पटना: बिहार का लगभग हर जिला इनदिनों जल-संकट की समस्या से जूझ रहा है. इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल संसाधन और लघु जल संसाधन विभाग के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने जल संचय, जल का दुरुपयोग रोकने और जल संकट से निपटने के साथ ग्राउंड वाटर ऐप पर अधिकारियों को कई निर्देश दिए. लघु जल संसाधन विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया. इसके लिए उन्होंने सरकारी भवनों, ऊंचे स्थलों, स्कूलों, सार्वजनिक संस्थानों के छतों पर वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था शुरू करने की प्लांनिग बनाने का निर्देश दिया.
इसके अलावे मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छोटी-छोटी नदियों के वाटर मूवमेंट को सुनिश्चित करने के लिए काम करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि चेक डैम भी बनाया जाए. जिससे पानी की उपलब्धता के साथ वाटर लेवल भी मेंटेन रह सके. इस बैठक में मुख्यमंत्री को बिहार ग्राउंड वाटर कंजर्वेशन बिल 2019 से संबंधित प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया.
विभागों को सामंजस्य बनाकर काम करने का दिया आदेश
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों से सरफेस वाटर की उपयोगिता को जरूरी बताया. उन्होंने इस दिशा में काम करने की आवश्यकता बताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो एक्ट बनाया गया है, उसके लिए अन्य विभागों जैसे जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन, विभाग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पंचायती राज विभाग, विधि विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास विभाग, कृषि विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, वन विभाग एवं संबंधित विभाग आपस में बैठकर एक फ्यूचर प्लान बना लें. ताकि इसे बेहतर ढंग से लागू किया जा सके.