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चाचा को मंत्री पद देने पर चिराग ने ट्वीट कर ऐसे जताई नाराजगी, दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर की याचिका - चिराग ने चाचा पशुपति पर लगाया आरोप

केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार (Union Cabinet Expansion) को लेकर चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) पर धोखेबाजी का आरोप लगाया है. उन्होंने सदन के फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में याचिका दाखिल की. इस बात की जानकारी उन्होंन ट्वीट कर दी है. पढ़ें पूरी खबर...

Chirag Paswan
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Published : Jul 7, 2021, 5:19 PM IST

पटना: चिराग पासवान (Chirag Paswan) और पशुपति पारस (Pashupati Paras) के बीच महासंग्राम छिड़ा हुआ है. वहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार (Union Cabinet Expansion) को लेकर चिराग पासवान ने चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) पर धोखेबाजी का आरोप लगाया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फ़ैसले जिसमें पशुपति पारस जी को लोजपा का नेता सदन माना था के फ़ैसले के ख़िलाफ़ दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में याचिका दाखिल की गई है. उन्होंने इसको लेकर एक के बाद एक लगातार चार ट्वीट किए हैं.

यह भी पढ़ें - पशुपति: भाई के चलते राजनीति में आए, भतीजे से छेड़ी लड़ाई, अब मंत्री बनने की राह पर

चिराग पासवान ने पहला ट्वीट कर लिखा कि, "पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से श्री पशुपति कुमार पारस जी को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है."

  • पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से श्री पशुपति कुमार पारस जी को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है।

    — युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) July 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दूसरे ट्वीट में चिराग लिखते हैं, "प्रधानमंत्री जी के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं।लेकिन जहां तक LJP का सवाल है श्री पारस जी हमारे दल के सदस्य नहीं हैं।पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री, उनके गुट से बनाया जाए तो LJP का कोई लेना देना नहीं है."

  • प्रधानमंत्री जी के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं।लेकिन जहां तक LJP का सवाल है श्री पारस जी हमारे दल के सदस्य नहीं हैं।पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री,उनके गुट से बनाया जाए तो LJP का कोई लेना देना नहीं है

    — युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) July 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, "लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से श्री पशु पति पारस जी को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फ़ैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी जो अभी भी विचाराधीन है."

  • लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से श्री पशु पति पारस जी को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फ़ैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी जो अभी भी विचाराधीन है।

    — युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) July 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

चिराग पासवान ने चौथे ट्वीट में लिखा कि, "लोक जनशक्ति पार्टी ने आज माननीय लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फ़ैसले जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद श्री पशुपति पारस जी को लोजपा का नेता सदन माना था के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है."

  • लोक जनशक्ति पार्टी ने आज माननीय लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फ़ैसले जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद श्री पशुपति पारस जी को लोजपा का नेता सदन माना था के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है।

    — युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) July 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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चिराग पासवान ने पहला ट्वीट कर लिखा कि, "पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से श्री पशुपति कुमार पारस जी को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है."

  • पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से श्री पशुपति कुमार पारस जी को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है।

    — युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) July 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दूसरे ट्वीट में चिराग लिखते हैं, "प्रधानमंत्री जी के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं।लेकिन जहां तक LJP का सवाल है श्री पारस जी हमारे दल के सदस्य नहीं हैं।पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री, उनके गुट से बनाया जाए तो LJP का कोई लेना देना नहीं है."

  • प्रधानमंत्री जी के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं।लेकिन जहां तक LJP का सवाल है श्री पारस जी हमारे दल के सदस्य नहीं हैं।पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री,उनके गुट से बनाया जाए तो LJP का कोई लेना देना नहीं है

    — युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) July 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, "लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से श्री पशु पति पारस जी को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फ़ैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी जो अभी भी विचाराधीन है."

  • लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से श्री पशु पति पारस जी को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फ़ैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी जो अभी भी विचाराधीन है।

    — युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) July 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

चिराग पासवान ने चौथे ट्वीट में लिखा कि, "लोक जनशक्ति पार्टी ने आज माननीय लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फ़ैसले जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद श्री पशुपति पारस जी को लोजपा का नेता सदन माना था के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है."

  • लोक जनशक्ति पार्टी ने आज माननीय लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फ़ैसले जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद श्री पशुपति पारस जी को लोजपा का नेता सदन माना था के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है।

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