पटना: बिहार के पटना-गया रेलखंड के नदौल रेलवे स्टेशन के पास बच्चे देसी शराब (Children selling liquor near Nadol station) बेचने के काम में लिप्त हैं. जिस उम्र में इन मासूमों के हाथ में किताब-काॅपी होनी चाहिए थी, उसी हाथ से यह शराब बेचने को मजबूर हैं. शराब का अवैध कारोबार करने वाले लोगों ने बच्चों को भी नहीं बख्शा है. अवैध शराब के धंधेबाज नदौल रेलवे स्टेशन के पास प्लास्टिक के डिब्बे में अवैध देसी महुआ चुलाई शराब रखकर उसे बच्चों से बेचवा रहे हैं.
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सात साल से सूबे में लागू है शराबबंदी: यूं तो बिहार में पिछले सात साल से शराबबंदी कानून लागू है. अक्सर सूबे की सरकार शराब को बंद करने की उपलब्धि का सेहरा अपने सिर पर बांधती नजर आती है, लेकिन इनका प्रशासनिक अमला इस कदर शिथिल है, कि आजतक पूरी तरह से शराब पर पाबंदी नहीं लग पाई है. हर जगह चोरी-छिपे देशी और अंग्रेजी शराब की बिक्री और सेवन करने का मामला सामने आता रहता है. ये सारे तो वैसे केस होते हैं जो प्रशासन की नजर में आ जाते हैं और उनपर कार्रवाई होती है. दीगर यह कि कार्रवाई होने वाले मामलों से कहीं ज्यादा शराब बिक्री और सेवन के मामले सामने ही नहीं आ पाते.
शर्मनाक है बच्चों से शराब बिकवानाः ऐसे ही शराबबंदी वाले बिहार में पटना-गया रेलखंड के नदौल रेलवे स्टेशन के पास की यह तस्वीर काफी शर्मनाक है. जहां बच्चों के हाथ से शराब बिकवाई जा रही है. यहां पर स्टेशन के किनारे झुग्गी झोपड़ी में मुसहरी के बच्चे खुलेआम अवैध देसी शराब बेचते नजर आते है. स्थानीय लोगों की माने तो शराब कारोबारी इस धंधे में अब बच्चों को लगा रहे हैं. ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि पुलिस इन बच्चों को नहीं पकड़ सकती है. क्योंकि इन पर कोई अपराध नहीं बनता है. इसलिए नाबालिग बच्चों से शराब का धंधा करवाया जा रहा.
बच्चों को धंधे से कराया जाएगा मुक्तः बच्चों से नदौल स्टेशन के करीब शराब बेचवाने की बाबत मद्य निषेध विभाग के सुपरिटेंडेंट संजय कुमार चौधरी ने बताया कि सूचना मिली है और उन सभी बच्चों को इन देसी शराब के धंधे से मुक्त कराया जाएगा. शराब के बड़े-बड़े कारोबारी इन बच्चों से शराब बिकवा रहे हैं, ताकि उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो,लेकिन लगातार अवैध देसी शराब के खिलाफ उत्पाद विभाग की छापेमारी चल रही है.
"सूचना मिली है और उन सभी बच्चों को इन देसी शराब के धंधे से मुक्त कराया जाएगा. शराब के बड़े-बड़े कारोबारी इन बच्चों से शराब बिकवा रहे हैं, ताकि उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो, लेकिन लगातार अवैध देसी शराब के खिलाफ उत्पाद विभाग की छापेमारी चल रही है"- संजय कुमार चौधरी, सुपरीटेंडेंट, उत्पाद विभाग, मसौढी