पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में आज अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर पर जागरुकता अभियान चलाया गया. पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) पर सीआईएसएफ के जवानों ने यात्रियों को नशीली पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बताया. इसके साथ ही एयरपोर्ट पर उपस्थित लोगों को नशीली दवाओं का सेवन न करने की अपील की.
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सीआईएसएफ के अधिकारी रहे मौजूद
इस जागरुकता अभियान के दौरान पटना एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ के अधिकारी मनोज कुमार (CISF Officer Manoj Kumar) भी उपस्थित रहे. इस दौरान उन्होंने भी लोगों को जागरूक करते हुए नशीली पदार्थों का सेवन न करने की अपील की.
"नशे की लत से कई जिंदगी बर्बाद हुई है. लोगों को चाहिए कि नशे की लत को छोड़े और जिंदगी से नाता जोड़े. आज अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर पर सभी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. हम चाहते है कि लोग नशे के लत को छोड़ दें." -मनोज कुमार, सीआइएसएफ अधिकारी
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जानिए कब पारित किया गया था अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस
अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस (International Anti-Drugs Day) प्रत्येक वर्ष 26 जून को मनाया जाता है. नशीली पदार्थों के निवारण के लिए 'संयुक्त राष्ट्र महासभा' ने 7 दिसम्बर, 1987 को प्रस्ताव संख्या 42/112 पारित कर हर वर्ष 26 जून को 'अंतर्राष्ट्रीय नशा व मादक पदार्थ निषेध दिवस' मानाने का निर्णय लिया था. यह दिवस यह एक तरफ लोगों में चेतना फैलाता है, वहीं दूसरी ओर नशे के लती लोगों के उपचार की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण कार्य करता है.
निवारण का किया जाता है उल्लेख
इस अवसर पर मादक पदार्थों से मुकाबले के लिए विभिन्न देशों के माध्यम से उठाये गये कदमों और इस मार्ग में उत्पन्न चुनौतियों और उनके निवारण का उल्लेख किया जाता है. इस अवसर पर मादक पदार्थों के उत्पादन, तस्करी और सेवन के दुष्परिणामों से लोगों को अवगत कराया जाता है.
नशीली पदार्थों से होने वाले नुकसान-
- शरीर में लीवर फेफड़े, हृदय रोग, अस्थमा, गुर्दे जैसे रोग की बीमारी होती है.
- सांस लेने में तकलीफ होता है.
- केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) प्रभावित होता है.
- व्यक्ति हमेशा चिढ़ा हुआ और मानसिक तनाव से ग्रसित होता है.
- व्यक्ति आर्थिक, मानसिक और शारीरिक सभी से कमजोर हो जाता है.
- व्यक्ति अपने समाज और परिवार से बिलकुल दूर होता जाता है.
- नशा करने वाला व्यक्ति सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं का शिकार भी होता है
रोकथाम और उपाय-
- निगरानी में डिटॉक्स करना.
- एक्सपर्ट के साथ अकेले में बातचीत.
- ग्रुप डिस्कशन करना.
- योगा, बीच पर जाना, ध्यान और एक्ससाइज की क्लासेस करना.
- परिवार के साथ पसंद के काम करने की सलाह लेते रहना.
- नशे के लत पलटकर न आए इसका इंतजाम करना.