसके लिए अन्य विभागों जैसे जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन, विभाग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पंचायती राज विभाग, विधि विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास विभाग, कृषि विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, वन विभाग एवं संबंधित विभाग आपस में बैठकर एक फ्यूचर प्लान बना ले ताकि से बेहतर ढंग से लागू किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरफेस वाटर का सदुपयोग हो इसके लिए योजनाएं भी बनाई जाए और ग्राउंड वाटर के रिचार्ज के लिए काम करने की जरूरत है ताकि भू जलस्तर मेंटेन रह सके।


Conclusion: मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना क्षेत्र 3बी तथा भू अर्जन और पुनर्वास निदेशालय का विघटन के संबंध में समीक्षा की। विभाग की ओर से इसको लेकर प्रेजेंटेशन दिया गया । बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना को पांच चरणों में पूरा करना है इसके लिए भारत सरकार से अनुमति मिल चुकी है कुछ चरणों का काम पूरा हुआ है बाकी चरणों को तेजी से पूर्ण करने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया।
समीक्षा बैठक में जल संसाधन और लघु जल संसाधन विभाग के मंत्री के अलावे सभी आला अधिकारी मौजूद थे ।
अविनाश, पटना।
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