पटनाः कोरोना संक्रमण की वजह से लगभग 1 साल से बंद पड़े विद्यालय अब धीरे-धीरे खुलने लगे हैं. केंद्रीय गाइडलाइंस के बाद बिहार सरकार अपने राज्य में चरणबद्ध तरीके से विद्यालय खोलना शुरू कर दिया है. पहले नौवीं से बारहवीं तक के विद्यालय खोले गए थे. और आज छठी से 8वीं तक सभी विद्यालयों को खोल दिया गया है. विद्यालय पहुंचने से बच्चों में खुशी का माहौल है. सरकार द्वारा लिए गए फैसले को अभिभावक भी सही मान रहे हैं.
सरकार का फैसला सही
बच्चों के विद्यालय खुलने से अभिभावक भी खुश हैं. उनका कहना है कि सरकार ने जो फैसला लिया है, वह सही है. क्योंकि बिहार में कोरोना संक्रमण के मरीज अब ना के बराबर हैं. अब स्कूल बंद रखना उचित नहीं है. जो बच्चे एक साल से घर पर थे, उनकी पढ़ाई बाधित हो रही थी. जिसकी वजह से उनका मानसिक विकास नहीं हो पा रहा था. हालांकि स्कूल बंद पड़े थे, तो सरकार द्वारा ऑनलाइन के माध्यम से पढ़ाई तो होती थी. लेकिन जो पढ़ाई होनी चाहिए थी, वह ऑनलाइन क्लास के माध्यम से नहीं हो पा रही थी.
अब जब स्कूल खुल चुके हैं और बच्चे स्कूल जाना शुरू कर चुके हैं. तो निश्चित तौर पर उनका मानसिक विकास भी होगा. वह अपने मित्रों से भी मिल सकेंगे. क्योंकि घर में बैठे बच्चे बोर भी हो रहे थे. लेकिन हर स्कूल में अब भी कोविड-19 गाइडलाइन को फॉलो करना और करवाना जरूरी है.
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बच्चों को देना चाहिए ग्रेड मार्क
अभिभावकों का मानना है कि संक्रमण के दौरान बंद पड़े स्कूल बच्चों की शिक्षा पूरी नहीं हो पाई थी. फिर भी सरकार के तरफ से बच्चों की परीक्षा ली जा रही है, वह बिल्कुल सही है. अभी प्लस टू का एग्जाम हो रहा है. और कुछ दिन में ही मैट्रिक का भी एग्जाम होना है. लेकिन स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाई थी. सरकार से हम सिर्फ एक ही डिमांड करते हैं कि जो भी बच्चे एग्जाम दे रहे हैं, उनका रिजल्ट सही आए. उसके लिए सरकार को ग्रेड मार्क भी बच्चों को देनी चाहिए.