पटना: प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की 132वीं जयंती समारोह को धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर मुख्य सचिवालय प्रांगण में स्थित उनकी प्रतिमा पर राज्यपाल फागु चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि दी.
राजकीय समारोह का हुआ आयोजन
बिहार केसरी के नाम से मशहूर श्री कृष्ण सिंह की 132वीं जयंती राजकीय समारोह के साथ धूमधाम से मनाई जा रही है. मुख्य सचिवालय में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राज्यपाल फागु चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं, इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, उद्योग मंत्री श्याम रजक सहित विधायक अरुण सिन्हा ने श्रीबाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
श्रीकृष्ण बाबू का प्रारंभिक जीवन
बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह का जन्म 21 अक्टूबर 1887 को नवादा जिले के खानवा में हुआ था. उनके पिता भूमिहार परिवार के एक धार्मिक, मध्यम श्रेणी के सदस्य थे. उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल में और मुंगेर में हुई. 1906 में वह पटना कॉलेज में शामिल हो गए, जो तब कलकत्ता विश्वविद्यालय का एक सहयोगी था. उन्होंने कानून का अध्ययन किया और 1915 से मुंगेर की जिला अदालत में अभ्यास करना शुरू किया.
बिहार के विकास में अहम योगदान
कांग्रेस पार्टी से श्रीकृष्ण सिंह बिहार के पहले मुख्यमंत्री बने थे. श्रीबाबू के कार्यकाल में जमींदारी प्रथा समाप्त हुई. वहीं, उनके कार्यकाल में एशिया की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग उद्योग, हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन, भारत का सबसे बड़ा बोकारो इस्पात प्लांट, देश का पहला खाद कारखाना सिंदरी में, बरौनी रिफाइनरी, सहित कई औद्योगिक प्लांटों को विकसित किया गया. श्री बाबू ने बिहार के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. जिसको कभी भुलाया नहीं जा सकता है.